स्वामी विवेकानंद पर भाषण हिंदी में

  1. स्वामी विवेकानंद पर भाषण हिंदी भाषा में
  2. स्वामी विवेकानंद पर भाषण
  3. स्वामी विवेकानंद जयंती भाषण, Speech On Swami Vivekananda Jayanti in Hindi
  4. विवेकानंद जी पर हिंदी में निबंध
  5. स्वामी विवेकानंद का शिकागो भाषण
  6. स्‍वामी विवेकानंद का वो भाषण, जिसने भारत को बना दिया आध्‍यात्‍म का केंद्र
  7. हिंदी में भाषण
  8. स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध
  9. स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध
  10. स्‍वामी विवेकानंद का वो भाषण, जिसने भारत को बना दिया आध्‍यात्‍म का केंद्र


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स्वामी विवेकानंद पर भाषण हिंदी भाषा में

क्या स्वामी विवेकानंद को किसी परिचय की आवश्यकता है? परिचय की आवश्यकता नहीं है लेकिन मानव जाति के उत्थान और हिंदू धर्म के प्रचार के लिए किए गए उनके महान कार्यों, उदारता का जिक्र करना महत्वपूर्ण है। यदि आप इस महान व्यक्ति के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो आप स्वामी विवेकानंद पर लिखे इन भाषणों का अध्ययन कर सकते हैं। आपको लंबे भाषणों के साथ-साथ, संक्षिप्त भाषण भी मिलेंगे जो आपको समृद्ध अनुभव देने और चीजों का व्यापक दृष्टिकोण समझने में आसान हैं। स्वामी विवेकानंद पर लंबे और छोटे भाषण (Long and Short Speech on Swami Vivekananda) स्वामी विवेकानंद पर भाषण – 1 प्रिय दोस्तों – आप सभी को नमस्कार! भाषण समारोह में आज इकट्ठा होने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं, आपका मेजबान – अपूर्व मलिक, आपके लिए स्वामी विवेकानंद के जीवन पर एक भाषण तैयार किया है। आशा है कि आप सभी इस महान व्यक्तित्व के बारे में मेरा भाषण सुनकर उतना आनंद लेंगे जितना मुझे बोलकर आएगा। जो लोग पहले से ही उनके बारे में जानते हैं वे भी मेरे भाषण में अपना योगदान दे सकते हैं और मूल्यवान जानकारी को साझा कर सकते हैं लेकिन जो लोग उनके बारे में ज्यादा नहीं जानते वे उनके जीवन और गतिविधियों के बारे में अच्छी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। देवियों और सज्जनों स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी को 1863 में हुआ था और 1902 में उनकी मृत्यु हो गई थी। वे श्री रामकृष्ण परमहंस के महान अनुयायी थे। उनके जन्म के समय उन्हें नरेंद्रनाथ दत्ता का नाम दिया गया और उन्होंने रामकृष्ण मिशन की नींव रखी। उन्होंने अमेरिका और यूरोप में वेदांत और योग जैसे हिंदू दर्शन की नीवं रखी। उन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में हिंदू धर्म के अनुसार विश्व धर्म की स्थिति...

