Mahamrityunjay mantra in hindi

  1. Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र Lyrics & Chupai in Hindi
  2. महामृत्युंजय मंत्र का हिन्दी अर्थ, कब और कैसे किया जाता है इसका जप
  3. Mahamrityunjay Mantra
  4. महामृत्युंजय मंत्र और अर्थ
  5. Maha Mrityunjaya Mantra
  6. महा मृत्‍युंजय मंत्र
  7. Maha Mrityunjaya Mantra in Sanskrit with Meaning – ReSanskrit
  8. Mahamrityunjaya Mantra: जानें


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Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र Lyrics & Chupai in Hindi

Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र ॐ त्र्यं॑बकं यजामहे सु॒गन्धिं॑ पुष्टि॒वर्ध॑नम् । उ॒र्वा॒रु॒कमि॑व॒ बन्ध॑नान् मृ॒त्योर् मुक्षीय॒ माऽमृता॑त् Mahamrityunjaya Mantra: समस्त संसार के पालनहार , तीन नेत्रों वाले शिव की हम आराधना करते हैं ! विश्व में सुरभि फ़ैलाने वाले भगवान् शिव मृत्यु न की मोक्ष से हमे मुक्ति दिलाये Mahamrityunjaya Mantra Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र Lyrics in Hindi Mahamrityunjaya Mantra Lyrics मृत्युंजय चालीसा यह जो है गुणों की खान। अल्प मृत्यु ग्रह दोष सब तन के कष्ट महान। छल व कपट छोड़ कर जो करे नित्य ध्यान। सहजानंद है कह रहे मिटे सभी अज्ञान। मृत्युंजय चालीसा इस घोर कलयुग में पूर्ण रूपेण गुणों की खान है। किसी की जन्म कुण्डली में अल्प आयु हो, और किसी भी तरह का शरीर को कष्ट हो, कैसी भी आधि-व्याधि हो, ग्रहों के द्वारा महान दोष हो; तब अगर मनुष्य छल, कपट और बुरी भावना का त्याग करके नित्य इस चालीसा का पाठ करता है तो स्वामी सहजानंद नाथ कहते हैं कि उसकी सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है, ज्ञान का प्रकाश उदय होता है और अज्ञानता खत्म होती है तथा परिवार में सौहार्द का वातावरण बनता है। Mahamrityunjaya Mantra Chaupai जय मृत्युंजय जग पालन कर्ता। अकाल मृत्यु दुख सबके हर्ता। मृत्युंजय भगवान ही इस संसार के पालनकर्ता हैं और अकाल मृत्युसे तथा दु:खों से सबको निजात दिलाते हैं। अष्ट भुजा तन प्यारी । देख छवि जग मति बिसारी। आपकी आठों भुजाएं आपके शरीर में इतनी प्यारी लगती हैं कि आपके रूप को देखकर सारा संसार मोह माया से दूर हो जाता है और अपने आपको भूल जाता है। चार भुजा अभिषेक कराये। | दो से सबको सुधा पिलाये। आप चार हाथों से अमृत से स्वयं का अभिषेक कर रहे हैं | और दो ...

महामृत्युंजय मंत्र का हिन्दी अर्थ, कब और कैसे किया जाता है इसका जप

रिलिजन डेस्क. महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में मिलताहै। वहीं शिवपुराण सहित अन्य ग्रंथो में भीइसका महत्व बताया गया है। संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो मृत्यु को जीतने वाला हो। इसलिए भगवान शिव की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप किया जाता है। इसके जप से संसार के सभी कष्ट से मुक्ति मिलती हैं। ये मंत्र जीवन देने वाला है। इससे जीवनी शक्ति तो बढ़ती ही है साथ ही सकारात्मकता बढ़ती है। महामृत्युंजय मंत्र के प्रभाव से हर तरह का डर और टेंशन खत्म हो जाती है। शिवपुराण में उल्लेख किए गए इस मंत्र के जप से आदि शंकराचार्य को भी जीवन की प्राप्ती हुई थी। • महामृत्युंजय मंत्र ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !! • महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ त्रयंबकम- त्रि.नेत्रों वाला ;कर्मकारक। यजामहे- हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देय। सुगंधिम- मीठी महक वाला, सुगंधित। पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति, फलने वाला व्यक्ति। जीवन की परिपूर्णता वर्धनम- वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है। उर्वारुक- ककड़ी। इवत्र- जैसे, इस तरह। बंधनात्र- वास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है। मृत्यु- मृत्यु से मुक्षिया, हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें। मात्र न अमृतात- अमरता, मोक्ष। • महामृत्युंजय मंत्र कासरल अनुवाद इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं। • महामृत्युंजय मंत्र का जप ऐसे किया जाता है रोज रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु...

