पूर्णिमा जनवरी 2023

  1. Paush Purnima 2023 Date Auspicious Yoga Lord Satyanarayan Lakshmi Ji Puja Muhurat
  2. Paush Purnima 2023 Date And Time 4 Special Yogas Are Being Made On The First Purnima Of The Year 2023 Doing This Work Will Bless Maa Lakshmi
  3. Purnima 2023: साल 2023 में पूर्णिमा तिथि कब
  4. Guru Purnima 2023 Date Shubh Muhurat Guru Puja Vidhi Mantra Daan Significance
  5. Guru Purnima 2023 Date, Guru Purnima Puja Shubh Muhrut, Kab Hai Guru Purnima
  6. When Is Paush Purnima 2023 Paush Purnima 2023 Date Shubh Muhurat And Snan Daan Importance Of Paush Purnima 2023 Paush Purnima Kab Hai
  7. Paush Purnima 2023: बस, इतने दिन बाद है पौष पूर्णिमा, जान लें तारीख, स्‍नान


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Paush Purnima 2023 Date Auspicious Yoga Lord Satyanarayan Lakshmi Ji Puja Muhurat

Paush Purnima 2023: साल 2023 की पहली पूर्णिमा पर बन रहे 4 दुर्लभ योग, इस दिन ये काम करने से बरसेगी लक्ष्मी जी की कृपा Paush Purnima 2023: नए साल 2023 में पौष माह की पूर्णिमा 6 जनवरी 2023 को है. साल 2023 की पहली पूर्णिमा बहुत खास मानी जा रही है. आइए जानते हैं पौष पूर्णिमा का मुहूर्त, शुभ योग और पूजा विधि. Paush Purnima 2023 Date and Time: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि का खास महत्व है. नए साल 2023 में पौष माह की पूर्णिमा 6 जनवरी 2023 को है. इसके बाद माघ आरंभ हो जाएगा. पूर्णिमा तिथि शुक्ल पक्ष का आखिरी दिन होता है और शास्त्रों में शुक्ल पक्ष को देवताओं का समय कहा जाता है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा के साथ लक्ष्मी-नारायण की पूजा की जाती है. इस दिन व्रत कर घर में सत्यनारायण की कथा करने से व्यक्ति जीवन में सुख भोगता है और मृत्यु के बाद अगले जन्म में भी धन, शांति और समृद्धि पाता है. साल 2023 की पहली पूर्णिमा बहुत खास मानी जा रही है. आइए जानते हैं पौष पूर्णिमा का मुहूर्त, शुभ योग और पूजा विधि. पौष पूर्णिमा 2023 शुभ योग (Paush Purnima 2023 Shubh yoga) नए • इंद्र योग - 06 जनवरी 2023, सुबह 08.11 - 07 जनवरी 2023, सुबह 08.55 • ब्रह्म योग - 05 जनवरी 2023, सुबह 07.34 - 06 जनवरी 2023, सुबह 08.11 • सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 12.14 - सुबह 06.38 (7 जनवरी 2023) पौष पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Paush Purnima 2023 Shubh Muhurat) पौष पूर्णिमा तिथि आरंभ - 6 जनवरी 2023, सुबह 2.14 पौष पूर्णिमा तिथि समाप्त - 7 जनवरी 2023, सुबह 04.37 • अभिजित मुहूर्त - सुबह 11:33 - दोपहर 12:15 • चंद्रोदय समय - शाम 04.32 (पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा से उत्तम फल प्राप्त होता है) पौष पूर्णिमा पूजा विधि (Paush Purnima ...

