फिल्मी गीत

  1. लेटेस्ट बॉलीवुड सॉन्ग latest Bollywood songs list In Hindi
  2. शादी के गाने
  3. संगीत कला के प्रकार कितने है ? Types of Music Art ?
  4. पढ़ें: 'आज मेरे यार की शादी है' गाने के गीतकार वर्मा मलिक की कहानी
  5. Bollywood Lyricist Santosh Anand facing tough time in his old age
  6. राग पहाड़ी का परिचय और हिंदी फ़िल्मी गीत in Bollywood


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लेटेस्ट बॉलीवुड सॉन्ग latest Bollywood songs list In Hindi

क्या आप भी गाने सुनने का शौक रखते हैं? अगर हां तो आपको ये बात अच्छी तरह पता होगी कि हमारी प्लेलिस्ट बॉलीवुड गानों के बिना बिल्कुल अधूरी सी लगती। हम में से ज्यादातर लोग अपने मूड के हिसाब से अपनी प्लेलिस्ट क्रिएट करते हैं। कुल लोगों को पुराने गाने सुनने का शौक होता है तो कुछ को न्यू सॉन्ग सुनने का। हर साल कई फिल्में रिलीज़ होने के साथ, नये गाने आते हैं और हम उन्हें अपने कलेक्शन में अपडेट करते रहते हैं। Table of Contents • • • • • Bollywood में आपको हर दर्द की दवा मिलेगी, कहने का मतलब है कि आपके हर मूड को सही करने के लिए अलग-अलग तरह का हिंदी गाना मिलेगा। खुशी हो, गम हो या फिर डांस करने का मन हो..बस हर वक्त बजना चाहिए गाना। अगर आपने अभी तक 2019-20 के ये बॉलीवुड ट्रेडिंग सॉन्ग – Trending Hindi Songs हां, आपके बोरिंग टाइम को हैप्पी बनाने के लिए भी एक से बढ़कर एक बेहतरीन बॉलीवुड सॉंग्स हैं। आज हम अपनी स्टोरी में आपके मूड के हिसाब से आपको 2019-20 के की लिस्ट दे रहे हैं, जिसे आप जब चाहे वैसे प्ले करके सुन सकते हैं। • मेरे लिए तुम काफी हो • गर्मी • हुई मलंग • याद पिया की आने लगी • केहंदी हां केहंदी ना • दुआ करो • मखना • हां मैं गलत • शंकरा रे शंकरा मेरे लिए तुम काफी हो – Mere Liye Tum Kaafi Ho फिल्म ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ का सॉन्ग ‘मेरे लिए तुम काफी हो’ में आयुष्मान खुराना ने अपनी आवाज दी है। ये गाना लोगों को बहुत पसंद आया है और यूट्यूब पर काफी ट्रेंड भी कर रहा है। गर्मी – Garmi फिल्म स्ट्रीट डांसर 3 का ये सॉन्ग सर्दी में भी गर्मी बढ़ाने के लिए काफी है। अगर आप रैप सॉन्ग सुनना पसंद करते हैं तो ये गाना इन दिनों काफी ट्रेंड कर रहा है। इस हिन्दी सॉन्ग को सिंगर नेहा कक्कड़ और बादशाह ने...

शादी के गाने

भारतीय शादियों को शादियों को परम्परा और मौज मस्ती का गठजोड़ माना जाता है। देश में शादी का सीजन हो, रोज-रोज शादियां हों और शादी के गीत न हों, ये कैसे हो सकता है। शादी में संगीत सेरेमनी और इसके नाच- गानों के बिना तो हमारी शादियां ही अधूरी मानी जाएंगी। संगीत सेरेमनी शादी से एक या दो दिन पहले ही आयोजित की जाती है जिसमें दूल्हन की सभी सहेलियां और रिश्तेदार आते हैं। पुराने जमाने में इस रस्म में सिर्फ महिलाएं ही हिस्सा लिया करती थीं लेकिन आजकल इसमें पुरुष भी हिस्सा लेते हैं और डांस के साथ धमाल में भी बराबर की भूमिका निभाते हैं। हमारी बॉलीवुड फिल्मों में तो शादी से जुड़े सैकड़ों ऐसे गीत हैं जिन्हें शादी विवाह के मौके पर गाया या लगाया जाता है। यहां हम आपके लिए आपकी संगीत सेरेमनी को मस्त बनाने के लिए कुछ आइडियाज़ और एक से बढ़कर एक बेहतरीन शादी विवाह गीत यानि कि शादी के गाने हिंदी में की लिस्ट लेकर आए हैं (wedding songs in hindi) जिन्हें सुनकर आपके पैर खुद ही थिरकने लगेंगे। सबसे पहले संगीत को यादगार बनाने के कुछ बेहतरीन आइडियाज़ संगीत समारोह को और ज्यादा मजेदार बनाने के मस्त आइडियाज़ – Sangeet Ceremony Ideas in Hindi बड़ों को लाएं डांस स्टेज पर – Let the Elders Take the Lead जी हां, घर के बड़ों के बिना कोई भी रस्म अधूरी ही मानी जाएगी। जब घर के बुजुर्ग डांस करने लगें, समझ लीजिए कि उस समय घर की मस्ती का आलम ही अलग होगा। इनमें आपके माता पिता, चाचा चाची, मामा मामी, दादा -दादी और नाना नानी जैसे सभी बड़े शामिल हैं। उनके जमाने के गानों पर उनके साथ आप भी डांस करें, बहुत मजा आएगा। खूब शोरगुल के साथ ढेर सारा हुड़दंग – A Cheering Crowd वह संगीत ही क्या जिसमें खूब शोर गुल और हुड़दंग न हो?! अगर आ...