Mahamrityunjay Mantra

महामृत्युंजय मंत्र : जानिए मृत्यु को टालने वाले मंत्र की रचना की कथा हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra) बहुत ही चमत्कारी और शक्तिशाली मंत्र है। कहते है कि, महामृत्युंजय मंत्र के जाप से काल अर्थात मृत्यु का संकट भी टल जाता है। भगवान शिव का ये चमत्कारी मंत्र हर विपदा को शीघ्र ही टाल देता है। आइये जान लेते है महामृत्युंजय मंत्र की रचना कैसे और किसके द्वारा हुई : हिन्दू धर्म में भगवान शिव की पूजा-आराधना और उनके मंत्रों के जाप का एक अलग विशेष महत्व माना गया है। हिन्दू धर्म के समस्त देवों में भगवान शिव को “आदिनाथ” अर्थात सबसे पुरातन और सबसे उच्च का स्थान प्राप्त है। भगवान शिव का दूसरा नाम “महाकाल” भी है अर्थात जो कालों के काल है या आप ये कह सकते है काल भी जिसे नमन करे वो महाकाल है। मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा अगर आप पर हो जाए तो काल भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। वैदिक धर्म शास्त्रों में भगवान शिव के कई चमत्कारी मंत्रों का उल्लेख किया गया हैं। भगवान शिव के अनेकों मन्त्रों में से एक है “महामृत्युंजय मंत्र“। यह मंत्र ऊर्जावान और बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। मान्यता अनुसार, “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप यदि एक निश्चित संख्या में किया जाता है तो बड़े से बड़ा असाध्य रोग भी खत्म हो जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु अर्थात मृत्यु का संकट भी टल जाता है। यदि किसी की जन्म कुंडली में अकाल मृत्यु का दुर्योग बन रहा हो, तो उसके लिए “महामृत्युंजय मंत्र” के जाप का उपाय बताया गया है। इतना ही नहीं इस मंत्र के जाप से मनुष्य की आयु लंबी होती है। खास तौर से सावन के महीने में “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करना बहुत ही शु...

महामृत्युंजय मंत्र और अर्थ

महामृत्युंजय मंत्र की व्याख्या, पूजा विधि व फायदे – Mahamrityunjay Mantra in Hindi महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ है मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र, इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु का डर भी समाप्त हो जाता है। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को समर्पित है इस मंत्र की रचना ऋषि मार्कण्डेय ने की थी,इस मंत्र को त्रयंबकम मंत्र, रुद्र मंत्र और मृत्यु-संजीवनी मंत्र भी कहते है। इस लेख मे हम भगवान शिव के सबसे शक्तिशाली मंत्र महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra ) को जानेंगे- भक्तो के साथ शेयर करना ना भूले Mahamrityunjay Mantra in Hindi त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥ महामृत्युंजय मंत्र Mahamrityunjay Mantra Meaning in Hindi अर्थात – हम तीन नेत्रों वाले भगवान शिव की महिमा करते है, जो प्रतेक सांस में जीवन शक्ति का संचार करते है जो सम्पूर्ण जगत का पालन पोषण करते है, उनसे हम प्रार्थना करते है की जिस प्रकार कोई फल पक जाने के उपरांत पेड़ रुपी संसार का त्याग कर देता है उसी प्रकार हम भी इस संसार रुपी पेड में पक जाने के उपरांत जन्म और मृत्यु के बंधनो से सदा के लिये मुक्त हो जाये, तथा आपके चरणो के अमृत धारा का पान करते हुये शरीर को त्याग कर आप में लीन हो जाये और सभी बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति हो । Read- यजुर्वेद मे लिखित मंत्र महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति ऋग्वेद वेद के सातवे अध्याय, और यजुर्वेद के तीसरे अध्याय और अथर्व वेद के चौदहवें छंद में जिक्र मीलता है। महामृत्युंजय मंत्र इतना शक्तिशाली है की इसे वेद का हृदय भी माना जाता है महामृत्युंजय मंत्र की पूजा विधि महामृत्युंजय मंत्र का जाप, पूर्व दि...