स्वामी विवेकानंद पर भाषण

Speech on Swami Vivekananda in Hindi : इस लेख में हमने स्वामी विवेकानंद पर भाषणके बारे में जानकारी प्रदान की है। यहाँ पर दी गई जानकारी बच्चों से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी। स्वामी विवेकानंद पर भाषण: प्रत्येक भारतीय नागरिक स्वामी विवेकानंद को आध्यात्मिक विचारों के साथ एक असाधारण व्यक्तित्व के रूप में याद करता है। स्वामी विवेकानंद एक प्रसिद्ध धार्मिक हिंदू नेता, संत और भारत में रामकृष्ण मठ और मिशन के संस्थापक हैं। उनकी शानदार बातचीत, गहरी आध्यात्मिक अंतर्ज्ञान, उनके रंगीन व्यक्तित्व और व्यापक मानवीय सहानुभूति के साथ-साथ पश्चिमी और पूर्वी संस्कृति के उनके विशाल ज्ञान ने उन्हें एक आकर्षक चरित्र बना दिया। उन्होंने अधिकांश पश्चिमी देशों में हिंदू धर्म के भारतीय दर्शन की शुरुआत की और वेदांत आंदोलन का नेतृत्व किया। उनके सम्मान में, हम हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाते हैं। हमने विभिन्न विषयों पर स्वामी विवेकानंद पर लंबा और छोटा भाषण नीचे दिए गए दो भाषण क्रमशः 500-600 शब्दों का लंबा भाषण और 200-300 शब्द लघु भाषण हैं। छात्र नीचे दिए गए भाषणों का भी उल्लेख कर सकते हैं और अपने शब्दों से मंच की शोभा बढ़ा सकते हैं। स्वामी विवेकानंद पर लंबा भाषण(600 शब्द) सबको मेरा प्रणाम। हम सभी ने प्रख्यात व्यक्तित्व- स्वामी विवेकानंद के बारे में सुना है। कलकत्ता के दत्ता परिवार में 12 जनवरी, 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानंद समकालीन भारत के एक सम्मानित विद्वान, संत, विचारक, दार्शनिक और लेखक थे। उन्होंने पश्चिमी दुनिया के संदेहवादी दर्शन के साथ-साथ विज्ञान की आराधना को अपनाया। साथ ही, वह परमेश्वर के बारे में सच्चाई को जानने के लिए बहुत उत्सुक ...

स्वामी विवेकानंद जयंती भाषण, Speech On Swami Vivekananda Jayanti in Hindi

Speech on Swami Vivekananda jayanti in Hindi, स्वामी विवेकानंद जयंती पर भाषण हिंदी: नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए लेके आये है स्वामी विवेकानंद जयंती पर भाषण हिंदी, speech on Swami Vivekananda jayanti in Hindi लेख। यह स्वामी विवेकानंद जयंती पर भाषण हिंदी लेख में आपको इस विषय की पूरी जानकारी देने का मेरा प्रयास रहेगा। हमारा एकमात्र उद्देश्य हमारे हिंदी भाई बहनो को एक ही लेख में सारी जानकारी प्रदान करना है, ताकि आपका सारा समय बर्बाद न हो। तो आइए देखते हैं स्वामी विवेकानंद जयंती पर भाषण हिंदी, speech on Swami Vivekananda jayanti in Hindi लेख। इस लेख में महत्वपूर्ण मुद्दे • • • • • स्वामी विवेकानंद जयंती पर भाषण हिंदी, Speech On Swami Vivekananda Jayanti in Hindi स्वामी विवेकानंद १८ वीं शताब्दी के आध्यात्मिक नेता, दार्शनिक और समाज सुधारक थे। उनका जन्म वर्तमान कोलकाता में १२ जनवरी, १८६३ को एक कुलीन बंगाली परिवार में हुआ था। वे एक विपुल विचारक, एक महान वक्ता और एक भावुक देशभक्त थे। परिचय उनकी शिक्षाओं ने बहुत सारे युवा भारतीयों को प्रेरित किया और १९ वीं शताब्दी में एक आध्यात्मिक जागृति लाई, और इसलिए, उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। वह भारत के प्रमुख विचारकों में से एक थे, जिन्होंने रहस्यवादी और योगी रामकृष्ण परमहंस की सलाह के तहत प्राचीन हिंदू शास्त्रों के माध्यम से भारतीय दर्शन को फिर से खोजा और इसे भारतीय विचारों की मुख्यधारा में लाया। स्वामी विवेकानंद ने १८९३ में विश्व धर्म संसद में भारत और हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया। हम सभी ने प्रख्यात व्यक्तित्व स्वामी विवेकानंद के बारे में सुना होगा। १२ जनवरी 1863 को कलकत्ता के दत्ता परिवार में जन्मे स्...

