शक्ति और क्षमा कविता की व्याख्या

  1. Peele Kagaz Sookhi Syahi (Hindi Edition) by Nikhil Kapoor
  2. Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 13 शक्ति और क्षमा
  3. शक्ति और क्षमा कविता
  4. शक्ति और क्षमा शीर्षक कविता में शक्ति और क्षमा का महत्व कौन किसे समझाते हैं?
  5. क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल सबका लिया सहारा पर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसे कहो कहाँ, कब हारा
  6. RBSE Solution for Class 8 Hindi Chapter 15 शक्ति और क्षमा


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Peele Kagaz Sookhi Syahi (Hindi Edition) by Nikhil Kapoor

"पीले कागज़, सूखी स्याही" इस शीर्षक को पढ़ कर ऐसा लगा मानो जीवन का बसंत उदासी से लिखा गया है, और जब पन्ने पलटे तो ऐसा ही हुआ सबसे पहले अमृता और इमरोज़ नज़र आए। दो ऐसे लोगों का जिक्र जिन्होंने प्रेम को जीया। निखिल लिखते हैं कि, "काश हर लड़की के जीवन में एक इमरोज़ हो, एक ऐसा साथ जो निस्वार्थ उसके साथ रहकर भी उसे अकेला रहने दे। वो साथ जो शब्दों को रंगों में घोल कर जीवन इंद्रधनुष बना दे।" मन की धनक के अनगिनत रंग! कहीं अमृता प्रीतम की प्रति उनका प्रेम, तो कहीं अपने ईमरोज के इंतजार में एक अमृता। कहीं उनका सूफियाना अंदाज, कविता संग्रह की हर एक कविता की एक अलग पहचान, अपना सौंदर्य, अपनी शक्ति अपना तेवर है। शब्दों में एक शोख अंदाज़ और भाषा मे ऐसी रवानगी कि कविता पढ़ते जाने का मोह रुकता ही नहीं है। Poetry has been used throughout the world as a means of expressing the beauty and complexity of the human experience. Poets have explored the depths of human emotions, from the joy of love to the pain of loss, and have used language to capture the essence of what it means to be human. Poems have the power to inspire, move, and connect us with others, reminding us that we are not alone in our struggles and triumphs. From the haiku of Japan to the sonnets of Shakespeare, from the ghazals of Persia to the free verse of modern poets, poetry has been a reflection of the human experience across cultures and time. It has the ability to evoke powerful emotions and offer a unique perspective on life, making it a powerful medium for exploring the beauty and complexity of the human experience. If you...

Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 13 शक्ति और क्षमा

Chapter 13 शक्ति और क्षमा – Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 13 शक्ति और क्षमा शक्ति और क्षमा कविता का हिंदी अर्थ Bihar Board Class 7 Hindi प्रश्न 1. इस कविता के माध्यम से हमें क्या सीख मिलती है? उत्तर: इस कविता के माध्यम से हमें सीख मिलती है कि क्षमा, दया और विनम्रता के साथ हमें अपने पौरुष का उपयोग करना चाहिए । शक्तिहीन मनुष्य को क्षमा, दया, विनम्रता शोभा नहीं देती है। अर्थात् शक्तिमान व्यक्ति को ही क्षमा, दया और विनम्रता शोभता है। Shakti Aur Kshama Question Answer Bihar Board Class 7 Hindi प्रश्न 2. वे कौन-सी परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने राम को धनुष उठाने पर बाध्य किया ? उत्तर: राम को अपनी सेना के साथ लंका जाना था। पहले तो श्रीराम ने समुद्र के सम्मुख विनम्रता का भाव दर्शाए । लेकिन समुद्र उनके विनम्रता पर ध्यान नहीं दिया और न राम की प्रार्थना पर ध्यान दिया। विवश होकर राम धनुष उठाने के लिए तत्पर हुए। शक्ति और क्षमा प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 7 Hindi प्रश्न 3. निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए- क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो। उसको क्या, जो दंतहीन, विषहीन, विनीत, सरल हो। उत्तर: क्षमा उमी साँप को शोभा देती है जिसके पास विष हो । जो साँप दंतहीन, विपहीन, विनम्र और सरल होता है उसको क्षमा नहीं शोभा देता है। पाठ से आगे – शक्ति और क्षमा कविता का प्रश्न उत्तर Bihar Board Class 7 Hindi प्रश्न 1. दिनकर के इस भाव से आप कहाँ तक सहमत हैं कि समाज शक्तिशाली की ही पूजा करता है । अभावहीन, निर्बल व्यक्ति को समाज में कोई नहीं पूछता। इन पर आप अपना विचार स्पष्ट कीजिए। उत्तर: हम दिनकर जी के भाव से सहमत हैं कि समाज शक्तिशाली की ही पूजा करता है । जो अभावग्रस्त है, निर्...

