शिक्षामित्र न्यूज़ लखनऊ

  1. यूपी में शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की संविदा अवधि में बड़ा बदलाव लापरवाही की तो नहीं होगा नवीनीकरण
  2. एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर लखनऊ में जुटे शिक्षामित्र


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यूपी में शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की संविदा अवधि में बड़ा बदलाव लापरवाही की तो नहीं होगा नवीनीकरण

यूपी में शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की संविदा अवधि में बड़ा बदलाव, लापरवाही की तो नहीं होगा नवीनीकरण उत्‍तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में करीब एक लाख 48 हजार शिक्षामित्र कार्यरत हैं जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 30 हजार अनुदेशकों हैं। व‍िशेष सच‍िव का न‍िर्देश है क‍ि यद‍ि शिक्षामित्र कर्त्तव्य निभाने में शिथिलता बरतते हैं तो उनका नवीनीकरण नहीं किया जाए। लखनऊ, राज्य ब्यूरो। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की संविदा अवधि में बदलाव किया गया है। दोनों की सेवाएं अब 16 जून से अगले वर्ष 31 मई तक प्रभावी रहेंगी। दिसंबर से जनवरी माह में होने वाला शीतकालीन अवकाश दोनों की सेवाओं में नहीं जोड़ा जाएगा। शिक्षामित्र व अनुदेशक 11 माह कार्यरत रहेंगे और इतने ही महीनाें का मानदेय दिया जाएगा। परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से 31 मार्च तक तय है, लेकिन गर्मी की छुट्टियों में बदलाव किया गया, साथ ही शीतकालीन अवकाश भी शुरू हुआ। इसकी वजह से शासन ने शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की संविदा अवधि बदल दिया है। बेसिक शिक्षा के विशेष सचिव आरवी सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अब दोनों की सेवाएं 16 जून से शुरू होकर अगले साल 31 मई तक रहेंगी। प्राथमिक विद्यालयों में करीब एक लाख 48 हजार शिक्षामित्र कार्यरत हैं, जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 30 हजार अनुदेशकों की तैनाती है। विशेष सचिव का यह भी निर्देश दिया है कि हर शैक्षिक सत्र के दौरान शिक्षामित्र का कार्य व आचरण संतोषजनक नहीं है तो ग्राम शिक्षा समिति 31 मई तक तथ्यपरक आपत्ति बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराए, बीएसए सभी प्रस्तावों को पांच जून तक जिलाधिकारी के समक्ष ...

एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर लखनऊ में जुटे शिक्षामित्र

अपनी मांगों को लेकर शिक्षामित्रों ने एक बार फिर से राजधानी लखनऊ में डेरा जमा लिया है. प्रदेश भर के सैंकड़ों शिक्षामित्र राजधानी के ईको गार्डन पहुंच चुके हैं. इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. शिक्षामित्रों का कहना है कि 23 अगस्त, 2017 को उनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता हुई थी. तब उन्होंने एकमत प्रस्ताव मांगा था जो शिक्षामित्रों ने शासन को सौंप दिया. इस मामले में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन भी हुआ लेकिन उसका निर्णय आज तक नहीं आया. शिक्षामित्र बहाली न होने तक समान कार्य, समान वेतन की मांग कर रहे हैं. इनका कहना है कि मध्य प्रदेश में सरकार ने 2.35 लाख संविदा शिक्षकों का समायोजन करने का फैसला किया है. 1.85 लाख संविदा कर्मचारियों को 62 साल की उम्र तक सेवा देने के साथ अन्य विभाग की तरह सभी लाभ देने का भी फैसला हुआ है. उत्तराखंड में भी सरकार ने शिक्षामित्रों को राहत दी है. इसी तरह यूपी सरकार भी शिक्षामित्रों को राहत दे. गौरतलब है कि शिक्षामित्रों ने मार्च में भी चार दिन तक लखनऊ में प्रदर्शन किया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात कर उनकी समस्या का समाधान खोजने का आश्वासन दिया था. शिक्षामित्रों का आरोप है कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी उनकी मांग जस की तस बनी हुई हैं. उनकी मांग है कि उन्हें 40 हजार की सैलरी और समायोजन के बाद मिला सहायक अध्यापक का पद दिया जाए. उनका कहना है कि अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे. शिक्षामित्रों का कहना है कि समायोजन रद्द होने के बाद से उनका जीवन बदहाल हो गया है. उनका कहना है कि सरकार सभी शिक्षामित्रों को पैराटीचर के पद पर नियुक्त करे. जब तक उनकी नियुक्ति नहीं होती, तब तक उनको समान कार्...