विवेकानंद जी पर हिंदी में निबंध

प्रस्तावना- हमेशा से युवाओं के प्रेरणास्रोत रहे स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का जन्म 12 जनवरी सन्‌ 1863 (12 January 1863) को हुआ। स्वामी जी का घर का नाम नरेंद्र दत्त (Narendra Datt) था। नरेंद्र की बुद्धि बचपन से बड़ी तीव्र थी और परमात्मा को पाने की लालसा भी प्रबल थी। इस हेतु वे पहले ब्रह्म समाज में गए किंतु वहां उनके चित्त को संतोष नहीं हुआ। उनके पिता विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता में विश्वास रखते थे। वे अपने पुत्र नरेंद्र को भी अंग्रेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता के ढंग पर चलाना चाहते थे। सन्‌ 1884 में विश्वनाथ दत्त की मृत्यु हो गई। अत: घर का भार नरेंद्र पर पड़ा। घर की दशा बहुत खराब थी। कुशल यही थी कि नरेंद्र का विवाह नहीं हुआ था। अत्यंत गरीबी में भी नरेंद्र अतिथियों की सेवा करते थे। स्वयं भूखे रहकर अतिथि को भोजन कराते, स्वयं बाहर वर्षा में रातभर भीगते-ठिठुरते पड़े रहते और अतिथि को अपने बिस्तर पर सुला देते। जीवन- एक बार विवेकानंद भारत के महान संत रामकृष्ण परमहंस (Ramkrisna Paramhans) की प्रशंसा सुनकर उनके पास तर्क करने के विचार से ही गए थे, किंतु परमहंस जी ने देखते ही पहचान लिया कि ये तो वही शिष्य है जिसका उन्हें कई दिनों से इंतजार है। परमहंस जी की कृपा से इनको आत्म-साक्षात्कार हुआ फलस्वरूप नरेंद्र परमहंस जी के शिष्यों में प्रमुख हो गए। संन्यास लेने के बाद इनका नाम विवेकानंद हुआ। स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda) अपना जीवन अपने गुरुदेव स्वामी रामकृष्ण परमहंस को समर्पित कर चुके थे। गुरुदेव के शरीर-त्याग के दिनों में अपने घर और कुटुंब की नाजुक हालत की परवाह किए बिना, स्वयं के भोजन की परवाह किए बिना गुरु सेवा में सतत हाजिर रहे। गुरुदेव का शरीर अत्यंत रुग्ण हो गया था। क...

स्वामी विवेकानंद का शिकागो भाषण

आइए, स्वामी विवेकानंद का शिकागो भाषण पढ़ें, अमेरिका में किए गए उनके इस शंखनाद को समझें और अपने जीवन में इन आदर्शों को धारण करें। अमेरिकावासी बहनो तथा भाइयो, आपने जिस सौहार्द और स्नेह के साथ हम लोगों का स्वागत किया है, उसके प्रति आभार प्रकट करने के निमित्त खड़े होते समय मेरा हृदय अवर्णनीय हर्ष से पूर्ण हो रहा है। संसार में संन्यासियों की सबसे प्राचीन परम्परा की ओर से मैं आपको धन्यवाद देता हूँ; धर्मों की माता की ओर से धन्यवाद देता हूँ; और सभी सम्प्रदायों एवं मतों के कोटि कोटि हिन्दुओं की ओर से भी धन्यवाद देता हूँ। मैं इस मंच पर से बोलनेवाले उन कतिपय वक्ताओं के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ, जिन्होंने प्राची के प्रतिनिधियों का उल्लेख करते समय आपको यह बतलाया है कि सुदूर देशों के ये लोग सहिष्णुता का भाव विविध देशों में प्रसारित करने के गौरव का दावा कर सकते हैं। मैं एक ऐसे धर्म का अनुयायी होने में गर्व का अनुभव करता हूँ, जिसने संसार को सहिष्णुता तथा सार्वभौम स्वीकृति, दोनों की ही शिक्षा दी है। हम लोग सब धर्मों के प्रति केवल सहिष्णुता में ही विश्वास नहीं करते, वरन् समस्त धर्मों को सच्चा मानकर स्वीकार करते हैं। मुझे एक ऐसे देश का व्यक्ति होने का अभिमान है, जिसने इस पृथ्वी के समस्त धर्मों और देशों के उत्पीड़ितों और शरणार्थियों को आश्रय दिया है। मुझे आपको यह बतलाते हुए गर्व होता है कि हमने अपने वक्ष में यहूदियों के विशुद्धतम अवशिष्ट अंश को स्थान दिया था, जिन्होंने दक्षिण भारत आकर उसी वर्ष शरण ली थी, जिस वर्ष उनका पवित्र मंदिर रोमन जाति के अत्याचार से धूल में मिला दिया गया था। ऐसे धर्म का अनुयायी होने में मैं गर्व का अनुभव करता हूँ, जिसने महान् जरथुष्ट्र जाति के अवशिष्ट अंश को शरण...

