उज्जैन महाकाल

  1. Ujjain Mahakal
  2. Breaking Of Idols In Ujjains Mahakal Lok Is Becoming A Political Issue Before Elections In Madhya Pradesh
  3. Lord shiva greatest temple ujjain mahakal shiv linga
  4. Ujjain Mahakal Mandir
  5. Ujjain Mahakal Lok: उज्जैन महाकाल लोक की मूर्तियां टूटी, कांग्रेस


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Ujjain Mahakal

उज्जैन महाकाल | ऑनलाइन दर्शन टिकट बुकिंग, भस्म आरती, प्रसाद ,धर्मशाला मूल्य उज्जैन महाकाल (श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग) के भक्त ठहरने के लिए दर्शन टिकट बुकिंग, भस्म आरती दर्शन, ऑनलाइन प्रसाद आदेश, धर्मशाला बुकिंग जैसी ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। किसी भी पूछताछ के मामले में Ujjain Mahakal हेल्पलाइन नंबरों का भी उपयोग किया जा सकता है। यह लेख उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के तीर्थयात्रियों को दी जाने वाली ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करने का तरीका बताता है। Ujjain Mahakal मंदिर के अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों के लिए एक खुशखबरी का खुलासा किया है। यह घोषणा तब हुई जब कोविड के मामलों में वृद्धि के कारण मंदिर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। यह भी घोषणा की गई है कि मंदिर ने सितंबर 2021 से बुकिंग पंजीकरण प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है। उज्जैन महाकाल टिकट बुकिंग उज्जैन महाकाल में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। COVID महामारी के कारण, संख्या में काफी कमी आई है। महाकाल भक्तों की सुविधा के लिए, संबंधित अधिकारियों ने ऑनलाइन दर्शन, प्रवेश टिकट बुकिंग, प्रसाद आदेश और धर्मशाला स्टे बुकिंग जैसी विभिन्न ऑनलाइन सुविधाएं शुरू की हैं। यह लेख श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, बासमा आरती, प्रसाद आदेश, धर्मशाला मूल्य और संख्या के लिए ऑनलाइन टिकट दर्शन बुकिंग की ऑनलाइन प्रक्रिया की व्याख्या करता है। Table of Contents - • • • • • • • Ujjain Mahakal मंदिर के लिए ऑनलाइन दर्शन टिकट मूल्य बुकिंग प्रक्रिया आइए देखते हैं उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर दर्शन के लिए टिकट बुक करने की ऑनलाइन प्रक्रिया। • आपको सबसे पहले ये बतादे की पेड टिकट की कीमत रु. 250 प्रति टिकट है | • उज्जैन महाकाल मंदिर के आधिकारिक पोर्टल पर जा...

Breaking Of Idols In Ujjains Mahakal Lok Is Becoming A Political Issue Before Elections In Madhya Pradesh

भोपाल: उज्जैन के महाकाल लोक गलियारे में रविवार को तेज आंधी के बाद सप्तऋषि की सात मूर्तियों में से छह का क्षतिग्रस्त होना मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सियासी मुद्दा बनता जा रहा है. कांग्रेस महाकाल लोक के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है वहीं बीजेपी का कहना है कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. यह भी पढ़ें • मध्य प्रदेश : तेज आंधी-तूफान के कारण महाकाल लोक कॉरिडोर में मूर्तियां क्षतिग्रस्त, 2 लोगों की मौत • उज्जैन: महाकाल लोक में आंधी-तूफान से गिरकर टूटी सप्तऋषि की मूर्तियां, DM ने जल्द ठीक करने का किया दावा • महाकाल की नगरी उज्जैन में लगा 'भूतों का मेला', इस मौके पर लोगों ने किया तंत्र क्रिया, जानें पूरी सच्चाई द्वादश ज्योर्तिलिंगों में से एक भगवान महाकाल हैं. महाकालेश्वर शिवलिंग उज्जैन में प्रतिष्ठित है. इस पवित्र नगरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकाल लोक परिसर का लोकार्पण किया था. परिसर में वशिष्ठ, विश्वामित्र,कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव और शौनक, यानी सप्तऋषियों की मूर्तियां लगाई गईं. पूरे महाकाल लोक में करीब 136 मूर्तियां लगाई गई हैं. रविवार को 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली तो​ सप्तऋषियों की सात में से छह मूर्तियां पेडस्टल से नीचे गिर गईं. 10 से 25 फीट ऊंची मूर्तियों को फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी हैं. एफआरपी से निर्मित सप्त ऋषियों की मूर्तियां 10 फीट ऊंचे स्तंभ पर स्थापित थीं जो रूद्रसागर, त्रिवेणी मण्डपम एवं कमल कुण्ड के बीच हैं. प्रशासन का कहना है कि तेज आंधी और बारिश का एसर यहां ज्यादा था जिसकी वजह से सप्त ऋषियों की मूर्तियों में से 6 मूर्तियां पेडस्टल से अलग होकर नीचे गिर गईं. 10 फीट की ऊंचाई से गिरने के कारण तीन क्विंटल वजन ...

