दूरदर्शन माध्यम है

  1. दूरदर्शन की उपयोगिता पर निबंध
  2. दूरदर्शन से लाभ हानि हिंदी निबंध
  3. दूरदर्शन का महत्व पर निबंध
  4. Doordarshan
  5. दूरदर्शन के लाभ, हानि और महत्व पर निबंध
  6. Gitanjali Aiyar:दूरदर्शन की जानी मानी एंकर गीतांजलि अय्यर का निधन, पत्रकारिता जगत में शोक की लहर
  7. दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में
  8. दूरदर्शन (चैनल)
  9. दूरदर्शन का प्रभाव


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दूरदर्शन की उपयोगिता पर निबंध

दूरदर्शन की उपयोगिता पर निबंध – Doordarshan Essay in Hindi आज घर-घर में टेलीविजन हैं। टेलीविजन एक प्रभावशाली प्रचार माध्यम बन चुका है। इस पर दिन-रात कोई-न-कोई कार्यक्रम आता ही रहता है। फिल्म, चित्रहार, रामायण, महाभारत, और अनेक धारावाहिक कार्यक्रम तो बूढ़ों से लेकर बच्चों तक सबकी जुबान पर रहते हैं। सारे काम-कंधे को छोड़कर लोग इन कार्यक्रमों को देखने के लिए टी.वी. सेट के करीब खिंचे चले आते हैं। टेलीविजन समुद्र के अंदर खोज करने में बड़ा सहायक सिद्ध हुआ है। चाँद के धरातल का चित्र देने में भी यह सफल रहा। आज बाजार में रंगीन, श्‍वेत-श्याम, बड़े, मझले तथा छोटे हर तरह के टेलीविजन सेट उपलब्ध है। सन् १९२५ में टेलीविजन का आविष्कार हुआ था। ग्रेट ब्रिटेन के एक वैज्ञानिक जॉन एल. बेयर्ड ने टेलीविजन का आविष्कार किया था। हमारे देश में टेलीविजन द्वारा प्रयोग के तौर पर १५ सितंबर, १९५१ को नई दिल्ली के आकाशवाणी केंद्र से इसका प्रथम प्रसारण किया गया था। प्रथम सामान्य प्रसारण नई दिल्ली से १५ अगस्त, १९६५ को किया गया था। और हाँ, एक समय ऐसा आया, जब आकाशवाणी और दूरदर्शन एक-दूसरे से अलग हो गए। इस तरह से १ अप्रैल, १९७६ को दोनों माध्यम एक-दूसरे से स्वतंत्र हो गए। टेलीविजन के राष्ट्रीय कार्यक्रमों का प्रसारण ‘इनसेट-१ ए’ के माध्यम से १५ अगस्त, १९८२ से प्रारंभ हो गया था। उसके बाद आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र में इसके प्रसारण केंद्र खोले गए। इस तरह टेलीविजन के विविध कार्यक्रमों का प्रसारण होने लगा। भारत में टेलीविजन तेजी से चर्चित होता जा रहा है। सन् १९५१ मेें टी.वी. ट्रांसमीटर की संख्या मात्र १ थी। यह ट्रांसमीटर दिल्ली में स्थापित किया गया था। इनकी संख्या बढ़ते-बढ़ते सन् १९...