स्‍वामी विवेकानंद का वो भाषण, जिसने भारत को बना दिया आध्‍यात्‍म का केंद्र

भारत को दुनिया में आध्‍यात्‍म का केंद्र माना जाता है. क्‍या आपको पता है कि दुनिया के सामने भारत की ये छवि कैसे बन गई और भारत को प्रेम, आध्‍यात्‍म और भाईचारा बढ़ाने वाले देश के तौर पर देखा जाने लगा. भारत को आध्‍यात्‍म नगरी बनाने का श्रेय स्‍वामी विवेकानंद को जाता है. स्‍वामी विवेकानंद का 11 सितंबर, 1893 को शिकागो, अमेरिका की विश्व धर्म सम्मेलन सभा में दिया गया भाषण आज भी भारतीयों को गर्व से भर देता है. 125 साल पहले जब स्वामी विवेकानन्द ने अपने भाषण की शुरुआत 'मेरे अमेरिकी भाइयो और बहनों' से की तो पूरा सभागार कई मिनटों तक तालियों से गूंज उठा. ये वही क्षण था जब भारत को पूरी दुनिया आध्यात्म के केंद्र के तौर पर देखने लगी. ये हैं स्वामी विवेकानंद के उस विख्यात भाषण के कुछ खास अंश : अमेरिका के बहनों और भाइयों, आपके इस स्नेहपूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा हृदय अपार हर्ष से भर गया है और मैं आपको दुनिया की प्राचीनतम संत परम्परा की तरफ से धन्यवाद देता हूं. मैं आपको सभी धर्मों की जननी की तरफ से धन्यवाद देता हूं और सभी जातियों, संप्रदायों के लाखों, करोड़ों हिन्दुओं की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूं. इसे भी पढ़ें :- विवेकानंद के रामकृष्ण से वो सवाल जिसने बदल दी उनकी जिंदगी! मेरा धन्यवाद कुछ उन वक्ताओं को भी है, जिन्होंने इस मंच से यह कहा कि दुनिया में सहनशीलता का विचार सुदूर पूरब के देशों से फैला है. मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया. हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं. मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं जिसने सभी धर्मों और सभी देशों के...