Lord shiva greatest temple ujjain mahakal shiv linga

सबसे अनोखे हैं महाकाल महाकाल में स्थित महादेव का शिवलिंग पूरी दुनिया में सबसे अनोखा है क्योंकि यह विश्व का एक मात्र ऐसा शिव मंदिर है जहाँ दक्षिणमुखी शिवलिंग प्रतिष्ठापित है। यह स्वयंभू शिवलिंग है। जो बहुत जाग्रत है। इस वजह से यहाँ तड़के 4 बजे भस्म आरती करने का विधान है। प्रचलित मान्यता के अनुसार यहां श्मशान की ताजी चिता की भस्म से आरती की जाती थी। लेकिन वर्तमान में कंडो की भस्म से आरती होती है। यहां भस्म आरती के दर्शन केवल पुरुष ही कर सकते हैं. भस्म आरती से पहले भगवान शिव को जल चढाया जाता है. इस मंदिर में गणेश, पार्वती और कार्तिकेय की प्रतिमा को भी पश्चिम, उत्तर और पूर्व में स्थापित किया गया है। दक्षिण की तरफ भगवान शिव के वाहन नंदी की प्रतिमा भी स्थापित की गयी है। महाकाल मंदिर के कड़े हैं नियम महाकाल के इस मंदिर में दर्शन कई नियम कानून बनाए गए हैं. जैसे महिलाओं को आरती के समय घूंघट करना पड़ता है. इसके साथ ही आरती के समय पुजारी भी मात्र एक धोती में आरती करते हैं. अन्य किसी भी प्रकार के वस्त्र को धारण करने की मनाही रहती है. महाकाल की भस्म आरती के पीछे एक यह मान्यता भी है कि भगवान शिवजी श्मशान के साधक हैं, इस कारण से भस्म को उनका श्रृंगार-आभूषण माना जाता है. इसके साथ ही ऐसी मान्यता है कि ज्योतिर्लिंग पर चढ़े भस्म को प्रसाद रूप में ग्रहण करने से रोग दोष से भी मुक्ति मिलती है. महाज्योतिर्लिंग में होती है महाकाल की गिनती महाकाल का यह मंदिर रूद्र सागर सरोवर के किनारे पर बसा हुआ है. कहा जाता है की अधिष्ठाता देवता, भगवान शिव ने इस लिंग में स्वयंभू के रूप में बसते है, इस लिंग में अपनी ही अपार शक्तियाँ है और मंत्र-शक्ति से ही इस लिंग की स्थापना की गयी थी. इस पवित्र तीर्थस्थान को 18 मह...