संगीत कला के प्रकार कितने है ? Types of Music Art ?

विषय - सूची • • • • • संगीत कला के प्रकार भारतीय संगीत या संगीत कला के 2 प्रकार हैं – 1. शास्त्रीय संगीत / Classical Music शास्त्रीय संगीत – भारतीय शास्त्रीय संगीत उसे कहते हैं जिसमे नियमित शास्त्र होता है । भारतीय शास्त्रीय संगीत मे खास नियमों का पालन करना अति आवश्यक होता है। जैसे कोई राग गाया जाए तो उसे किस प्रकार गाया जाए, किस गति से गाया जाए, ताल की सीमाओं आदि का पालन करना अति आवश्यक होता है । 2. भाव संगीत / Light Music भाव संगीत – भाव संगीत की अगर हम बात करें तो इसमें कोई नियम नहीं है । इसका सिर्फ एक ही उद्देश्य है सुनने में अच्छा लगना चाहिए बस । आज के समय के गीतों पे अगर हम ध्यान दें तो पता चलता है कि अभी कुछ गानों को छोड़कर ज्यादातर ऐसे ही संगीत का चलन है। कभी-कभी इसमें राग का भी सहारा लिया जाता है पर भाव संगीत का उद्देश्य सिर्फ एक है कि यह सुनने में अच्छा लगे बस । भाव संगीत को हम लाइट म्यूजिक/ LIGHT MUSICके नाम से भी जानते हैं। 1. शास्त्रीय संगीत (Classical Music)के प्रकार 1. शास्त्र ज्ञान ( Theory ) – इसमें हम राग, ताल, आलाप, संगीत का इतिहास आदि का अध्ययन करते हैं। Advertisement इसमें कुछ अपवाद भी हैं मतलब एक गाना है जो शास्त्रीय / Classicalगाना होने के बावजूद फिल्म में भी इस्तेमाल हुआ है । ” झनक झनक तोरी बाजे पायलिया ” पूरी तरह शास्त्रीय शैलीहोते हुए भी इसे हम चित्रपट संगीत में भी शामिल कर लिया गया है । 2. लोकगीत / FOLK SONG लोकगीत / FOLK SONG – इसमें पारंपरिक गीत, शादी विवाह में गाए जाने वाले गाने चैती, बिरहा, लोरी, माझी आदि गीतों को गाया जाता है। लोक संगीत में लय का मुख्य महत्व होता है । इसमें प्रयुक्त होने वाले शब्दों का बड़ी सरलता और सुंदरता से प्रयोग किया जात...

पढ़ें: 'आज मेरे यार की शादी है' गाने के गीतकार वर्मा मलिक की कहानी

नई दिल्ली। हिंदी भाषी समाज में मौजूदा आधुनिक दौर के आगमन से पहले शादियों में दो फिल्मी गीत अनिवार्य रूप से बजते थे। बिदाई के समय मोहम्मद रफी का गाया गीत 'बाबुल की दुआएं लेती जा' और बारात के समय मोहम्मद रफी का ही गया गीत 'आज मेरे यार की शादी है'। दूसरा गीत अब भी बारात के मौके पर बैंड पार्टियां बजा देती हैं। इतने लोकप्रिय गीत को लिखने वाले गीतकार कौन हैं ये बहुत कम लोगों को याद होगा। इस गीतकार का नाम है वर्मा मलिक। पंजाबी फिल्मों में गीत लिखकर करियर शुरू करने वाला यह गीतकार एक समय में वक्त की धुंध में खो गया क्योंकि हिंदी फिल्मों में आकाश पाने की जद्दोजहद करते करते वर्मा मलिक हताश हो चुके थे। अकसर अचानक एक घटना जीवन की धारा बदल देती है और वर्मा मलिक के साथ भी ऐसा ही हुआ। बरकत राय मलिक उर्फ वर्मा मलिक फरीदाबाद (अब पाकिस्तान में) के रहने वाले थे। बहुत कम उम्र में ही उन्होंने कविता लिखना शुरू कर दिया था। वो दौर आजादी की लड़ाई का था। स्कूल में पढ़ रहे वर्मा मलिक अंग्रेज़ों के खिलाफ गीत लिखकर कांग्रेस के जलसों और सभाओं में सुनाया करते थे। वो कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य बन गए। इसका अंजाम यह हुआ कि उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया, लेकिन कम उम्र होने की वजह से वो जल्द ही रिहा भी कर दिए गए। अभी वो अपने गीतों की प्रशंसा और सराहना में मग्न ही थे कि देश का विभाजन हो गया। ख़ौफनाक परिस्थितियों में वर्मा ज़ख्मी हालत में फ़रीदाबाद से जान बचाकर भागे। विभाजन के हंगामे में उन्हें पैर में गोली लगी। उन्होंने दिल्ली में शरण ली। दिल्ली आकर उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि पेट पालने के लिए वो क्या करें। संगीत निर्देशक हंसराज बहल के भाई वर्मा मलिक के दोस्त थे उनके कहने पर वर्मा ने मुंबई की ...