दूरदर्शन से लाभ हानि हिंदी निबंध

Share Tweet Share Share Email दूरदर्शन से लाभ हानि हिंदी निबंध | Doordarshan se labh aur hani hindi Nibandh नमस्कार दोस्तों आज हम दूरदर्शन से लाभ हानि इस विषय पर निबंध जानेंगे। इस लेख मे कुल २ निबंध दिये गये हे जिन्‍हे आप एक -एक करके पढ सकते हे।विज्ञान के एक से बढकर एक आविष्कार आज दुनिया के सामने हैं। इन आविष्कारों ने लोगों को अनेक सुख-सुविधाएँ दी हैं। इससे सामान्य जनता का जीवनस्तर बढ़ गया है। विज्ञान के इन महत्त्वपूर्ण आविष्कारोंमें एक है- दूरदर्शन।दूरदर्शन वैज्ञानिक प्रगति का श्रेष्ठ वरदान है। जनसंचार के साधनों में दूरदर्शन आज सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम है। दृक् और श्राव्य दोनों दृष्टी से दूरदर्शन अधिक उपयोगी है। (डिओ केवल श्राव्य माध्यम होने के कारण कुछ मर्यादाएँ आ सकती हैं। दूरदर्शन से अनेक लाभ हैं। दूरदर्शन के माध्यम से कोई भी दर्शनीय घटना, वस्तु या दृश्य सीधे हमारे घर में पहुँच जाते हैं। प्रचार, जनसंपर्क, शिक्षा, मनोरंजन तथा जनजागरण का यह बहुत ही कारगर और प्रभावी साधन रहा है। इसी कारण दूरदर्शन आज घर-घर में पहुँच गया है। मनोरंजन के क्षेत्र में तो दूरदर्शन नेअपना अलग स्थान कायम रखा हैं। गीत-संगीत, चलचित्र, नाटक, नृत्य, साहित्य, खेल-कूद आदि के माध्यम से मनोरंजन के अनेक प्रकार दूरदर्शन पर देख सकते हैं। प्रबोधन तथा ज्ञानप्रसार के साथ-साथ मनोरंजन के लिए यह एक प्रभावी माध्यम के रूप में कार्य कर रहा है। मनोरंजन के साथ शिक्षा की दृष्टि से भी दूरदर्शन अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। दृक् और श्राव्य की विशेषता के कारण यह शिक्षा का प्रभावी माध्यम सिद्ध हुआ है। शिक्षा के साथ-साथ कृषि, सामाजिक जीवन, आरोग्य तथा चिकित्साविषयक महत्त्वपूर्ण जानकारी भी दूरदर्शन पर प्रसारित की जाती है। देश-व...

दूरदर्शन का महत्व पर निबंध

इस निबंध के अन्य शीर्षक / नाम (1) दूरदर्शन के लाभ और हानियाँ पर निबंध (2) दूरदर्शन और भारतीय समाज पर निबंध (3) दूरदर्शन और आधुनिक जीवन पर निबंध (4) टेलींविजन एक वरदान अथवा अभिशाप पर निबंध (5) पीढ़ी पर दूरदर्शन का प्रभाव पर निबंध (6) भारत की युवा पीढ़ी पर दूरदर्शन का प्रभाव पर निबंध (7) दूरदर्शन और उसका महत्त्व पर निबंध (8) भारतीय संस्कृति और दूरदर्शन पर निबंध (9) सिनेमा और समाज पर निबंध Tags – दूरदर्शन के महत्व पर निबंध,दूरदर्शन का महत्व निबंध,doordarshan ka mahatva par nibandh,दूरदर्शन का महत्व हिंदी निबंध,दूरदर्शन के लाभ और हानि पर निबंध इन हिंदी,दूरदर्शन के लाभ हानि पर निबंध,दूरदर्शन लाभ और हानि पर निबंध,दूरदर्शन से लाभ और हानि पर निबंध,दूरदर्शन के लाभ और हानि निबंध,दूरदर्शन से लाभ हानि पर निबंध,दूरदर्शन के लाभ और हानि हिंदी निबंध,टेलीविजन के लाभ और हानि पर निबंध,दूरदर्शन से लाभ और हानि निबंध,दूरदर्शन से लाभ हानि निबंध,दूरदर्शन से लाभ हानि निबंध हिंदी में,दूरदर्शन का महत्व पर निबंध,दूरदर्शन के लाभ और हानि पर निबंध,essay on doordarshan in hindi, essay on doordarshan in hindi for class 10,essay on doordarshan in hindi for class 9,essay on doordarshan in hindi for class 3,essay on doordarshan in hindi 100 words,essay on doordarshan in hindi for class 8,essay on doordarshan in hindi for class 5,एस्से व दूरदर्शन इन हिंदी,essay on दूरदर्शन in hindi,a short essay on doordarshan in hindi,essay on doordarshan in hindi for class 6,essay on doordarshan in hindi for class 7,दूरदर्शन का महत्व पर निबंध,दूरदर्शन के लाभ और हानि पर निबंध,essay on doordarshan in hindi, essay on doordarsha...