Ujjain Mahakal Mandir

अनलॉक के बाद उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन श्रावण मास में हो सकेंगे। सोमवार से महाकाल के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया गया है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकाल ही एकमात्र सर्वोत्तम शिवलिंग है। कहते हैं कि 'आकाशे तारकं लिंगं पाताले हाटकेश्वरम्। भूलोके च महाकालो लिंड्गत्रय नमोस्तु ते।।' अर्थात आकाश में तारक शिवलिंग, पाताल में हाटकेश्वर शिवलिंग तथा पृथ्वी पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग है। महाकाल के दर्शन करने के बाद जूना महाकाल के दर्शन करना भी जरूरी है। 3. कुछ लोगों के अनुसार जब मुगलकाल में इस शिवलिंग को खंडित करने की आशंका बढ़ी तो पुजारियों ने इसे छुपा दिया था और इसकी जगह दूसरा शिवलिंग रखकर उसकी पूजा करने लगे थे। बाद में उन्होंने उस शिवलिंग को वहीं महाकाल के प्रांगण में अन्य जगह स्थापित कर दिया जिसे आज 'जूना महाकाल' कहा जाता है। हालांकि कुछ लोगों के अनुसार असली शिवलिंग को क्षरण से बचाने के लिए ऐसा किया गया। 7. उज्जैन का एक ही राजा है और वह है महाकाल बाबा। विक्रमादित्य के शासन के बाद से यहां कोई भी राजा रात में नहीं रुक सकता। जिसने भी यह दुस्साहस किया है, वह संकटों से घिरकर मारा गया। पौराणिक तथा और सिंहासन बत्तीसी की कथा के अनुसार राजा भोज के काल से ही यहां कोई राजा नहीं रुकता है। वर्तमान में भी कोई भी राजा, मुख्‍यमंत्री और प्रधानमंत्री आदि यहां रात नहीं रुक सकता। राजा महाकाल श्रावण मास में प्रति सोमवार नगर भ्रमण करते हैं। Mangal puja Amalner : भूमि पुत्र मंगल देव का अमलनेर में बहुत ही जागृत मंदिर है। यहां पर मंगल देव के साथ ही पंचमुखी हनुमान और भू माता विराजमान हैं। यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। इसी के साथ ही जिन लोगों को ...

Ujjain Mahakal Lok: उज्जैन महाकाल लोक की मूर्तियां टूटी, कांग्रेस

देश के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकाल परिसर में बनाए गए महाकाल लोक की मूर्तियां आंधी में ढहने के बाद से राज्य की सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी और कांग्रेस की ओर से लगाए जा रहे आरोपों ने एक बात तो सामने ला ही दी है कि इन मूर्तियों की स्थापना का भुगतान दोनों दलों की सरकारों में हुआ.साथ में दोनों ओर से लग रहे आरोपों ने एक सवाल तो उठा ही दिया है कि क्या दोनों के दामन दागदार हैं? पिछले दिनों उज्जैन में तेज आंधी और बवंडर के बीच महाकाल लोक में स्थापित की गई सप्तऋषि की प्रतिमाओं में से छह प्रतिमाएं पेडेस्टल से गिरकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हे गई थी. इसके बाद से कांग्रेस की ओर से BJP पर लगातार हमले बोले जा रहे हैं.इसी बीच सरकार की ओर से मूर्तियां स्थापित किए जाने की प्रक्रिया का ब्यौरा जारी किया गया है,उससे एक बात तो साफ हो जाती है कि मूर्तियां की स्थापना का भुगतान कांग्रेस और बीजेपीदोनों दलों की सरकार के कार्यकाल में हुआ है. मूर्तियां स्थापना की प्रक्रिया में चरणबद्ध तरीके से भुगतान की बात कही जा रही है.मूर्तियां स्थापित करने वाली कंपनी के पूरा भुगतान किया जा चुका है,यह उपलब्ध आंकड़े बताते है.मूर्तियां स्थापित करने की निविदा बीजेपी के शासनकाल में जारी हुई और दिसंबर 2018 में कांग्रेस की सरकार आ गई.मूर्तियां स्थापित करने की प्रक्रिया में सामग्री प्रदाय पर 20 प्रतिशत,डिजाइनिंग,मूर्तिकला,नक्काशी,फिनिशिंग होने पर 40 प्रतिशत की राशि का भुगतान कांग्रेस के शासनकाल में हुआ.मार्च 2020 में कांग्रेस की सरकार गिर गई और उसके बाद मार्च 2021 में मूर्ति स्थापना पर 25 फीसदी राशि का भुगतार हुआ,तब तक बीजेपीकी सरकार सत्ता में आ चुकी थी.फिर बाकी 15 फीसद राशि के भुगतान की बात सामने आई.इस तर...