सरस्वती पूजा 2023 कब है

  1. 2023 में सरस्वती पूजा कब है
  2. 2023 में सरस्वती पूजा कब है New Delhi, India में
  3. Basant Panchami 2023 When is Saraswati Puja Know auspicious time and date of Saraswati Puja
  4. Basant Panchami 2023: कब मनाएं वसंत पंचमी 25 जनवरी या 26 को? जान लें सरस्वती पूजा मुहूर्त, पंचक का रहेगा प्रभाव
  5. सरस्वती पूजा 2023: तिथि और अनुष्ठान
  6. when is basant panchami 2023 january 25 or 26 know exact date shubh muhurat puja vidhi samagri saraswati puja date time importance in hindi tvi
  7. सरस्वती पूजा 2023: तिथि और अनुष्ठान
  8. 2023 में सरस्वती पूजा कब है
  9. 2023 में सरस्वती पूजा कब है New Delhi, India में
  10. when is basant panchami 2023 january 25 or 26 know exact date shubh muhurat puja vidhi samagri saraswati puja date time importance in hindi tvi


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2023 में सरस्वती पूजा कब है

2023 में सरस्वती पूजा कब है। आइए जानते हैं 2023 में सरस्वती पूजा कब है और सरस्वती पूजा क्यों मनाई जाती है सरस्वती पूजा की विधा भी माना जाता है और उनका माघ महीने शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को सरस्वती मां की पूजा की जाती है। और इसे ज्ञान की देवी कहते हैं शारदा भवानी के नाम से भी जाने जाते हैं और सरस्वती पूजा हर साल ठंड के माह में मनाया जाता है। 2023 में सरस्वती पूजा कब है | बिहार में सरस्वती पूजा कब है? जो कि हम बात करें तो जनवरी-फरवरी महीने में आते हैं या 2 दिन तक चलने वाला पर्व है जो कि सरस्वती मां की पूजा करने से हमें ज्ञान संस्कारी और विद्या की प्राप्ति होती है ओर यह माना जाता है कि माघ महीने में शुक्ल पक्ष के दिन पंचमी तिथि को मां सरस्वती की पूजन अवश्य करना चाहिए क्योंकि उस दिन मां सरस्वती की जन्म हुई थी, और यह पर्व हमारे बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश यूपी एमपी में काफी धूमधाम से मनाते हैं और आजकल यह बड़े-बड़े शहर में भी मनाने जाने लगे हैं। जैसे की सूरत अहमदाबाद मुंबई वहां पर भी काफी धूमधाम से मनाते हैं और उस दिन कई जगह पर उस दिन programकिया जाता है कई जगह बड़े-बड़े कलाकारों को बुलाते हैं और प्रोग्राम रखते हैं कई जगह नाटक भी होते हैं। और सरस्वती पूजा आने से पहले ही कुछ दिन पहले से ही उनकी तैयारी जोर शोर से चलने लगती है उनकी मूर्तियां बनाने लगते हैं मूर्ति बनाने के लिए एक से एक कलर भी होते हैं जो कि उनकी काफी अच्छी मूर्ति बनाई जाती है सरस्वती मां की मूर्ति मिट्टी से बनाई जाती है और जब वह पूरा reddi ho जाने के बाद वह काफी सुंदर दिखती है और या बिहार झारखंड में आजकल काफी धूमधाम से इनका पूजा किया जा रहा है क्योंकि मां सरस्वती की पूजा ही काफी खास माना जाता है। और सबसे खास बात यह है कि...