Paush Purnima 2023 Date And Time 4 Special Yogas Are Being Made On The First Purnima Of The Year 2023 Doing This Work Will Bless Maa Lakshmi

Paush Purnima 2023 Date and Time: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि का खास महत्व है. नए साल 2023 में पौष माह की पूर्णिमा 6 जनवरी 2023 को है. इसके बाद माघ आरंभ हो जाएगा. पूर्णिमा तिथि शुक्ल पक्ष का आखिरी दिन होता है और शास्त्रों में शुक्ल पक्ष को देवताओं का समय कहा जाता है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा के साथ लक्ष्मी-नारायण की पूजा की जाती है. इस दिन व्रत कर घर में सत्यनारायण की कथा करने से व्यक्ति जीवन में सुख भोगता है और मृत्यु के बाद अगले जन्म में भी धन, शांति और समृद्धि पाता है. साल 2023 की पहली पूर्णिमा बहुत खास मानी जा रही है. आइए जानते हैं पौष पूर्णिमा का मुहूर्त, शुभ योग और पूजा विधि. यह भी पढ़ें • Buddha Purnima 2023: आज मनाई जाएगी बुद्ध पूर्णिमा, जानिए मनाने का महत्व यहां • Budh purnima 2023 : 130 साल बाद बन रहा है विरला महासंयोग, इन राशि वालों की बदल रही है किस्मत, मां लक्ष्मी का होगा आगमन! • Buddha Purnima 2023: बुद्ध पूर्णिमा 2023 पर लग रहा है साल का पहला Chandra Grahan, भूलकर भी ना करें ये काम, बनाएं ये खास पकवान नए साल 2023 में पौष पूर्णिमा का व्रत 6 जनवरी, शुक्रवार को रखा जाएगा. खास बात ये है कि पूर्णिमा तिथि और शुक्रवार का दिन दोनों ही लक्ष्मी जी को समर्पित है. ऐसे में पौष पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का खास अवसर है. इस दिन की गई पूजा और उपाय से जीवन में खुशियों का आगमन होगा. वहीं पौष पूर्णिमा पर ब्रह्म, इंद्र और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो इस दिन के महत्व को दोगुना कर रहे हैं. • इंद्र योग - 06 जनवरी 2023, सुबह 08.11 - 07 जनवरी 2023, सुबह 08.55 • ब्रह्म योग - 05 जनवरी 2023, सुबह 07.34 - 06 जनवरी 2023, सुबह 08.11 • सर्वार्थ सिद्धि योग - स...

Purnima 2023: साल 2023 में पूर्णिमा तिथि कब

Purnima 2023 - हिन्दू धर्म और ज्योतिषशास्त्र में पूर्णिमा का महत्व इसलिए भी क्योकिं पूर्णिमा (Purnima) के दिन धार्मिक अनुष्ठान, गंगा स्नान और दीप दान आदि उचित योग माना जाता है। पूर्णिमा को पूर्ण चंद्र यानी फुल मून के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा का दिन, हर महीने के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को माना जाता है। पूर्णिमा का महत्व इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योकिं इस दिन हिन्दू धर्म के त्यौहार और व्रत भी पड़ते हैं। इस महत्वपूर्ण दिन को अलग-अलग भौगलिक स्थान पर अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। किसी स्थान पर इसे पूर्णिमा कहते हैं तो किसी स्थान पर पूर्णमासी। परन्तु महत्वपूर्ण बात ये है कि अलग-अलग नामों होने के बावजूद भी इस दिन का महत्व हर जगह एक समान और बेहद ख़ास माना जाता है। नए साल के शुभ अवसर पर नई ऊर्जा का आह्वान होने वाला है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर तिथि के साथ आपके कुंडली के सितारे भी बदलते रहते हैं। आईये जानते हैं नए साल 2023 में आने वाले पूर्णिमा की तिथियों (Purnima Tithi 2023) के बारें में और उन तिथियों के बारें में जिस तिथियों के अनुसार हम दान, पुण्य, पूजा, पाठ, और व्रत करने का विधान कर पाएंगे। इस दिन लोग तीर्थ स्थल के दर्शन और पवित्र नदियों में स्नान और अपनी यथाशक्ति के अनुसार दान पुण्य भी करते हैं। साल 2023 में पूर्णिमा तिथि कब-कब है? • पौष पूर्णिमा - 06 जनवरी 2023, शुक्रवार:तिथिप्रारंभ- 02:14 रात, 06 जनवरी 2023सेतिथि ​​​समाप्त- 04 37 सुबह, 07 जनवरी 2023 • माघ पूर्णिमा - 05 फरवरी, 2023 (रविवार):तिथिप्रारंभ- 09:29 रात, 04 फरवरी 2023सेतिथिसमाप्त- 11:58 रात, 05 फरवरी 2023 • फाल्गुन पूर्णिमा- 07 मार्च, 2023 (मंगलवार):तिथिप्रारंभ- 04:17 दोपहर...