हिंदी में भाषण

हमारे वेबसाइट पर 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज विद्यार्थियों के लिये अलग-अलग विषयों और सामाजिक मुद्दों पर विभिन्न प्रकार के भाषण उपलब्ध हैं। हमारे द्वारा तैयार किये गये यह भाषण काफी आसान तथा सरल है। जिनका आप भाषण प्रतियोगिताओं, संगोष्ठीयों तथा अन्य विभिन्न कार्यों में उपयोग कर सकते हैं। हमारे वेबसाइट पर उपलब्ध सभी भाषण सरल होने के साथ ही काफी ज्ञानवर्धक भी हैं। भाषण क्या है? (What is Speech) कई बार लोगो द्वारा यह प्रश्न किया जाता है कि भाषण क्या है? या भाषण की परिभाषा क्या है? यदि सामान्य शब्दों में इसका उत्तर देना हो, तो हम कह सकते हैं कि “भाषण वह विधा है, जिसमें किसी विषय का धाराप्रवाह रुप में विवरण करते हुए, विचारों तथा तथ्यों को लोगो के सामने व्यक्त किया गया हो।” हमारे वेबसाइट पर उपलब्ध भाषणों का बच्चों द्वारा स्कूलों तथा कॉलेजों में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों, उत्सवों या अन्य सामान्य उत्सवों जैसे पाठ्योत्तर क्रिया-कलापों आदि में उपयोग किया जा सकता है। हमारे द्वारा तैयार किये यह भाषण विभिन्न शब्द सीमाओं में उपलब्ध है। इन भाषणों को तैयार करते समय में हमने विभिन्न विषयों के महत्वपूर्ण तथ्यों को ध्यान में रखा है। इन भाषणों में आप अपनी आवश्यकता अनुसार परिवर्तन भी कर सकते हैं। यह भाषण किसी भी व्यक्ति द्वारा काफी आसानी से समझे और याद किये जा सकते हैं। इसके साथ ही दूसरों के सामने बात करने की हिचकिचाहट को दूरे करने के लिये भी भाषण पढ़ना, सुनाना या इसका वर्णन करना एक अच्छा कार्य है और भाषणों द्वारा आप विभिन्न विषयों जैसे कि – सामाजिक, राष्ट्रीय, माँ, शिक्षक का महत्व, पारंपरिक उत्सव, जानवर, प्रसिद्ध स्थल, ऐतिहासिक स्मारक, विरासत, परंपरा, भारतीय संस्कृति, प्रस...

स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध

स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध | 10 Lines on Swami Vivekananda In Hindi स्वामी विवेकानंद एक महान दार्शनिक और संत थे ! अमेरिका के शिकागो में दिया गया उनका भाषण आज भी लोगो के जेहन में है ! उन्होंने देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी भारतीय संस्कृति का मान बढाया है ! विवेकानंद जी युवा शक्ति को काफी ज्यादा अहमियत देते थे , उनका मानना था कि किसी भी देश के समृद्धि और विकाश के लिए युवा शक्ति का अधिक महत्व है ! दोस्तों अक्सर विद्यालयों में विवेकानंद जी पर 10 लाइन निबंध पूछे जाते है ! आज की इस पोस्ट में हम Swami Vivekananda Par 10 Line Nibandh हिंदी में शेयर कर रहे है ! तो आइये शुरू करते है 10 Lines on Swami Vivekananda In Hindi स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध | 10 Lines on Swami Vivekananda In Hindi • स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ ! • इनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था ! • स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था ! • विवेकानंद जी रामकृष्ण परमहंस के परम शिष्य थे , उन्होंने ही इनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा था ! • विवेकानंद जी के जन्म दिवस को राष्ट्रिय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है ! • स्वामी विवेकानंद जी का प्रसिद्द नारा है “ उठो , जागो और तब तक मत रुको ,जब तक कि लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए ! • विवेकानंद जी हमेशा भारतीय संस्कृति का प्रचार – प्रसार किया और सनातन धर्म के प्रचार में ही अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया ! • स्वामी विवेकानंद जी का शिकागो में दिया गया उनका भाषण “मेरे प्यारे भाई और बहनों” से शुरुआत ने लोगो का मन मोह लिया था ! • विवेकानंद जी ने रामकृष्ण मठ की स्थापना की और अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस ज...