Doordarshan

दूरदर्शन दूरदर्शन विज्ञान का एक अनुपम उपहार है। इसने मानव जीवन में एक हलचल पैदा कर दी है और समाज को थोड़े ही समय में तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर किया है। दूरदर्शन (Doordarshan) क्या है? इसका शुभारम्भ कब हुआ दूरदर्शन का अविष्कार किसने किया था? तथा इसकी देन, लाभ, प्रस्तावना– दिवस के अवसान और सन्ध्या के समय सुबह से शाम तक थका हुआ मानव शारीरिक विश्राम के साथ मानसिक आराम भी चाहता है जिससे उसकी थकान मिट जाये और मन पुलकित हो उठे। इसके लिए वह जो भी उपाय अपनाता है उसे कहते हैं मनोरंजन मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ मनोरंजन के साधनों में भी परिवर्तन हुए हैं। पहले कुछ दृश्य साधन थे, कुछ श्रव्य। या तो वह तस्वीरें देखता था या रेडियो, टेप सुनता। घर बैठे या लेटे-लेटे -यदि मनोरंजन हो तो क्या बात है ? प्राचीनकाल में धृतराष्ट्र अपने महल में बैठे-बैठे जैसे संजय द्वारा कुरुक्षेत्र के मैदान का आँखों देखा हाल सुनते थे वैसे ही दूरदर्शन के आविष्कार से हमें भी यह दृश्य-श्रव्य उपकरण लाभ पहुँचाता है। विज्ञान की अपूर्व देन दूरदर्शन दूरदर्शन का आविष्कार दूरदर्शन का आविष्कार सर्वप्रथम जॉन लागी बेअर्ड महोदय ने 1926 में किया था। ये स्कॉटलैण्ड के रहने वाले थे। इन्होंने ठेली कैमरे का आविष्कार किया तथा इसका सफल प्रदर्शन कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। यह फोटो इलेक्ट्रिक सेल की सहायता से कार्य करता है। रेडियो तरंगों की भाँति ही प्रकाश को विद्युत तरंगों में रूपान्तरित कर दूर तक प्रसारित किया जाता है और रिसीविंग सेट उसे ग्रहण करके प्रकाश में चित्रों को परिवर्तित। कर स्क्रीन या परदे पर उतार देता है। पहले ये दृश्य काले, सफेद हुआ करते थे। अब ये रंगीन दृश्य संसार में कहीं भी देखे जा सकते हैं। जीवन्त प्रसारण मे...

दूरदर्शन के लाभ, हानि और महत्व पर निबंध

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Gitanjali Aiyar:दूरदर्शन की जानी मानी एंकर गीतांजलि अय्यर का निधन, पत्रकारिता जगत में शोक की लहर

Gitanjali Aiyar: दूरदर्शन की जानी मानी एंकर गीतांजलि अय्यर का निधन, पत्रकारिता जगत में शोक की लहर विस्तार नब्बे के दशक की दूरदर्शन की जानी-मानी एंकर गीतांजलि अय्यर अब हमारे बीच नहीं रहीं। उनके निधन की खबर के बाद से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है। गीतांजलि अंग्रेजी समाचार की एंकर थीं। उन्होंने 1971 में दूरदर्शन में काम करना शुरू किया था। टीवी पत्रकारिता के क्षेत्र में उन्होंने कई कीर्तिमान स्थापित किए। उन्होंने अपने तीन दशक के पत्रकारिता के करियर में चार बार बेस्ट एंकर पर्सन अवॉर्ड जीते थे। उन्हें उनके उत्कृष्ट कार्यों, उपलब्धियों और योगदान के लिए 1989 में इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने अंग्रेजी से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने कोलकाता के लोरेटो कॉलेज से परास्नातक किया था। उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) से डिप्लोमा हासिल किया था। Disclaimer हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी

दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में

उपसंहार दूरदर्शन पर निबंध500 शब्दों में प्रस्तावना कुछ समय पहले तक जब हम किसी जादूगर की कहानी में पढ़ते थे कि जादूगर ने जैसे ही अपने ग्लोब पर हाथ घुमाया वैसे उसका शत्रु ग्लोब पर दिखाई देने लगा और जादूगर ने उसकी सारी क्रियाओं को अपनी गुफा में बैठकर ही देख लिया तो हमें महान आश्चर्य होता था आज इस प्रकार का जादू हम प्रतिदिन अपने घर करते हैं स्विच ऑन करते ही बोलती हुई रंग-बिरंगी तस्वीरें हमारे सामने आ जाती है यह सब टेलीविजन का ही चमत्कार है जिसके माध्यम से हम हजारों लाखों मील दूर की क्रियाओं को दूरदर्शन यंत्र पर देख सकते हैं दूरदर्शन का आविष्कार 25 जनवरी 1926 को इंग्लैंड में एक इंजीनियर जॉन बेयर्ड ने रॉयल इंस्टिट्यूट के सदस्यों के सामने टेलीविजन का सर्वप्रथम प्रदर्शन किया उसने रेडियो तरंगों की सहायता से साथ वाले कमरे में बैठे हुए वैज्ञानिकों के सामने कठपुतली के चेहरे का चित्र निर्मित किया था विज्ञान के क्षेत्र में यह एक अद्भुत घटना थी सैकड़ों हजारों वर्ष के सपनों को जॉन बेयर्ड ने सत्य कर दिखाया था दूरदर्शन यंत्र की तकनीक दूरदर्शन यंत्र लगभग उसी सिद्धांत पर कार्य करता है जिस सिद्धांत पर रेडियो, अंतर केवल इतना है कि रेडियो को किसी ध्वनि को विद्युत तरंगों में बदल कर उन्हें दूर दूर तक प्रसारित करना होता है और इसी प्रकार प्रसारित की जा रही विद्युत तरंगों को रेडियो ध्वनि में बदल देता है परंतु दूरदर्शन यंत्र प्रकाश को विद्युत तरंगों में बदल कर प्रसारित करता है रेडियो द्वारा प्रसारित की जा रही ध्वनि तरंग को हम सुन सकते हैं और दूरदर्शन द्वारा प्रसारित किए जा रहे कार्यक्रम को देख सकते हैं दूरदर्शन के प्रसारण यंत्र के लिए एक विशेष प्रकार का कैमरा होता है इस कैमरे के सामने का दृश्य जिस पर्...

दूरदर्शन (चैनल)

