Utplavan bal kise kahate hain

  1. Karak In Hindi
  2. स्थिर विद्युत बल किसे कहते हैं? » Sthir Vidyut Bal Kise Kehte Hain
  3. घन किसे कहते हैं? (क्षेत्रफल, परिमाप, आयतन, गुणधर्म)
  4. उत्पादन किसे कहते है


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Karak In Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • कारक किसे कहते हैं और उसके भेद – Karak Kise Kahate Hain Karak Ke Kitne Bhed Hai कारक किसे कहते हैं – Karak Kise Kahate Hain वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसका क्रिया के साथ प्रत्यक्ष संबंध स्थापित होता है उसे कारक कहते हैं। कारक शब्द ‘कृ’ धातु में ‘अक’ प्रत्यय के जुड़ने से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ ‘करने वाला’ होता है। हिंदी व्याकरण में 8 कारक होते हैं, जिन्हें मूल शब्द से अलग करके कारक विभक्ति या कारक चिह्न के रूप में लिखा जाता है। कारक चिह्न – Karak Chinh कारक के जिस रूप से क्रिया का संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ संबंध का बोध होता हो उसे कारक चिह्न कहते हैं। प्रत्येक कारक का अपना एक या अधिक चिह्न होता है। कारक चिह्न की सूची निम्नलिखित है। परसर्ग किसे कहते हैं – Parsarg Kise Kahate Hain वाक्य में कारक की पहचान करवाने वाले शब्द को परसर्ग कहते हैं। हिंदी व्याकरण में परसर्ग को कारक विभक्ति या कारक चिह्न (karak chinh) भी कहते हैं। प्रत्येक कारक की अपनी एक निश्चित विभक्ति होती है। यदि दो कारकों की विभक्ति समान हो तो वाक्य में उनका व्यवहार अलग अलग होता है। कारक कितने और कौन-कौन से होते हैं– कारक के भेद कारक आठ होते हैं, जो निम्नलिखित हैं। • कर्ता कारक • कर्म कारक • करण कारक • सम्प्रदान कारक • अपादान कारक • संबंध कारक • अधिकरण कारक • सम्बोधन कारक कर्ता कारक किसे कहते हैं – Karta Karak Kise Kahate Hain वाक्य में वह संज्ञा या सर्वनाम पद जो क्रिया करने वाले का बोध करवाता है उसे कर्ता कारक कहते हैं। कर्ता कारक का विभक्ति चिह्न या कारक चिह्न ‘ने’ होता है। कर्ता कारक के साथ ‘ने’ विभक्ति चिह्न क...

स्थिर विद्युत बल किसे कहते हैं? » Sthir Vidyut Bal Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आप अपने स्त्री विद्युत बोल क्या है तो उसका उत्तर का जब हम दो वस्तु का आपस में झगड़ते हैं और उनके रगड़ने से जो कल या परसों प्राप्त होता है जब वह आकर्षण किसी खास जगह से आ रहा हो तब वह बल नवाकर समिति विद्युत बल कहलाता है aap apne stree vidyut bol kya hai toh uska uttar ka jab hum do vastu ka aapas mein jhagadate hain aur unke ragadane se jo kal ya parso prapt hota hai jab vaah aakarshan kisi khaas jagah se aa raha ho tab vaah bal navakar samiti vidyut bal kehlata hai आप अपने स्त्री विद्युत बोल क्या है तो उसका उत्तर का जब हम दो वस्तु का आपस में झगड़ते हैं औ

घन किसे कहते हैं? (क्षेत्रफल, परिमाप, आयतन, गुणधर्म)

Image: Ghan Kise Kahate Hain हम अपने रोजमर्रा के जीवन में जितनी भी तस्वीरें देखते हैं, वह त्रिविमीय होती हैं। इस वजह से हमें इस तरह के आकार के बारे में जानकारी लेने की आवश्यकता है। यहाँ पर घन के क्षेत्रफल, परिमाप, आयतन, गुणधर्म, परिभाषा के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देने जा रहे है, जिसका इस्तेमाल करके आप विभिन्न परीक्षाओं के गणित छेत्र में अच्छा अंक हासिल कर सकते हैं। घन किसे कहते हैं? (क्षेत्रफल, परिमाप, आयतन, गुणधर्म) | Ghan Kise Kahate Hain विषय सूची • • • • • • • • • घन की परिभाषा (Ghan Ki Paribhasha) घन वर्ग की तरह दिखाई देगा। आप ऐसा समझ सकते है कि 6 वर्ग जब एक साथ जुड़ जाते हैं तो वह घन बन जाते है। सरल और सटीक तरीके से इसकी परिभाषा की बात करें तो एक ऐसी त्रिविमीय आकृति जिसमें 6 फलक, 12 किनारे और 8 कोने होते है, उसे हम घन कहते है। घन की सभी भुजाएं एक समान होती है, जिस वजह से जब हम खान को एक दिशा से देखते हैं तो वह एक वर्ग की तरह दिखता है। मगर चारों ओर से देखने पर यह बहुत सारे घन का मिश्रण नजर आता है। घन का चित्र (Ghan Ka Chitra) Image: Ghan Ka Chitra घन का गुणधर्म घन एक आकृति है, जिसके कुछ खास गुण होते हैं। जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए ताकि आप इस आकृति से जुड़े गणितीय सवालों को हल कर सके। • घन की सभी भुजाएं बराबर होती है, इस वजह से एक घन की ऊंचाई, लंबाई और चौड़ाई एक समान होती है। • घन के तीन फलक होते है, जिस वजह से इस आकृति में आप एंगल नहीं माप सकते। मगर एक घर में 6 वर्ग होते हैं, इस वजह से हर एक वर्ग की अगर बात की जाए तो उसमें वर्ग के गुणधर्म लगते हैं। • घन वर्ग का त्रिविमीय आकार है, इस वजह से इसमें लंबाई, ऊंचाई और चौड़ाई के संबंधित चीजों पर चर्चा की जाती ह...

उत्पादन किसे कहते है

अर्थशास्त्र में उत्पादन औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा वस्तुओं, सामानों या सेवाओं को निर्मित करने की प्रक्रिया को कहते हैं। उत्पादन का उद्देश्य ऐसी वस्तुएँ और सेवाएँ बनाना है जिनकी मनुष्यों को बेहतर जीवन यापन के लिए आवश्यकता होती है। उत्पादन भूमि, पूँजी और श्रम को संयोजित करके किया जाता है इसलिए ये उत्पादन के कारक कहलाते हैं।