स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध

स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध | 10 Lines on Swami Vivekananda In Hindi स्वामी विवेकानंद एक महान दार्शनिक और संत थे ! अमेरिका के शिकागो में दिया गया उनका भाषण आज भी लोगो के जेहन में है ! उन्होंने देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी भारतीय संस्कृति का मान बढाया है ! विवेकानंद जी युवा शक्ति को काफी ज्यादा अहमियत देते थे , उनका मानना था कि किसी भी देश के समृद्धि और विकाश के लिए युवा शक्ति का अधिक महत्व है ! दोस्तों अक्सर विद्यालयों में विवेकानंद जी पर 10 लाइन निबंध पूछे जाते है ! आज की इस पोस्ट में हम Swami Vivekananda Par 10 Line Nibandh हिंदी में शेयर कर रहे है ! तो आइये शुरू करते है 10 Lines on Swami Vivekananda In Hindi स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन निबंध | 10 Lines on Swami Vivekananda In Hindi • स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ ! • इनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था ! • स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था ! • विवेकानंद जी रामकृष्ण परमहंस के परम शिष्य थे , उन्होंने ही इनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा था ! • विवेकानंद जी के जन्म दिवस को राष्ट्रिय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है ! • स्वामी विवेकानंद जी का प्रसिद्द नारा है “ उठो , जागो और तब तक मत रुको ,जब तक कि लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए ! • विवेकानंद जी हमेशा भारतीय संस्कृति का प्रचार – प्रसार किया और सनातन धर्म के प्रचार में ही अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया ! • स्वामी विवेकानंद जी का शिकागो में दिया गया उनका भाषण “मेरे प्यारे भाई और बहनों” से शुरुआत ने लोगो का मन मोह लिया था ! • विवेकानंद जी ने रामकृष्ण मठ की स्थापना की और अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस ज...

स्‍वामी विवेकानंद का वो भाषण, जिसने भारत को बना दिया आध्‍यात्‍म का केंद्र

भारत को दुनिया में आध्‍यात्‍म का केंद्र माना जाता है. क्‍या आपको पता है कि दुनिया के सामने भारत की ये छवि कैसे बन गई और भारत को प्रेम, आध्‍यात्‍म और भाईचारा बढ़ाने वाले देश के तौर पर देखा जाने लगा. भारत को आध्‍यात्‍म नगरी बनाने का श्रेय स्‍वामी विवेकानंद को जाता है. स्‍वामी विवेकानंद का 11 सितंबर, 1893 को शिकागो, अमेरिका की विश्व धर्म सम्मेलन सभा में दिया गया भाषण आज भी भारतीयों को गर्व से भर देता है. 125 साल पहले जब स्वामी विवेकानन्द ने अपने भाषण की शुरुआत 'मेरे अमेरिकी भाइयो और बहनों' से की तो पूरा सभागार कई मिनटों तक तालियों से गूंज उठा. ये वही क्षण था जब भारत को पूरी दुनिया आध्यात्म के केंद्र के तौर पर देखने लगी. ये हैं स्वामी विवेकानंद के उस विख्यात भाषण के कुछ खास अंश : अमेरिका के बहनों और भाइयों, आपके इस स्नेहपूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा हृदय अपार हर्ष से भर गया है और मैं आपको दुनिया की प्राचीनतम संत परम्परा की तरफ से धन्यवाद देता हूं. मैं आपको सभी धर्मों की जननी की तरफ से धन्यवाद देता हूं और सभी जातियों, संप्रदायों के लाखों, करोड़ों हिन्दुओं की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूं. इसे भी पढ़ें :- विवेकानंद के रामकृष्ण से वो सवाल जिसने बदल दी उनकी जिंदगी! मेरा धन्यवाद कुछ उन वक्ताओं को भी है, जिन्होंने इस मंच से यह कहा कि दुनिया में सहनशीलता का विचार सुदूर पूरब के देशों से फैला है. मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया. हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं. मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं जिसने सभी धर्मों और सभी देशों के...