Bollywood Lyricist Santosh Anand facing tough time in his old age

-दिनेश ठाकुर मनोज कुमार की 'संतोष' में संतोष आनंद का गीत था- 'कहकहों के लिए हम तो मशहूर थे/ देखते-देखते गमजदा हो गए/ बात कुछ भी नहीं, बात है भी बहुत/ तुम जुदा हो गए, हम जुदा हो गए।' यह मिसरे अब उनकी जिंदगी की हकीकत बन गए हैं। संतोष और आनंद के झरने उनसे कटकर बहते हैं। उम्र के 81वें पड़ाव पर उन्हें दुख-दर्द, लाचारी और आर्थिक अभावों ने घेर रखा है। 'इक प्यार का नगमा है', 'मैं न भूलूंगा', 'ये गलियां ये चौबारा, यहां आना न दोबारा' और 'जिंदगी की न टूटे लड़ी' जैसे कालजयी गीत रचने वाले इस गीतकार के लिए गोया सुख-चैन की तमाम लडिय़ां बिखर गई हैं। कभी वह कवि सम्मेलनों की शान हुआ करते थे। कई साल से वक्त उन्हें व्हीलचेयर पर घुमा रहा है।

राग पहाड़ी का परिचय और हिंदी फ़िल्मी गीत in Bollywood

राग पहाड़ी का परिचय in Hindi – ब्लैक एंड वाइट बॉलीवुड सिनेमा के 50% से ज्यादा गाने ( बेहतरीन गानें ) इसी राग में बनाये गए हैं । इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद अगर कभी किसी ने आपसे पूछा कि आपका मनपसंद /Favorite राग कौन है तो आपका जवाब ” राग पहाड़ी” हीं होगा । मै यह बात इतने भरोसे से कैसे कह पा रहा हूँ या मेरी इस बात में कितनी सच्चाई है , चलिए पता करते हैं । राग पहाड़ी का परिचय इस राग की उत्पत्ति बिलावल थाट से मानी गई है । इसमें म और नि स्वर अति अल्प हैं । इसलिये इस राग की जाति में इन स्वरों का समावेश नहीं किया गया है और इसे औडव जाति का राग माना गया है । • थाट के राग – 10 थाटों से उत्पन्न रागों के नाम – Thaat इसकी चलन चंचल है और यह क्षुद्र प्रकृति का राग है । इसे गाते – बजाते समय राग – सौंदर्य बढ़ाने के लिये अन्य स्वरों का उपयोग विवादी की तरह से करते हैं । इसे भूपाली से बचाने के लिये अवरोह में शुद्ध म प्रयोग करते हैं । गाने – बजाने का समय रात्रि का प्रथम प्रहर है , किन्तु प्रचार में इसे किसी भी समय गा लिया जाता है । मन्द्र धैवत पर न्यास करने से पहाड़ी राग स्पष्ट होता है । • वादी स्वर सा और सम्वादी प है । • गाने-बजाने का समय – रात्रि का प्रथम प्रहर • आरोह- सा रे ग प ध सां । • अवरोह- सां ध प ग रे सा । राग पहाड़ी की विशेषता ऐसा माना जाता है कि हिमालय के आस पास की पहाड़ी इलाके से इसका उदय हुआ है । यह राग कुछ ऐसा है मानो जैसे इस राग का आधार ही लोक संगीत है । राजस्थान की घरती को सुगन्धित करने वाली” राग मांड” की सुगंध के साथ ही इसमें राग पीलू जोकि हिंदी भाषी क्षेत्रों में प्रचलित है उसकी खनक भी इस राग में निहित है । इसे भी पढ़ें – राग मांड का परिचय ” पधारो म्हारे देश (राजस्थान)” Raag Maan...