Guru Purnima 2023 Date Shubh Muhurat Guru Puja Vidhi Mantra Daan Significance

Guru Purnima 2023 Date: हिंदूओं में तीर्थ स्नान, दान और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए पूर्णिमा का दिन बहुत विशेष माना जाता है. हर महीने शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि पूर्णिमा होती है. आषाढ़ माह में आने वाली पूर्णिमा बहुत खास मानी गई है क्योंकि इस दिन वेदों के रचयिता महृषि वेद व्यास का जन्म हुआ था, इसलिए इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. ये दिन गुरुओं को समर्पित है. सनातन धर्म में गुरु का स्थान ईश्वर के समान माना गया है. इस साल गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023 को मनाई जाएगी. आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा का पर्व कैसे मनाया जाता है, इस दिन दान का महत्व. गुरु पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Guru Purnima 2023 Muhurat) पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि 02 जुलाई 2023 को रात 08 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और 03 जुलाई 2023 को शाम 05 बजकर 08 मिनट पर इसका समापन होगा. • स्नान मुहूर्त - सुबह 04.07 - सुबह 04.47 • अमृत (सर्वोत्तम) - सुबह 05.27 - सुबह 07.12 • शुभ (उत्तम )- सुबह 08.56 - सुबह 10.41 गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजा का महत्व (Guru Purnima Significance) • शास्त्रों के अनुसार सृष्टि के आरम्भ से ही शैक्षिक ज्ञान, आध्यात्म एवं साधना का विस्तार करने और हर मनुष्य तक इसे पहुंचाने के उद्देश्य से गुरु-शिष्य परंपरा का जन्म हुआ. • धार्मिक मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन और दान करने से जातक की कुंडली में गुरु दोष और पितृदोष समाप्त होता है. नौकरी, करियर और व्यापार में अत्यधिक लाभ मिलता है. • इस दिन लोग वेद व्याज जी पूजा के अलाव अपने गुरुओं को सम्मान के रूप में उपहार भेंट करते हैं. • इस दिन गुरु वंदन से जीवन में उन्नति और समृद्धि पाई जा सकती है. विद्या अर्जन करने वाले जातक गुरु पूर्णिमा के दि...

Guru Purnima 2023 Date, Guru Purnima Puja Shubh Muhrut, Kab Hai Guru Purnima

Guru Purnima 2023: पूर्णिमा तिथि की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है. आषाढ़ के मास में पड़ रही पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा कहते हैं और इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन ही वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. आमतौर पर पूर्णिमा (Purnima) पर खासतौर से पूजा-पाठ और स्नान-दान किया जाता है, लेकिन गुरु पूर्णिमा होने के चलते इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन विद्यार्थी अपने गुरु की सेवा करते हैं और गुरु को आदरभाव के साथ धन्यवाद देते हैं. गुरु पूर्णिमा कब है पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है. आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि 2 जुलाई की रात 8 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 3 जुलाई शाम 5 बजकर 8 मिनट पर होगा. उदया तिथि को देखते हुए 3 जुलाई के दिन के गुरु पूर्णिमा मनाई जाने वाली है. गुरु पूर्णिमा पर पूजा मान्यतानुसार गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आदर-सत्कार के साथ ही पूर्णिमा की पूजा भी की जाती है. पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान किया जाता है. बहुत से भक्त इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने जाते हैं. जो नदी तक स्नान करने नहीं जा सकते वे पानी में गंगाजल मिलाकर भी नहा सकते हैं. स्नान पश्चात भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और वेदों के रचयिता वेद व्यास का ध्यान किया जाता है. इसके पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. सूर्य देव को अर्घ्य देना भी इस दिन बेहद शुभ होता है. गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और वेद व्यास जी (Ved Vyas) की पूजा की जाती है. फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, दूर्वा और हल्दी आदि पूजा सामग्री म...