2023 में सरस्वती पूजा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में सरस्वती पूजा कब है व सरस्वती पूजा 2023 की तारीख व मुहूर्त। माघ महीने शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को वसंत पंचमी के तौर पर मनाने की भी परंपरा है। यह दिन ज्ञान, विद्या, बुद्धिमत्ता, कला और संस्कृति की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि माघ शुक्ल पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा विशेष फलदायी होती है और इस दिन माँ शारदा के पूजन का बहुत महत्व है। इस दिन को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है; दरअस्ल मान्यता है कि यह बहुत ही शुभ समय है। यूँ तो इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के उपरान्त कलश स्थापना कर देवी सरस्वती का पूजन आरंभ करने का विधान है। सरस्वती स्तोत्र का पाठ देवी की प्रसन्नता और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए किया जाना चाहिए। विद्या-दात्री माँ शारदा का निम्न मंत्र से ध्यान करना चाहिए – या कुंदेंदु-तुषार-हार-धवला, या शुभ्रा - वस्त्रावृता, या वीणा - वार - दण्ड - मंडित - करा, या श्वेत - पद्मासना। या ब्रह्माच्युत - शङ्कर - प्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दित, सा मां पातु सरस्वती भगवती नि: शेष - जाड्यापहा।। उपर्युक्त श्लोक का अर्थ है कि जो देवी कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोतियों के हार की तरह श्वेत वर्ण वाली है तथा जो श्वेत वस्त्र धारण करती है; जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभा पा रहा है व जो श्वेत कमल पर विजारमान हैं; ब्रह्मा-विष्णु-शिव आदि देवताओं द्वारा जो हमेशा पूजित हैं तथा जो संपूर्ण जड़ता व अज्ञान को दूर करने वाली है; ऐसी हे माँ सरस्वती! आप हमारी रक्षा करें। सरस्वती-लक्ष्मी-पार्वती की त्रिमूर्ति में से एक देवी सरस्वाती शुद्ध बुद्धि और ज्ञान देने वाली हैं। शास्त्रों के अनुसार वे भगवान ब्रह्मा की अर्धांगिनी ह...

Basant Panchami 2023 When is Saraswati Puja Know auspicious time and date of Saraswati Puja

Basant Panchami 2023, Saraswati Puja 2023 Date: वसंत पंचमी (Basant Panchami) का दिन मां सरस्वती (Saraswati Puja) को समर्पित है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. बता दें कि वसंत पंचमी माघ चंद्र माह के शुक्ल पक्ष पंचमी के दौरान मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वसंत पंचमी को देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. देखिए क्या सरस्वती पूजा (Saraswati Puja Shubh Muhurat) का शुभ मुहूर्त. देखिए वीडियो-

Basant Panchami 2023: कब मनाएं वसंत पंचमी 25 जनवरी या 26 को? जान लें सरस्वती पूजा मुहूर्त, पंचक का रहेगा प्रभाव

वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा और सरस्वती जयंती भी कहते हैं. जिन लोगों के छोटे बच्चे हैं, वे उनको इस दिन से अक्षर ज्ञान देना शुरू कर सकते हैं. Basant Panchami 2023: वसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ शुक्ल पंचमी को होता है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती को पूजा होती है, इसलिए वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा और सरस्वती जयंती भी कहते हैं. वसंत पंचमी के दिन सभी शिक्षण संस्थानों में सरस्वती पूजा आयोजित की जाती है. इस दिन बच्चों की शिक्षा प्रारंभ भी कराते हैं. जिन लोगों के छोटे बच्चे हैं, वे उनको इस दिन से अक्षर ज्ञान देना शुरू कर सकते हैं. गीत, संगीत या कोई अन्य कला सीखने का आगाज सरस्वती पूजा से कर सकते हैं. अब सवाल यह है कि साल सरस्वती पूजा 25 जनवरी को है या फिर 26 जनवरी को? वसंत पंचमी 2023 की सही तारीख केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि इस साल सरस्वती पूजा यानि वसंत पंचमी का पर्व गणतंत्र दिवस के साथ मनाया जाएगा. स्कूलों में एक तरफ राष्ट्रीय ध्वज फहरेगा तो दूसरी ओर सरस्वती पूजा भी होगी क्योंकि 26 जनवरी को वसंत पंचमी मनाई जाएगी. यह भी पढ़ें: कब है गणेश जयंती 24 या 25 जनवरी? राज पंचक देगा सफलता पंचांग के अनुसार, वसंत पंचमी की माघ शुक्ल पंचमी तिथि 25 जनवरी बुधवार को 12:34 पीएम से शुरू होगी और यह 26 जनवरी गुरुवार को 10:28 एएम तक रहेगी. वसंत पंचमी की उदयातिथि 26 को प्राप्त हो रही है. इस दिन सूर्योदय का समय 07:12 एएम है. सरस्वती पूजा मुहूर्त का शुभ मुहूर्त वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा सुबह 07 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होगा. पूजा मुहूर्त की समाप्ति दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट पर होगी. इस शुभ मुहूर्त में सरस्वती पूजा संपन्न हो जाना चाहिए. यह भी पढ़ें: 21 ...

सरस्वती पूजा 2023: तिथि और अनुष्ठान

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when is basant panchami 2023 january 25 or 26 know exact date shubh muhurat puja vidhi samagri saraswati puja date time importance in hindi tvi

Basant Panchami 2023, Saraswati Puja: इस वर्ष वसंत पंचमी 2023, 25 जनवरी को मनाई जायेगी या 26 जनवरी को इस बात को लेकर कंफ्यूजन है. द्रिक पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी का मुहूर्त 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू हो जायेगा और 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. वसंत पंचमी के दिन को सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है, ज्ञान, संगीत, कला और शिक्षा की देवी सरस्वती को समर्पित है. यह त्योहार वसंत के आगमन की तैयारी का भी प्रतीक है. जानें कब है सरस्वती पूजा 2023, बसंत पंचमी 2023. उदया तिथि के अनुसार वसंत पंचमी 2023 या सरस्वती पूजा 26 जनवरी को मनाई जाएगी. वसंत पंचमी 2023 शुभ मुहूर्त और समय द्रिक पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी का मुहूर्त 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा. वसंत पंचमी की पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी और 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी. • सुबह स्नान कर स्वच्छ पीले रंग के कपड़े पहनें. • वसंत पंचती के दिन देवी सरस्वती मूर्ती या फोटो स्थापित करें साथ में गणेश जी को भी रखें और पूजा करें. • देवी को सफेद या पीले कपड़े और फूलों से सजायें, क्योंकि पीला रंग देवी सरस्वती का पसंदीदा रंग माना जाता है. • पूजा के स्थान पर किताब, कॉपी, वाद्ययंत्र रखें. • कुमकुम, अक्षत लगायें. • पीले फल अर्पित करें. • पीले फूल सरसों, गेंदे का अर्पित करें. • बेसन और केसर से बनी मिठाइयां बना कर भोग लगाएं. • देवी सरस्वती स्त्रोत, मंत्र, आरती करें. • वसंत पंचमी का त्योहार होलिका और होली की तैयारी की शुरुआत भी करता है, जो चालीस दिन बाद होती है. वसंत पंचमी को पूरे भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. छोटे बच्चों के विद्या ...

सरस्वती पूजा 2023: तिथि और अनुष्ठान

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2023 में सरस्वती पूजा कब है

2023 में सरस्वती पूजा कब है। आइए जानते हैं 2023 में सरस्वती पूजा कब है और सरस्वती पूजा क्यों मनाई जाती है सरस्वती पूजा की विधा भी माना जाता है और उनका माघ महीने शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को सरस्वती मां की पूजा की जाती है। और इसे ज्ञान की देवी कहते हैं शारदा भवानी के नाम से भी जाने जाते हैं और सरस्वती पूजा हर साल ठंड के माह में मनाया जाता है। 2023 में सरस्वती पूजा कब है | बिहार में सरस्वती पूजा कब है? जो कि हम बात करें तो जनवरी-फरवरी महीने में आते हैं या 2 दिन तक चलने वाला पर्व है जो कि सरस्वती मां की पूजा करने से हमें ज्ञान संस्कारी और विद्या की प्राप्ति होती है ओर यह माना जाता है कि माघ महीने में शुक्ल पक्ष के दिन पंचमी तिथि को मां सरस्वती की पूजन अवश्य करना चाहिए क्योंकि उस दिन मां सरस्वती की जन्म हुई थी, और यह पर्व हमारे बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश यूपी एमपी में काफी धूमधाम से मनाते हैं और आजकल यह बड़े-बड़े शहर में भी मनाने जाने लगे हैं। जैसे की सूरत अहमदाबाद मुंबई वहां पर भी काफी धूमधाम से मनाते हैं और उस दिन कई जगह पर उस दिन programकिया जाता है कई जगह बड़े-बड़े कलाकारों को बुलाते हैं और प्रोग्राम रखते हैं कई जगह नाटक भी होते हैं। और सरस्वती पूजा आने से पहले ही कुछ दिन पहले से ही उनकी तैयारी जोर शोर से चलने लगती है उनकी मूर्तियां बनाने लगते हैं मूर्ति बनाने के लिए एक से एक कलर भी होते हैं जो कि उनकी काफी अच्छी मूर्ति बनाई जाती है सरस्वती मां की मूर्ति मिट्टी से बनाई जाती है और जब वह पूरा reddi ho जाने के बाद वह काफी सुंदर दिखती है और या बिहार झारखंड में आजकल काफी धूमधाम से इनका पूजा किया जा रहा है क्योंकि मां सरस्वती की पूजा ही काफी खास माना जाता है। और सबसे खास बात यह है कि...

