पीडीएस झारखंड मासिक वितरण

  1. Now PDS Dealer can not malpractice in Distribution of Rashan these reforms are being made in Syster
  2. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
  3. Jharkhand PDS झारखंड में आंकड़ों की माने तो पीडीएस सिस्टम दुरुस्त लेकिन क्या है जमीनी हकीकत जानिए
  4. 367 नई पीडीएस दुकानों को मिलेगी अनुज्ञप्ति
  5. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) योजना के लिए देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किस संगठन द्वारा खाद्यान्न प्रदान किया जाता है?


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Now PDS Dealer can not malpractice in Distribution of Rashan these reforms are being made in Syster

जन वितरण प्रणाली व्यवस्था के तहत झारखंड सरकार ने लाभुकों में अनाज बांटने के लिए जियो लोकेशन आधारित एप विकसित किया है। इससे अनाज वितरण किस स्थान पर तथा किस लाभुक को किया गया है, यह जानकारी पोर्टल से मिल सकेगी। इसमें लाभुकों के खाद्यान्न लेते फोटोग्राफ भी पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे ताकि किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर सत्यापन किया जा सके। प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जा सकेगी नई व्यवस्था से विभागीय योजनाओं में पारदर्शिता आयेगी और समाज के अति कमजोर जनजातीय समूह को समय पर उनके निवास स्थान पर अनाज मिलने की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जा सकेगी। राज्य सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर जन वितरण प्रणाली व्यवस्था के तहत लाभुकों के बीच अनाज वितरण व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में राज्य में कुल 24,408 जन वितरण प्रणाली दुकानदार कार्यरत हैं, जिसमें अभी भी 856 ऑफ लाइन मोड में काम कर रहे हैं। इसमें अति कमजोर जनजातीय समूह के लिए लागू डाकिया योजना से संबद्ध वितरक भी शामिल हैं। जन वितरण प्रणाली की दुकानों के ऑफलाइन मोड में काम करने से विभाग के पास कई प्रकार की कठिनाइयां सामने आती हैं और कई तरह की शिकायतें मिलती रहती हैं। आधार आधारित पहचान की प्रक्रिया स्थगित है तकनीकी विकास के वर्तमान परिवेश में भी लाभुकों की निजता का सम्मान करने के उद्देश्य से ऑफलाइन मोड में भारत सरकार द्वारा आधार आधारित पहचान की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। ऐसी स्थिति में ऑफलाइन दुकानों में खाद्यान्न वितरण के अनुश्रवण की कोई व्यवस्था में राज्य को जनवितरण प्रणाली दुकानों द्वारा रजिस्टर में दर्ज आंकड़ों के अनुसार आहार पोर्टल पर सूचना प्र...

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

टैग्स: • • • प्रिलिम्स के लिये: PMGKAY, PMGKP, सार्वजनिक वितरण प्रणाली,राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम मेन्स के लिये: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना : महत्त्व एवं चुनौतियाँ चर्चा में क्यों? हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY-Phase V) को 4 महीने की अवधि यानी दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक बढ़ाने के लिये मंज़ूरी दे दी है। प्रमुख बिंदु • परिचय: • ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में गरीब और संवेदनशील वर्ग की सहायता करने के लिये ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज’ (PMGKP) के हिस्से के रूप में शुरू की गई थी। • वित्त मंत्रालय इसका नोडल मंत्रालय है। • प्रारंभ में इस योजना की शुरुआत तीन माह (अप्रैल, मई और जून 2020) की अवधि के लिये की गई थी, जिसमें कुल 80 करोड़ राशन कार्डधारक शामिल थे। बाद में इसे नवंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया था। • इस योजना के चरण- I और चरण- II क्रमशः अप्रैल से जून, 2020 और जुलाई से नवंबर, 2020 तक संचालित थे। • योजना का तीसरा चरण मई से जून 2021 तक संचालित था। • योजना का चौथा चरण वर्तमान में जुलाई-नवंबर 2021 के लिये संचालित है। • इस योजना के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से पहले से ही प्रदान किये गए 5 किलोग्राम अनुदानित खाद्यान्न के अलावा प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज (गेहूँ या चावल) मुफ्त में उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। • PMGKAY के इस नए संस्करण में इसके महत्त्वपूर्ण घटकों में से एक का अभाव है जो कि वर्ष 2020 के PMGKAY में उपस्थित था: NFSA के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार के लिये प्रतिमाह 1 किल...

