अनुप्रास अलंकार की परिभाषा

  1. अलंकार की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण [Alankar]
  2. अनुप्रास अलंकार
  3. Anupras Alankar
  4. Anupras Alankar : अनुप्रास अलंकार की परिभाषा और उसके भेद उदाहरण सहित
  5. Anupras alankar, अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, भेद,उदाहरण सहित
  6. अनुप्रास अलंकार


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अलंकार की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण [Alankar]

अलंकार में ‘अलम्’ और ‘कार’ दो शब्द है। ‘अलम्’ का अर्थ है सजावट, जो भूषित करे। तथा ‘ कार’ का अर्थ है करने वाला। महिलाएं अपने शृंगार के लिए आभूषणों का प्रयोग करती है, उन आभूषणों को (Alankar) अलंकार कहते है। काव्य में अलंकारों के प्रयोग से सौन्दर्य एवं चमत्कार आ जाता है। अलंकार अलंकार की परिभाषा – काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्वों(शब्दों) को अलंकार कहते है। अलंकार के सम्बन्ध में सर्वप्रथम काव्यशास्त्रीय परिभाषा आचार्य दण्डी की है – “कवयशोभाकरान धर्मान् अलंकारन् प्रचक्षेत”। अतः हम कह सकते है कि ‘काव्य के शोभा कारक धर्म अलंकार है’ Types of Alankar in hindi (अलंकार के भेद) अलंकार के चार भेद है जो निम्न प्रकार है। • शब्दालंकार • अर्थालंकार • उभयालंकार • पाश्चात्य अलंकार शब्दालंकार शब्दालंकार की परिभाषा – वे अलंकार जो शब्दों के माध्यम से काव्य की शोभा बढ़ाते है अर्थात् जहाँ शब्द विशेष के ऊपर अलंकार की निर्भरता हो। उदाहरण – वह बाँसुरी की धुनि कानि परै, कुल- कानि हियों तजि भाजति है। यहाँ ‘कानि’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है पहले कानि शब्द का अर्थ ‘कान’ और दूसरे कानि शब्द का अर्थ ‘मर्यादा’ है। यहाँ एक शब्द का दो अलग-अलग अर्थ देकर काव्य पंक्तियों की शोभा को बढ़ाया गया है। इस प्रकार का शब्द प्रयोग शब्दालंकार कहलाता है। शब्दालंकार के भेद – शब्दालंकार के पाँच भेद है जो इस प्रकार है- • अनुप्रास अलंकार • यमक अलंकार • श्लेष अलंकार • वक्रोक्ति अलंकार • वीप्सा अलंकार अनुप्रास अलंकार अनुप्रास अलंकार की परिभाषा – जिस रचना में किसी वर्ण या व्यंजन की बार-बार आवृति के कारण काव्य की शोभा बढ़े, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है उदाहरण – 1. चारु चंद्र की चंचल किरणे। 2. तरिणी तनुजा तट तमाल। अनुप्रास अलंकार क...

अनुप्रास अलंकार

अनुप्रासालंकारः (संस्कृत) वर्णसाम्यमनुप्रासः । स्वरवैसादृश्येऽपिव्यंजनदृशत्वं वर्णसाम्यम् । रसायनुगतः प्रकृष्टो न्यासोऽनुप्रासः । इस अलंकार में किसी व्यंजन वर्ण की आवृत्ति होती है। ‘आवृत्ति का मतलब है—दुहराना । अर्थात् जब किसी वाक्य में कोई खास व्यंजन वर्ण या पद अथवा वाक्यांश लगातार आकर उसके सौंदर्य को बढ़ा दे, तब वहाँ ‘अनुप्रास अलंकार’ होता है। उदाहरणस्वरूपः 1.