Maha Mrityunjaya Mantra

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushti-Vardhanam Urvarukamiva Bandhanan Mrityormukshiya Mamritat॥ Meaning: We concentrate on our third eye which lies behind the two eyes and this gives us the power to feel you and by this we feel happy, satisfied and peace in life. We know immortality is not possible but some extension can be given to our death by your powers It is popularly referred to as the heart of the Vedas. In times of distress and failure, the maha mrityunjaya mantra is said to uplift people from the trap of failure and rejuvenate them to think about the purpose of their life. It is said to be a healing force that works throughout the world. Maha” which means Great , “Mrityun” means Death and “Jaya” mean Victory which turns into Conquer or victory over death. It is also known as “Rudra Mantra” or “Trayambakam Mantra”. Rudra refers to Maha Mrityunjaya Mantra

महा मृत्‍युंजय मंत्र

सूचना • महा मृत्‍युंजय मंत्र का जाप सुबह ९ बार घर से निकलने के पाहिले एव रात को ९ बार सोने से पहले करना उचित है। • धन प्राप्ति और उत्तम स्वस्थ के लिए हर दिन महा मृत्‍युंजय मंत्र का जाप १०८ बार करे। • ब्रम्ह मुहूर्त पर (सुबह ४:०० बजे) महा मृत्‍युंजय मंत्र का जाप करना सबसे ज्यादा लाभदायी समझा जाता है।

Maha Mrityunjaya Mantra in Sanskrit with Meaning – ReSanskrit

In every religion, there are some Mantras/ Incantations / Hymns / Chants that catch fancy of followers, buck every trend & fad and stick around for eons together in the absolute same pristine form, providing solace and comfort to its followers. From Hinduism standpoint too, there are some mantras/chants which have held significant importance and considered to provide great merits to those who chant them with fervor and faith. Chief among them are Gayatri Mantra Maha Mrityunjaya Mantra Aditya Hrudayam Stotram Vishnu Sahasranamam Stotram Hanuman Chalisa There is 1 common thread in these 5 mantras which is possibly the reason why people have caught on to them in greater frenzy than others. From their core intent point of view, all these hymns are aimed at addressing the most basic/carnal weak-link that drives our thoughts, words, and deeds either directly or indirectly – Fear. From the day we are born, whatever we do is fundamentally a derivative of fear. Fear may be divided into 3 core categories – Fear of death Fear of losing things/ people dear to us and Fear of failure of any form All efforts of man are towards conquering fear. These mantras have been powerful tools for human beings in overcoming fear. Maha Mrityunjaya Mantra, by definition, protects us from our deepest fear – Fear of death. Scores of articles and deliberations have been done ruminating over each word of this Mantra, but in this article, we shall aim to simplify some of the core concepts and help get a sh...

Mahamrityunjaya Mantra: जानें

भगवान शिव की आराधना करने से जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है और इनके मंत्रों का जाप करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं. धार्मिक ग्रथों में भगवान शिव के कई स्वरूपों का वर्णन किया गया है. इसमें से भगवान शिव का एक स्वरूप महामृत्युंजय स्वरूप भी है. इस स्वरूप में भगवान शिव हाथों में अमृत लेकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. ऐसे में महामृत्युंजय मंत्र के जाप से व्यक्ति को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है. आइए जानते हैं पंडित शैलेंद्र पांडेय से कि क्या है महामृत्युंजय मंत्र की महिमा और इसका जाप करते समय किन सावधानियों का पालन करना चाहिए. महामृत्युंजय मंत्र की महिमा: पंडित शैलेंद्र पांडेय कहते हैं कि भगवान शिव के अनेक स्वरूपों में एक महामृत्युंजय स्वरूप भी है. इसलिए महादेव को मृत्युंजय भी कहा जाता है. वहीं महामृत्युंजय मंत्र में भगवान शिव के महामृत्युंजय स्वरूप से आयु की रक्षा प्रार्थना की गई है. इस मंत्र के छोटे और लंबे दो स्वरूप हैं. मंत्र के इन दोनों स्वरूपों का जाप करने से व्यक्ति हमेशा सुरक्षित रहता है. महामृत्युंजय मंत्र का प्रयोग कई तरह से किया जाता है. इसका प्रयोग सामान्य रूप और विशेष रूप से भी कर सकते हैं. ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के कई विशेष दोष को दूर करने में ये मंत्र ही कारगर सिद्ध हो सकता है. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय बरतें ये सावधानियां: इस मंत्र को जपने की कई सावधानियां और नियम बताए गए हैं. इन नियमों का पालन करके अगर महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाए तो ये ज्यादा प्रभावशाली होता है. महामृत्युंजय मंत्र का जाप सुबह और शाम दोनों समय किया जा सकता है. अगर कोई संकट की स्थिति है तो इस मंत्र का जाप कभी भी किया जा सकता है. इस मंत्र का जाप शिवलिंग के स...