2023 में सरस्वती पूजा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में सरस्वती पूजा कब है व सरस्वती पूजा 2023 की तारीख व मुहूर्त। माघ महीने शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को वसंत पंचमी के तौर पर मनाने की भी परंपरा है। यह दिन ज्ञान, विद्या, बुद्धिमत्ता, कला और संस्कृति की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि माघ शुक्ल पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा विशेष फलदायी होती है और इस दिन माँ शारदा के पूजन का बहुत महत्व है। इस दिन को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है; दरअस्ल मान्यता है कि यह बहुत ही शुभ समय है। यूँ तो इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा के उपरान्त कलश स्थापना कर देवी सरस्वती का पूजन आरंभ करने का विधान है। सरस्वती स्तोत्र का पाठ देवी की प्रसन्नता और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए किया जाना चाहिए। विद्या-दात्री माँ शारदा का निम्न मंत्र से ध्यान करना चाहिए – या कुंदेंदु-तुषार-हार-धवला, या शुभ्रा - वस्त्रावृता, या वीणा - वार - दण्ड - मंडित - करा, या श्वेत - पद्मासना। या ब्रह्माच्युत - शङ्कर - प्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दित, सा मां पातु सरस्वती भगवती नि: शेष - जाड्यापहा।। उपर्युक्त श्लोक का अर्थ है कि जो देवी कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोतियों के हार की तरह श्वेत वर्ण वाली है तथा जो श्वेत वस्त्र धारण करती है; जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभा पा रहा है व जो श्वेत कमल पर विजारमान हैं; ब्रह्मा-विष्णु-शिव आदि देवताओं द्वारा जो हमेशा पूजित हैं तथा जो संपूर्ण जड़ता व अज्ञान को दूर करने वाली है; ऐसी हे माँ सरस्वती! आप हमारी रक्षा करें। सरस्वती-लक्ष्मी-पार्वती की त्रिमूर्ति में से एक देवी सरस्वाती शुद्ध बुद्धि और ज्ञान देने वाली हैं। शास्त्रों के अनुसार वे भगवान ब्रह्मा की अर्धांगिनी ह...

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Basant Panchami 2023, Saraswati Puja: इस वर्ष वसंत पंचमी 2023, 25 जनवरी को मनाई जायेगी या 26 जनवरी को इस बात को लेकर कंफ्यूजन है. द्रिक पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी का मुहूर्त 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू हो जायेगा और 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. वसंत पंचमी के दिन को सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है, ज्ञान, संगीत, कला और शिक्षा की देवी सरस्वती को समर्पित है. यह त्योहार वसंत के आगमन की तैयारी का भी प्रतीक है. जानें कब है सरस्वती पूजा 2023, बसंत पंचमी 2023. उदया तिथि के अनुसार वसंत पंचमी 2023 या सरस्वती पूजा 26 जनवरी को मनाई जाएगी. वसंत पंचमी 2023 शुभ मुहूर्त और समय द्रिक पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी का मुहूर्त 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा. वसंत पंचमी की पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी और 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी. • सुबह स्नान कर स्वच्छ पीले रंग के कपड़े पहनें. • वसंत पंचती के दिन देवी सरस्वती मूर्ती या फोटो स्थापित करें साथ में गणेश जी को भी रखें और पूजा करें. • देवी को सफेद या पीले कपड़े और फूलों से सजायें, क्योंकि पीला रंग देवी सरस्वती का पसंदीदा रंग माना जाता है. • पूजा के स्थान पर किताब, कॉपी, वाद्ययंत्र रखें. • कुमकुम, अक्षत लगायें. • पीले फल अर्पित करें. • पीले फूल सरसों, गेंदे का अर्पित करें. • बेसन और केसर से बनी मिठाइयां बना कर भोग लगाएं. • देवी सरस्वती स्त्रोत, मंत्र, आरती करें. • वसंत पंचमी का त्योहार होलिका और होली की तैयारी की शुरुआत भी करता है, जो चालीस दिन बाद होती है. वसंत पंचमी को पूरे भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. छोटे बच्चों के विद्या ...