Anupras Alankar

Anupras Alankar Anupras Alankar, anupras alankar ki paribhasha udaharan sahit, anupras alankar kise kahte hai, anupras alankar ke bhed. अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, भेद, उदाहरण सहित. Anupras Alankar is a writer from India. अनुप्रास अलंकारकी परिभाषा, भेद तथा उदाहरण का वर्णन कीजिए। अनुप्रास अलंकार परिभाषा भेद उदाहरण. अनुप्रास अलंकार के उदाहरणऔर परिभाषा। अनुप्रास अलंकार की परिभाषा जिस रचना में व्यंजनों की बार-बार आवृत्ति के कारण चमत्कार उत्पन्न होता है वहां पर अनुप्रास अलंकार होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं किअनुप्रास शब्द दो शब्दों के योग से बना हुआ है - अनु + प्रास, जहाँ पर अनु का अर्थ बार -बार और प्रास का तातपर्य - वर्ण है। अर्थात जब किसी वर्ण की बार-बार आवर्ती हो तब जो चमत्कार उतपन्न होता है उसे हम अनुप्रास अलंकार कहते है। अनुप्रास अलंकार का उदाहरण 1. कर कानन कुंडल मोर पखा, उर पे बनमाल बिराजति है। इस काव्य पंक्ति में "क" वर्ण की 3 बार और "व" वर्ण की दो बार आवृति होने से चमत्कार आ गया है।आत: यहां पर अनुप्रास अलंकार Anupras Alankar होगा। 2. सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुम पर खिलते हैं। इस काव्य पंक्ति में पास-पास प्रयुक्त सुरभीत, सुंदर, सुखद और सुमन शब्दों में "स" वर्ण की वार वार आवृति हुई है।आत: यहां पर अनुप्रास अलंकार Anupras Alankar होगा। 3.तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये यहां पर त वर्ण की आवृत्ति बार-बार आ रही है इसलिए यहां पर अनुप्रास अलंकार होगा। परीक्षा में पूछे गए अनुप्रास अलंकार के विभिन्न उदाहरण जो खग हौं बसेरो करौं मिल, कालिन्दी कूल कदम्ब की डारन। कंकन किंकिन नूपुर धुनि सुनि। कहत लखन सन राम हृदय गुनि। । मुदित महीपति मंदिर आये। सेवक सचिव सुमंत बुलाये। । बंदऊं...

Anupras Alankar : अनुप्रास अलंकार की परिभाषा और उसके भेद उदाहरण सहित

अनुप्रास अलंकार : दोस्तों आज के इस लेख में हम आपके साथ हिंदी व्याकरण के एक महत्वपूर्ण अध्याय ‘अलंकार’ के अंतर्गत पूछे जाने वाले एक महत्वपूर्ण सवाल ‘ अनुप्रास अलंकार‘ के बारे में चर्चा करेंगे। इस लेख में आपको अनुप्रास अलंकार से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। तो आज का हमारा इस खास लेख को पूरा जरूर पढ़ें और जाने की आखिर अनुप्रास अलंकार किसे कहा जाता हैं तथा इसकी पहचान कैसे की जाता है? इतना ही नहीं इस खास लेख मे हम आपके साथ अनुप्रास अलंकार की परिभाषा और उसके भेद के साथ ही साथ अनुप्रास अलंकार के उदाहरण को भी जानेंगे। तो चलिए बिना देर किये विस्तार से जानते है Anupras Alankar को और सबसे पहले बात कर लेते है अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं जैसे सवालों के साथ Table of Contents • • • • अनुप्रास अलंकार किसे कहा जाता है | Anupras Alankar kise kaha jata hain Anupras Alankar एक शब्दालंकार है जो शब्दालंकार के छः प्रमुख भेदों मे से एक है। यह ऐसा अलंकार है जो अपने शब्दों की जादू से किसी काव्य की गरिमा को बढ़ा देता है। Anupras Alankar अनु + प्रास नामक दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें ‘अनु’ शब्द का शाब्दिक अर्थ बार-बार जबकि ‘प्रास’ शब्द का शाब्दिक अर्थ वर्ण से लगाया जाता हैं। अतः शाब्दिक अर्थों में देखा जाये तो किसी काव्य मे कोई निश्चित वर्ण बार बार प्रयोग किया जाता है तो वहां Anupras Alankar होता है। अनुप्रास अलंकार की परिभाषा | Anupras Alankar ki paribhasha Anupras Alankar को हम निम्नलिखित रुप से परिभाषित कर सकते है (A). अनुप्रास अलंकार वह अलंकार होते है जिसमें किसी काव्य की शोभा बढाने के लिए किसी निश्चित वर्णों की आवृत्ति बार-बार की जाती है। Anupras Alankar is that ornament in which the f...