When Is Paush Purnima 2023 Paush Purnima 2023 Date Shubh Muhurat And Snan Daan Importance Of Paush Purnima 2023 Paush Purnima Kab Hai

Paush Purnima 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, अभी पौष का महीना चल रहा है. यह महीना स्नान-दान जैसे धार्मिक कार्यों के लिए बेहद पवित्र होता है. यही वजह है कि लोग इस महीने में एक महीने तक के लिए किसी पवित्र नदी के किनारे वास करते हैं. इस दौरान रोजाना सुबह उठकर गंगा स्नान करते हैं. इसके बाद वहां मौजूद जरुरतमंदों के बीच दान भी करते हैं. आगामी 01 जनवरी से अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक नया साल शुरू हो जाएगा. इसी महीने की 06 तारीख को पौष माह की पूर्णिमा है. इस पूर्णिमा को शाकंभरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. यही वजह है कि इस पूर्णिमा का हिंदू धर्म में खास महत्व है. आइए जानते हैं कि नए साल में पौष माह की पूर्णिमा कब है और इस दिन स्नान-दान का क्या खास महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि 6 जनवरी 2023, शुक्रवार प्रात: 2 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रही है. अगले दिन यानी 7 जनवरी 2023 को सुबह 04 बजकर 37 मिनट पर पौष पूर्णिमा का समापन होगा. मान्यता है कि पूर्णिमा का व्रत करने से पारिवारिक कलह और अशांति दूर होती है. आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है. साथ ही साथ मानसिक शांति भी मिलती है. पौष पूर्णिमा महत्व | Paush Purnima Significance धार्मिक मान्यता है कि पौष पूर्णिमा पर काशी, प्रयाग के त्रिवेणी संगम पर स्नान और दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि पौष माह की पूर्णिमा स्नान से पूरे माह की पूजा-पाठ के समान पुण्य मिलता है, व्यक्ति के पाप कर्म धुल जाते हैं और वह जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है. पौष पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्य को और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधान हैं. ऐसा करने पर जीवन में अपार सफलता मिलती है. इस दिन चावल, गुड़, तिल, चीनी का दान क...

Paush Purnima 2023: बस, इतने दिन बाद है पौष पूर्णिमा, जान लें तारीख, स्‍नान

पौष पूर्णिमा 2023: हिंदू धर्म में सभी पूर्णिमा और अमावस्या को विशेष दर्जा दिया गया. इनमें से कुछ पूर्णिमा और अमावस्या को तो बेहद विशेष माना गया है. साल 2023 की शुरुआत में पौष महीने की पूर्णिमा पड़ रही है. पौष पूर्णिमा को स्नान-दान और धार्मिक कार्यों के लिए बहुत शुभ माना गया है. इस महीने में लोग पवित्र नदियों की परिक्रमा करते हैं, पवित्र नदियों के किनारे रहकर रोज ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करते हैं. खास तौर पर पौष महीने में गंगा स्नान करना बहुत की महत्वपूर्ण माना गया है. साल 2023 में पौष पूर्णिमा 6 जनवरी को पड़ रही है. इस पूर्णिमा को शाकंभरी पूर्णिमा भी कहते हैं हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह की पूर्णिमा तिथि 6 जनवरी 2023 शुक्रवार की सुबह तड़के 02:14 बजे से शुरू होगी और 7 जनवरी 2023 की सुबह 04:30 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार 6 जनवरी को ही पौष माह की पूर्णिमा मनाई जाएगी. इस दिन शुक्रवार रहने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है. ऐसे में पौष पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किए गए उपाय बहुत लाभ देंगे और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा दिलाएंगे पौष पूर्णिमा पर करें ये काम - पौष पूर्णिमा के दिन काशी प्रयाग की त्रिवेणी के संगम पर स्नान और दान करना बहुत लाभ देता है. मान्यता है कि संगम पर स्नान-दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं केवल पौष महीने की पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पूरे पौष महीने में पूजा-पाठ करने जितना फल मिलता है, व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और वह जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष पाता है. - पौष पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, साथ ही रात में चंद्रमा को भी अर्घ्‍य देने का विधान है. इसके अलावा इस दिन गु...