शक्ति और क्षमा कविता

सुभाषितानि Subhashitani रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः। विद्याहीनाः न शोभन्ते निर्गन्धाः इव किंशुकाः॥भावार्थ: व्यक्ति रूप, यौवन से संपन्न हो सकता है, श्रेष्ठ कुल भी संभव है | लेकिन विद्या के बिना वैसे लोग भी पलाश के फूल की तरह है जो बहुत खूबसूरत होते है किन्तु खुशबु विहीन है | अर्थात विद्यावान होना सबसे जरुरी है | रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः। विद्याहीनाः न शोभन्ते निर्गन्धाः इव किंशुकाः॥ व्यक्ति रूप, यौवन से संपन्न हो सकता है, श्रेष्ठ कुल भी संभव है | लेकिन विद्या के बिना वैसे लोग भी पलाश के फूल की तरह है जो बहुत खूबसूरत होते है किन्तु खुशबु विहीन है | अर्थात विद्यावान होना सबसे जरुरी है | yatr naryastu pujayte ramante सुभाषितानि | संतुष्टो भार्यया भर्ता भर्त्रा भार्या तथैव च सुभाषितानि | विद्या विवादाय धनं मदाय पलाश | पलाश के अद्भुत फायदे रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः व्यक्ति रूप, यौवन से संपन्न हो सकता है, श्रेष्ठ कुल भी संभव है | लेकिन विद्या के बिना वैसे लोग भी लक्ष्मण -परशुराम संवाद ॐ जय श्री गणेश जय शिव शम्भू जय श्री राम रामनवमी के पावन उत्सव पर रामायण का ये प्रसंग लक्ष्मण -परशुराम संवाद वास्तव में रामायण तो श्री शम्भु की आज्ञा से तुलसीदासजी ने लिखा था | ताकि श्री हरी के श्री राम रूपी अवतार को जन मानस के सामने लाया जाए, जिससे जन मानस अपनी जीवन को सही तरीके से सुख पूर्वक जी सके | राजा जनक के आमंत्रण पर महर्षि विश्वामित्र अपने साथ श्री रामचंद्रजी और लक्ष्मणजी को जनकपुरी में सीता के स्वयंबर को दखने लेकर गए थे | जब कोई भी आमंत्रित राजा महाराजा ने शिव धनुष नहीं तोड़ा तो जनकजी और...

शक्ति और क्षमा शीर्षक कविता में शक्ति और क्षमा का महत्व कौन किसे समझाते हैं?