Anupras alankar, अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, भेद,उदाहरण सहित

अनुप्रास अलंकार की परिभाषा-Definition Of Anupras Alankar जिस रचना में व्यंजनों की बार-बार आवृत्ति के कारण चमत्कार उत्पन्न होता है वहां पर अनुप्रास अलंकार होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि- अनुप्रास शब्द दो शब्दों के योग से बना हुआ है – अनु + प्रास, जहाँ पर अनु का अर्थ बार -बार और प्रास का तातपर्य – वर्ण है। अर्थात जब किसी वर्ण की बार-बार आवर्ती हो तब जो चमत्कार उतपन्न होता है उसे हम अनुप्रास अलंकार कहते है। अनुप्रास अलंकार का उदाहरण-Anupras Alankar Ka Udaharan 1-कर कानन कुंडल मोर पखा, उर पे बनमाल बिराजति है। इस काव्य पंक्ति में “क” वर्ण की 3 बार और “व” वर्ण की दो बार आवृति होने से चमत्कार आ गया है।आत: यहां पर अनुप्रास अलंकार Anupras Alankar होगा। 2-सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुम पर खिलते हैं। इस काव्य पंक्ति में पास-पास प्रयुक्त सुरभीत, सुंदर, सुखद और सुमन शब्दों में “स” वर्ण की वार वार आवृति हुई है।आत: यहां पर अनुप्रास अलंकार Anupras Alankar होगा। 3-तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये यहां पर त वर्ण की आवृत्ति बार-बार आ रही है इसलिए यहां पर अनुप्रास अलंकार होगा। परीक्षा में पूछे गए अनुप्रास अलंकार के विभिन्न उदाहरण- जो खग हौं बसेरो करौं मिल, कालिन्दी कूल कदम्ब की डारन। कंकन किंकिन नूपुर धुनि सुनि। कहत लखन सन राम हृदय गुनि। । मुदित महीपति मंदिर आये। सेवक सचिव सुमंत बुलाये। । बंदऊं गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥ सम्पूर्ण अलंकार हिंदी ग्रामर अन्य अलंकार- १-अनुप्रास अलंकार २-यमक अलंकार ३-उपमा अलंकार ४-उत्प्रेक्षा अलंकार ५-अतिशयोक्ति अलंकार ६-अन्योक्ति अलंकार ७-श्लेष अलंकार ८-रूपक अलंका Anupras Alankar Ke Bhed अनुप्रास अलंकार के भेद- Anupras Alankar Ke Bhed ...

अनुप्रास अलंकार

Anupras Alankar : हिंदी विज़न में आपका स्वागत है। आज हम आपको ''अनुप्रास अलंकार'' के बारे में जानकारी देने वाले हैं। अलंकार वह तत्व होते हैं जिनसे काव्य की शोभा को बढ़ाया जाता है। अलंकार के कई भेद होते हैं जिनमे से अनुप्रास अलंकार भी एक है। आज हम आपको इसी से जुड़ी समस्त अध्यन सामग्री व जानकारी जैसे अनुप्रास अलंकार की परिभाषा भेद व उदाहरण देंगे जो सभी वर्ग के छात्रों के लिए उपयोगी हो सकें। तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं - अनुप्रास अलंकार की परिभाषा ( anupras alankar ki paribhasha) अनुप्रास अलंकार- परिभाषा, भेद एवं उदाहरण हां तो दोस्तों आशा करते हैं कि आपको हमारी आज की यह पोस्ट "Anupras alankar"पसंद आई होगी। आज की इस पोस्ट में हमने जाना कि 'अनुप्रास अलंकार की परिभाषा'और अनुप्रास अलंकार के उदाहरणदोस्तों हमने इस पोस्ट में यही प्रयास किया है की आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी सरल भाषा मे बता सकें। फिर भी अगर आपके मन मे कोई सवाल हो तो हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं।