Upsarg kise kahate hain

  1. उपसर्ग किसे कहते हैं, उदाहरण सहित समझाइए? – Studywhiz
  2. Upsarg in Hindi
  3. उपसर्ग किसे कहते हैं । उपसर्ग के भेद, परिभाषा, उदाहरण – Hindi Alphabet
  4. 100+ उपसर्ग
  5. Pratyay Ki Paribhasha
  6. उपसर्ग किसे कहते हैं, भेद, परिभाषा उदाहरण सहित, प्रकार
  7. उपसर्ग की परिभाषा, भेद एवं उदहारण


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उपसर्ग किसे कहते हैं, उदाहरण सहित समझाइए? – Studywhiz

• वे शब्दांश जो किसी मूल शब्द के पूर्व में लगकर नए शब्द का निर्माण करते हैं अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं। ये शब्दांश होने के कारण वैसे इनका स्वतंत्ररूप से अपना कोई महत्त्व नहीं होता किन्तु शब्द के पूर्व संश्लिष्ट अवस्था में लगकर उस शब्द विशेष के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। • जैसे— ‘हार’ एक शब्द है, इसके साथ शब्दांश प्रयुक्त होने पर कई नये शब्द बनते हैं यथा— आहार (भोजन), उपहार (भेंट) प्रहार (चोट) विहार (भ्रमण), परिहार (त्यागना), प्रतिहार (द्वारपाल) संहार (मारना) आदि। अतः ‘हार’ शब्द के साथ प्रयुक्त क्रमशः आ, उप, प्र, वि, परि, प्रति, सम्, उत् शब्दांश उपसर्ग की श्रेणी में आते हैं। उपसर्ग के प्रकार: हिन्दी में उपसर्ग तीन प्रकार के होते हैं- • संस्कृत के उपसर्ग • हिन्दी के उपसर्ग • विदेशी उपसर्ग संस्कृत के उपसर्ग • संस्कृत में उपसर्ग की संख्या 22 होती है। ये उपसर्ग हिन्दी में भी प्रयुक्त होते हैं, इसलिए इन्हें संस्कृत के उपसर्ग कहते हैं। उपसर्ग अर्थ उपसर्ग से बने शब्द अति अधिक/परे अतिशय, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र अत्यन्त, अत्यधिक, अत्याचार, अतीन्द्रिय अत्युक्ति, अत्युत्तम, अत्यावश्यक, अतीव अधि प्रधान/श्रेष्ठ अधिकरण, अधिनियम, अधिनायक अधिकार, अधिमास, अधिपति, अधिकृत अध्यक्ष, अधीक्षण, अध्यादेश, अधीन अध्ययन, अधीक्षक, अध्यात्म, अध्यापक अनु पीछे/समान अनुकरण, अनुकूल, अनुचर, अनुज, अनुशासन, अनुरूप, अनुराग, अनुक्रम, अनुनाद, अनुभव, अनुशंसा, अन्वय, अन्वीक्षण, अन्वेषण, अनुच्छेद, अनूदित अप बुरा/विपरीत अपकार, अपमान, अपयश, अपशब्द अपकीर्ति, अपराध, अपव्यय, अपहरण, अपकर्ष, अपशकुन, अपेक्षा अभि पास/सामने अभिनव, अभिनय, अभिवादन, अभिमान, अभिभाषण, अभियोग, अभिभूत, अभिभावक...

Upsarg in Hindi

• उपसर्ग Meaning in English – Prefix शब्द-रचना (Word-Formation) • वर्णों के सार्थक समूह को ‘ शब्द‘ कहते है | • व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द के तीन भेद होते है | • रुढ़ • यौगिक • योगरुढ़ मूलतः शब्द के दो ही भेद होते है — रुढ़ और यौगिक | योगरुढ़ अर्थ की ददृष्टि से यौगिक और योगरुढ़ समान होते है | • रुढ़ के हम खण्ड नही कर सकते है अत: रचना में यौगिक ही रह जाते है जिनसे हम शब्द – रचना कर सकते है | • यौगिक शब्दों की रचना तीन प्रकार ही होती है – उपसर्ग से, उपसर्ग से :—अति + अंत = अत्यंत [अति -उपसर्ग,अंत -मूलशब्द/धातु,अत्यंत -यौगिक शब्द] उपसर्ग की परिभाषा: जो शब्दांश शब्दों के आदि में / पहले / शुरुआत में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते है वे उपसर्गकहलाते है | —:अथवा:— उपसर्गकिसे कहते हैं? / Upsarg Kise Kahate Hain? जिसका स्वतंत्र प्रयोग न होता हो और जिसे किसी शब्द से पहले, अर्थ सम्बन्धी विशेषता लाने के लिए जोड़ा जाता है तो उस वर्ण – समूह को उपसर्गकहते है | ‘हार’ शब्द का अर्थ है ‘ पराजय‘ | परन्तु इसी शब्द के आगे ‘प्र’ शब्दांश को जोड़ने से नया शब्द बनेगा —‘प्रहार’ (प्र+हार) जिसका अर्थ है चोट करना | इसी तरह ‘आ’ जोड़ने से ‘आहार’ (भोजन), सम् जोड़ने से ‘संहार’ (विनाश) तथा ‘वि’ जोड़ने से ‘विहार’ (घूमाना) इत्यादि शब्द बन जायेगे | स्पष्टीकरण—उपर्युक्त उदाहरण में ‘प्र’, ‘आ’, ‘सम्’ और ‘वि’ का अलग से कोई अर्थ नही है, परन्तु ‘हार’ शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में इन्होने परिवर्तन कर दिया है | इसका मतलब हुआ कि ये सभी शब्दांश है और ऐसे शब्दांशो को ‘ उपसर्ग‘ कहते है | उपसर्ग का महत्त्व—उपसर्गो का विशेष महत्त्व यह है कि इनकी सहायता से अनेक प्रकार के शब्द एवं रूप बनते है | उपसर्ग के भेद...

उपसर्ग किसे कहते हैं । उपसर्ग के भेद, परिभाषा, उदाहरण – Hindi Alphabet

व्याकरण में उपसर्ग बहुत महत्वपूर्ण होता है, उपसर्ग जब किसी शब्द के आगे लग जाता है तो उस शब्द का अर्थ परिवर्तन कर देता है. यहाँ हम उपसर्ग से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी आपको बताने वाले हैं. उपसर्ग की परिभाषा क्या है ? उपसर्ग के कितने भेद होते है और यह कितने प्रकार के होते है इन सब की जानकारी आपको हम इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं. अगर आप व्याकरण की सम्पूर्ण जानकारी चाहते है तो उपसर्ग को समझना बहुत आवश्यक है. उपसर्ग क्या है और यह कितने प्रकार के होते हैं इन सब की जानकारी हम नीचे टेबल के माध्यम से आपको समझाने का प्रयास कर रहे हैं. उम्मीद है आपको हमारा यह तरीका पसंद आएगा और आप आसानी से हिंदी उपसर्ग, संस्कृत उपसर्ग, अंग्रेजी उपसर्ग, उर्दू उपसर्ग और फ़ारसी उपसर्ग को समझ पायेंगे. उपसर्ग की परिभाषा उपसर्ग की परिभाषा से पहले हमें उपसर्ग का अर्थ पता होना चाहिए. जैसा की आप पढ़ सकते है उपसर्ग दो शब्दों को मिलाकर बना है उप+सर्ग उप का अर्थ ‘समीप’ और सर्ग का अर्थ ‘सृष्टि करना’ है. यानि इसका पूरा अर्थ किसी शब्द के समीप (आगे) लगकर उस शब्द का अर्थ परिवर्तन (नया शब्द बनाना) करना है. उपसर्ग की परिभाषा इस तरह है “ऐसे शब्दांश जो शब्द के आगे लगकर उस शब्द का अर्थ परिवर्तन कर देते है ऐसे शब्दांश को उपसर्ग कहते है.” जैसे – उप, वि, आ, सम्, अति, अधि, सु, अन, कु, अध, दु इत्यादि अनेक उपसर्ग है जिनका विवरण हम निचे देने वाले है. उदाहरण – अन+पढ़ = अनपढयहाँ पर पढ़शब्द का अर्थ पढने से है लेकिन जब इसके आगे अनलग गया तो इसका अर्थ बदल गया और यह अनपढ़ यानि ‘पढ़ा लिखा ना हो’हो गया है. उपसर्ग के प्रकार उपसर्ग मुख्य रूप से 4 प्रकार के होते है यह इस तरह है – • हिंदी उपसर्ग • संस्कृत उपसर्ग • उर्दू उपसर्ग • अंग्रेजी उपसर...