Table of Contents Show • • • • • • • प्रश्न 1. पांडवों को कौरवों ने कब तक कायर समझा ? उत्तर: जब तक पांडव क्षमाशील एवं विनम्र बने रहे, तब तक कौरवों ने उन्हें कायर समझा। प्रश्न 2. क्षमा किसे शोभा देती है ? उत्तर: जिसके पास शक्ति एवं पराक्रम होता है, क्षमा उसे ही शोभा देती है। RBSE Class 8 HindiChapter 15 लिखेंबहुविकल्पी प्रश्न प्रश्न 1. कवि ने ‘नर व्याघ्र’ कहा है- (क) अर्जुन को (ख) युधिष्ठिर को (ग) भीष्म पितामह को (घ) दुर्योधन को प्रश्न 2. इस कविता में कौन किसको समझा रहा है- (क) श्रीकृष्ण अर्जुन को (ख) श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को (ग) भीष्म पितामह युधिष्ठिर को (घ) भीष्म पितामह अर्जुन को। उत्तर: 1. (ख) 2. (ग) RBSE Class 8 HindiChapter 15 लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. विषहीन, विनीत और सरल साँप द्वारा दी गई क्षमा को निरर्थक क्यों कहा गया है? अथवा विषहीन, विनीत और सरल साँप द्वारा प्रदत्त क्षमा निरर्थक है।” ‘शक्ति और क्षण’ कविता के आधार पर समीक्षा कीजिए। उत्तर: ऐसी क्षमा पराक्रम से रहित होने से निरर्थक रहती है। जब शत्रु का सामना करने की या उसे दण्डित करने की शक्ति ही नहीं है, तो फिर उसे क्षमा करना भी केवल दिखावा है। ऐसी क्षमा की कोई कद्र नहीं होती है। प्रश्न 2. सागर ने राम की दासता कब स्वीकार की ? अथवा सागर त्राहि-त्राहि करते हुए राम की शरण में क्यों आया? उत्तर: जब राम ने सागर के सामने अपनी शक्ति प्रकट की, भयानक अग्नि-बाण निकाल कर समुद्र को सोखने के लिए तैयार हो गये, तब भयभीत होकर सागर ने उनकी दासता स्वीकार की। तब समुद्र उनकी शक्ति से डर गया और शरण में आ गया। प्रश्न 3. सहनशीलता, क्षमा, दया आदि गुणों की कद्र कब होती है? उत्तर: सहनशीलता, क्षमा, दया आदि के साथ व्यक्ति में पराक्रम और शक्ति...

क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल सबका लिया सहारा पर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसे कहो कहाँ, कब हारा

विषयसूची Show • • • • • • • • कविता का हिंदी में अर्थ / व्याख्या पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें। Please scroll down to read the English meaning /explanationof this Poem. शक्ति और क्षमा (Shakti or Kshama) क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल सबका लिया सहारा, पर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसे कहो, कहाँ, कब हारा ? क्षमाशील हो रिपु -समक्ष तुम हुये विनत जितना ही, दुष्ट कौरवों ने तुमको कायर समझा उतना ही । अत्याचार सहन करने का कुफल यही होता है, पौरुष का आतंक मनुज कोमल होकर खोता है । क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो , उसको क्या जो दंतहीन, विषरहित, विनीत, सरल हो । तीन दिवस तक पंथ मांगते रघुपति सिंधु किनारे, बैठे पढते रहे छन्द अनुनय के प्यारे प्यारे । उत्तर में जब एक नाद भी उठा नही सागर से, उठी अधीर धधक पौरुष की आग राम के शर से । सिंधु देह धर त्राहि-त्राहि करता आ गिरा शरण में, चरण पूज दासता ग्रहण की बंधा मूढ़ बन्धन में । सच पूछो तो शर में ही बसती है दीप्ति विनय की, संधिवचन सम्पूज्य उसीका जिसमे शक्ति विजय की । सहनशीलता, क्षमा, दया को तभी पूजता जग है, बल का दर्प चमकता उसके पीछे जब जगमग है । --रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinkar) हिंदी में अर्थ / भावार्थ - कविता शक्ति और क्षमा - रामधारी सिंह दिनकर सन्दर्भ / (शक्ति और क्षमा) : इस कविता में भीम अपने बड़े भाई युधिष्ठिर से उनके अति नरम स्वभाव के लिए शिकायत कर रहा है और बता रहा है किकैसे उनके विनम्र स्वभाव के कारण उनकी छवि एक कायर की बन चुकी है। वह एक उदहारण के माध्यम से अपनी बात युधिष्ठिर को समझाने की कोशिशकरता है किराम जब समुन्द्र से रास्ता देने की प्रार्थना करते रहे तो समुन्द्र ने उनकी एक ना सुनी , पर जब राम ने धनुष उठाया तो समुंद्र को उनकी...

RBSE Solution for Class 8 Hindi Chapter 15 शक्ति और क्षमा

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