Jharkhand PDS झारखंड में आंकड़ों की माने तो पीडीएस सिस्टम दुरुस्त लेकिन क्या है जमीनी हकीकत जानिए

Jharkhand PDS: झारखंड में आंकड़ों की माने तो पीडीएस सिस्टम दुरुस्त... लेकिन क्या है जमीनी हकीकत, जानिए... Jharkhand PDS झारखंड में जन वितरण प्रणाली की कमियों-खामियों से जुड़े मामले तकरीबन हर जिले में सुनने को मिलते हैं लेकिन अधिकृत फोरम पर इससे जुड़ी शिकायतों पर नजर दौड़ाएं तो हमारे यहां का पीडीएस सिस्टम काफी हद तक दुरुस्त दिखाता है। जमीनी हकीकत क्या है जानें... रांची,राज्य ब्यूरो। Jharkhand PDS झारखंड में जन वितरण प्रणाली की कमियों-खामियों से जुड़े मामले तकरीबन हर जिले में सुनने को मिलते हैं, लेकिन अधिकृत फोरम पर इससे जुड़ी शिकायतों पर नजर दौड़ाएं तो हमारे यहां का पीडीएस सिस्टम काफी हद तक दुरुस्त दिखाता है। राज्य खाद्य आयोग में आने वाली शिकायतों के आंकड़े कुछ ऐसा ही दर्शा रहे हैं। झारखंड के एक दर्जन जिलों में बीते एक सालों में दस से कम शिकायत का औसत देखा गया है। यह आंकड़े झारखंड सरकार को राहत दे सकते हैं, लेकिन सब जानते हैं कि जमीनी हकीकत इससे जुदा है। सच यह है कि जागरूकता के अभाव में लोग शिकायत से दूरी बनाते हैं। झारखंड राज्य खाद्य आयोग में आई शिकायतों को एक नजर देखें तो पता चलता है कि 31 मई तक कुल 301 शिकायतें पीडीएस सिस्टम से जुड़ी आईं। इनमें 164 का समाधान किया गया, जो करीब 54 प्रतिशत है। वहीं 137 लंबित हैं। जिलों के आधार पर शिकायतों का औसत देखें तो करीब 12 शिकायतों का ठहरता है। इसे और करीब से देखें तो पाएंगे कि गुमला में पीडीएस सिस्टम से जुड़ी सिर्फ एक शिकायत दर्ज हुई है। खूंटी, साहिबगंज और सिमडेगा में महज दाे। कोडरमा में तीन, दुमका में चार, पाकुड़ और लोहरदगा में सिर्फ चार शिकायतें लाभुकों ने दर्ज कराई हैं। यह आंकड़े जमीनी हकीकत को दर्शाने के लिए कतई काफी नहीं है। जमीन...

367 नई पीडीएस दुकानों को मिलेगी अनुज्ञप्ति

गिरिडीह : पूरे जिला में 367 नई जन वितरण प्रणाली दुकानों के लिए अनुज्ञप्ति निर्गत की जाएगी। इसे लेकर आपूर्ति विभाग ने प्रखंडवार रिक्तियों की सूची जारी कर दी है। अभी जिले में कुल 2170 पीडीएस दुकानें संचालित हैं। सोमवार को जिला आपूर्ति पदाधिकारी डॉ. सुदेश कुमार ने अपने कार्यालय कक्ष में प्रेसवार्ता के दौरान इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खाद्य, सार्वजनिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग, झारखंड सरकार ने नई पीडीएस दुकानों को अनुज्ञप्ति निर्गत करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार प्रत्येक 1000 की जनसंख्या पर एक पीडीएस दुकान की स्थापना करनी है। यह भी सुनिश्चित किया जाना है कि पहाड़ी क्षेत्र में दो किमी. एवं स्थलीय क्षेत्र में तीन किमी. की दूरी पर एक पीडीएस दुकान हो, ताकि उपभोक्ताओं को खाद्यान्न के उठाव में परेशानी का सामना न करना पड़े। कोरोना संकट से हुआ विलंब : डीएसओ ने बताया कि गत जुलाई महीने में अनुज्ञप्ति निर्गत करने की प्रक्रिया पूरी कर लेनी थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसमें विलंब हुआ है। कोरोना संकट को देखते हुए अवधि का विस्तार किया गया है। रिक्तियों से संबंधित सूची का प्रकाशन गत 15 अक्टूबर को किया जा चुका है, जबकि अनुज्ञप्ति लेने के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 नवंबर है। दुकान आवंटन में इन्हें मिलेगी प्राथमिकता : महिला स्वयं सहायता समूहों, महिला सहयोग समितियों, पैक्सों व लैंपस, भूतपूर्व सैनिकों की सहयोग समितियों तथा वैसे समूहों जिनके सभी सदस्य दिव्यांगता की श्रेणी में आते हों, को नई पीडीएस दुकानों के आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदन के साथ देना है ये अभिलेख : पीडीएस दुकान की अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के लिए आवेदन करनेवाले समूहों को समूह ...

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) योजना के लिए देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किस संगठन द्वारा खाद्यान्न प्रदान किया जाता है?

उत्तर – भारतीय खाद्य निगम (FCI) कोरोनवायरस वायरस महामारी के बीच भारत सरकार ने हाल ही में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राशन की दुकानों के माध्यम से वितरण के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) से तीन महीने के लिए खाद्यान्न ले जाने की अनुमति दे दी है। भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत लगभग 75 करोड़ लाभार्थी हैं। नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार हमारे देश में 272.19 लाख टन चावल और 162.79 लाख टन गेहूं के साथ 435 लाख टन का अधिशेष खाद्यान्न है।