100+ उपसर्ग

Table of Contents • • • • • • • • • • • उपसर्ग in Hindi | Upsarg in Hindi | उपसर्ग meaning in Hindi | Upsarg meaning in Hindi | उपसर्ग examples in Hindi | Upsarg examples in Hindi | उपसर्ग किसे कहते हैं pdf | Upsarg kise kahte hain pdf in Hindi | उपसर्ग के 50 उदाहरण | 50 Examples of Upsarg in Hindi | उपसर्ग के 100 उदाहरण | 100 Examples of Upsarg in Hindi उपसर्ग किसे कहते हैं? | Upsarg kise kahate hain? उपसर्ग उस शब्दांश या अव्यय को कहते है, जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करता है। दूसरे शब्दों में ”वह शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उस शब्द के अर्थ में विशेषता ला दे या उसका अर्थ बदल दे।” वे उपसर्ग कहलाते है। जैसे- प्रसिद्ध, अभिमान, विनाश, उपकार। इनमे क्रमशः ‘प्र’, ‘अभि’, ‘वि’ और ‘उप’ उपसर्ग है। 100+ उपसर्ग | 100+ Upsarg in Hindi क्या आप जानते है कि उपसर्ग किसे कहते है। यदि नहीं तो आज हम आपके लिए उपसर्ग (Upsarg) से संबंधित जानकारी को लेकर आये है। आप हमारे इस पोस्ट में दी गई जानकारी के अनुसार देख सकते है की उपसर्ग का अर्थ क्या होता है और इसका प्रयोग किस प्रकार किया जाता है। यहां हम 100 से अधिक उपसर्ग हिंदी में प्रदान कर रहे हैं। उपसर्ग | Upsarg in Hindi (Part 1) उपसर्ग उपसर्ग से बने शब्द अति अतिकाल, अत्याचार, अतिकर्मण, अतिरिक्त, अतिशय, अत्यन्त, अत्युक्ति, अतिक्रमण, इत्यादि । अधि अधिकरण, अधिकार, अधिराज, अध्यात्म, अध्यक्ष, अधिपति इत्यादि। अप अपकार, अपमान, अपशब्द, अपराध, अपहरण, अपकीर्ति, अपप्रयोग, अपव्यय, अपवाद इत्यादि। अ अज्ञान, अधर्म, अस्वीकार इत्यादि। अनु अनुशासन, अनुज, अनुपात, अनुवाद, अनुचर, अनुकरण, अनुरूप, अनुस्वार, अनुशीलन इत्यादि। आ आकाश, आ...

Pratyay Ki Paribhasha

Advertisements Hindi Grammar के इस भाग मे आप जानेंगे Pratyay Ki Paribhasha, Pratyay Kise Kahate Hai, Pratyay Ke Bhed तथा Pratyay Ke Prakar. आप मे से कई लोग हिंदी मे इस पाठ मे confuse रहते है। तो इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको Pratyay In hindi मे कोई समस्य नहीं होगी। इसी के साथ 50 Pratyay Shabd List भी इसी पोस्ट मे मैने डाली है, जिससे आपको यह जानकारी मिल सके की प्रत्यय वाले शब्द कौन-कौन से होते है। तो चलिए जानते है, प्रत्यय किसे कहते हैं? Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • Pratyay Ki Paribhasha – Pratyay In Hindi प्रत्यय दो शब्दों से मिलकर बना है- प्रति + अय। जहाँ प्रति का अर्थ होता है, साथ मे पर बाद मे आने वाला तथा अय का अर्थ होता है चलने वाला। अतः प्रत्यय का शाब्दिक अर्थ होता है, शब्दों के साथ परन्त बाद में चलने वाला या लगने वाला। अतः ऐसे शब्दांश जो शब्दों के अन्त में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ परिवर्तन कर दे, या फिर नए शब्द का निर्माण करते है, उन्हें ही प्रत्यय शब्द कहते है। जैसे- सफल+ता = सफलता Pratyay Ke Bhed – प्रत्यय के भेद हिंदी व्याकरण मे प्रत्यय के कुल दो भेद है- 1) कृत् प्रत्यय तथा 2) तद्धित प्रत्यय कृत् प्रत्यय – Krit Pratyay Ki Paribhasha ऐसे प्रत्यय जो क्रिया या धातु के अन्त में प्रयुक्त होते है, उन्हें ही कृत् प्रत्यय कहते है। कृत् प्रत्यय द्वारा बने शब्दों के कृदन्त शब्द कहते है। जैसे- पढ़ना (क्रिया पद) + वाला (कृत् प्रत्यय) = पढ़ने वाला (कृदन्त शब्द) कृत् प्रत्यय के कुल पाँच प्रकार के होते हैं- • कर्तृवाचक कृदन्त • कर्मवाचक कृदन्त • करणवाचक कृदन्त • भाववाचक कृदन्त • क्रियावाचक कृदन्त हिंदी के कृत प्रत्यय – Krit Pratyay In Hindi प्रत्यय मूल क्र...