मुख्य लेख: दूरदर्शन की शुरुआत अत्यंत विनीत तरीके से, एक परीक्षण के तौर पर दिल्ली में दूरदर्शन के विभिन्न चैनल [ ] • • क्षेत्रीय भाषाओं के उपग्रह चैनल (11): डीडी उत्तर पूर्व, डीडी बंगाली, डीडी गुजराती, डीडी कन्‍नड़, डीडी कश्‍मीर, डीडी मलयालम, डीडी सहयाद्रि, डीडी उडिया, डीडी पंजाबी, डीडी पोधीगई और डीडी सप्‍‍तगिरी • क्षेत्रीय राज्‍य नेटवर्क (1): बिहार, झारखण्‍ड, छत्तीसगढ़, मध्‍य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखण्‍ड, हिमाचल प्रदेश, राजस्‍थान, मिजोरम और त्रिपुरा • अंतरराष्‍ट्रीय चैनल (1): डीडी इंडिया • डीडी डायरेक्‍ट +: दूरदर्शन की फ्री टु एयर डीटीएच सेवा डीडी डायरेक्‍ट + का शुभारंभ पूर्व प्रधानमंत्री [ • क्षेत्रीय चैनल- डीडी मलयालम, डीडी सप्‍‍तगिरी (तेलुगु), डीडी बंगाली, डीडी चंदन (कन्‍नड़), डीडी उडिया, डीडी सहयाद्रि (मराठी), डीडी गुजराती, डीडी कश्‍मीर (कश्‍मीरी), डीडी पंजाबी, डीडी उत्तर पूर्व, डीडी पोधीगई (तमिल), बाहरी कड़ियाँ [ ] • • العربية • অসমীয়া • भोजपुरी • বাংলা • Deutsch • English • Español • فارسی • Suomi • Français • Galego • गोंयची कोंकणी / Gõychi Konknni • ગુજરાતી • Bahasa Indonesia • 日本語 • മലയാളം • मराठी • Bahasa Melayu • नेपाली • नेपाल भाषा • Norsk nynorsk • ਪੰਜਾਬੀ • Português • Русский • සිංහල • தமிழ் • తెలుగు • Українська • اردو • 中文

दूरदर्शन का प्रभाव

निबंध की रूपरेखा • • • • • • • • • दूरदर्शन का प्रभाव प्रस्तावना दूरदर्शन (टी.वी.) का आविष्कार 1926 ई. में अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन लागी बेयर्ड द्वारा किया गया, तब शायद किसी को यह अनुमान भी नहीं था कि यह प्रत्येक घर में अपना स्थान बना लेगा और बीसवीं सदी के समापन पर मनोरंजन का प्रमुख साधन होगा। सूचना क्षेत्र में होने वाली क्रान्ति ने आज तकनीकी और प्रौद्योगिकी को इस स्तर पर पहुंचा दिया है कि अगले दस वर्षों में क्या होगा? इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। देखें – भारत में दूरदर्शन पहले हमारे देश में टेलीविजन का अधिक विस्तार नहीं हो सका, यद्यपि दूरदर्शन केन्द्र दिल्ली की स्थापना 15 सितम्बर 1959 को दिल्ली में हो चुकी थी। सन 1976 में जब उपग्रह द्वारा टी.वी. कार्यक्रमों को प्रसारित किया जाने लगा, तब दूरदर्शन केन्द्रों की संख्या बढी। बाद में सन् 1982 में एशियाड आयोजन के समय दूरदर्शन का पर्याप्त विस्तार हुआ। प्रारम्भ में दूरदर्शन का केवल एक राष्ट्रीय नेटवर्क था। बाद में मेट्रो चैनल की स्थापना हुई और महानगरों के लोगों को यह विकल्प मिल गया कि चाहें तो राष्ट्रीय चैनल के कार्यक्रम देखें और चाहे तो मेट्रो चैनल के। सभी देशो में सेटेलाइट टी.वी. चैनलों का आगमन हुआ। प्रारम्भ में तो डिश ऐन्टीना के माध्यम से केवल सम्पन्न लोग ही विदेशी टी.वी. चैनलों का आनन्द ले पाते थे, किन्तु बाद में केबिल ऑपरेटरों ने इसे घर-घर में पहुचाकर सर्वजन सुलभ बना दिया। आज तो स्थिति यह है कि केविल टी.वी. के कार्यक्रमों की भरमार है-मोटे तौर पर 180 चैनल उपलब्ध हैं, जिनके कार्यक्रम चौबीस घण्टे उपलब्ध हैं। नित नए चैनल उपलब्ध हो रहे हैं, यही नहीं अब तो इन्टरनेट सेवा के माध्यम से आप अपनी कम्प्यूटर स्क्रीन पर देश-विदेश में प्रसारित ...