उपसर्ग किसे कहते हैं, भेद, परिभाषा उदाहरण सहित, प्रकार

उपसर्ग दो शब्दों से मिलकर बना है उप + सर्ग उप का अर्थ होता है पास या समीप तथा सर्ग का अर्थ होता है सृष्टि करना अतः उपसर्ग का शाब्दिक अर्थ होता है। किसी शब्द के समीप आकर नए शब्द की सृष्टि करना। उपसर्ग किसे कहते हैं इसकी परिभाषा निम्न प्रकार है। उपसर्ग की परिभाषा वे शब्दांश जो किसी शब्द के पहले जुड़कर शब्द के अर्थ में विशेषता उत्पन्न कर देते हैं। उन्हें उपसर्ग (upsarg in Hindi) कहते हैं। उपसर्ग का प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं होता है। यह किसी शब्द के पहले (पूर्व) में ही प्रयोग किए जाते हैं। जैसे – संभव, संहार, संजय आदि में ‘सम’ उपसर्ग है। हार शब्द का अर्थ होता है – पराजय तथा इसके आगे ‘प्र’ उपसर्ग जोड़ने पर नया शब्द बनता है। – प्रहार जिसका अर्थ होता है। ’मारना’ अर्थात् हार शब्द में ‘प्र’ उपसर्ग जोड़ने पर हार शब्द का अर्थ ही बदल गया है। उपसर्ग का अपना कोई अर्थ नहीं होता है। अन्य उदाहरण – परा + धीन = पराधीन अति + अंत = अत्यंत स्व + तंत्र = स्वतंत्र Note – संस्कृत उपसर्ग सदैव तत्सम शब्दों के साथ ही प्रयुक्त होते हैं। तथा हिंदी उपसर्ग हिंदी भाषा के शब्दों के साथ ही प्रयुक्त होते हैं। उपसर्ग का किसी भी शब्द की भांति स्वतंत्र प्रयोग नहीं किया जाता है। उपसर्ग के भेद हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाले उपसर्गों को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है। 1. संस्कृत के उपसर्ग 2. हिंदी के उपसर्ग 3. आगत उपसर्ग (विदेशी भाषाओं से) 1. संस्कृत के उपसर्ग संस्कृत के उपसर्गों की संख्या 22 है। इन्हें तत्सम उत्सर्ग भी कहते हैं। क्रम संख्या उपसर्ग अर्थ निर्मित शब्द 1 अति अधिक अत्याधिक, अत्याचार, अतिरिक्त, अत्यंत 2 अधि ऊपर, श्रेष्ठ अधिकार, अधिकृत, अधिनायक, अध्यक्ष 3 अनु पीछे, समान अनुरूप, अनुसा...

उपसर्ग की परिभाषा, भेद एवं उदहारण

• 1 Upsarg Kise Kahate Hain – उपसर्ग की परिभाषा • 2 उपसर्ग के भेद एवं प्रकार – Upsarg Ke Bhed • 3 उपसर्ग के भेदो की परिभाषा एवं उद्धरण • 3.1 1. हिंदी के उपसर्ग • 3.2 2. संस्कृत के उपसर्ग • 3.3 3. आगत उपसर्ग Upsarg Kise Kahate Hain – उपसर्ग की परिभाषा आसान शब्दों में उपसर्ग की निम्नलिखित परिभाषाएँ होती है: • जो शब्दांश मूल शब्द के पहले लगकर एक नए शब्द का निर्माण करते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं| • जिन शब्दों को किसी मूल शब्द के पहले लगाने से एक नए शब्द का जन्म हो तो, उन शब्दों को उपसर्ग कहा जाता है| उदहारण – 1. आ + राम – आराम– इसमें “आ” उपसर्ग है, जो मूल शब्द “राम” में लग कर एक नए शब्द आराम का निर्माण कर रहा है| 2. वि + चार – विचार– इसमें “वि” उपसर्ग है, जो मूल शब्द “चार” में लग कर एक नए शब्द विचार का निर्माण कर रहा है| 1. आ • आ + राम – आराम • आ + हार – आहार • आ + काश – आकाश • आ + गमन – आगमन • आ + वाम – आवाम • आ + मरण – आमरण • आ + पदा – आपदा • आ + क्रोश – आक्रोश 2. अ • अ + मन – अमन • अ + टूट – अटूट • अ + नर्थ – अनर्थ • अ + पराजित = अपरजीत • अ + विजय – अविजय • अ + ज्ञानी – अज्ञानी • अ + संकोश – असंकोष • अ + नियंत्रित – अनियंत्रित 3. नि • नि + डर – निडर • नि + रक्षण – निरक्षण • नि + कम्मा – निकम्मा • नि + रोग – निरोग • नि + रोध – निरोध 2. संस्कृत के उपसर्ग जो उपसर्ग संस्कृत भाषा से लिए गए हैं, उन्हें संस्कृत के उपसर्ग कहा जाता है| जैसे प्र, अप, अनु, आदि| उदहारण – 1. प्र • प्र + माण – प्रमाण • प्र + कृति – प्रकृति • प्र + णाम – प्रणाम • प्र + गति – प्रगति • प्र + शासन – प्रशासन • प्र + अजय – प्राजय • प्र + दीप – प्रदीप • प्र + सन्न – प्रसन्न 2. अप • अप + मान – अपमान • अप + एक्...