महिलाओं के लिए दालचीनी के फायदे

  1. दालचीनी के फायदे और नुकसान
  2. जानिए दालचीनी के फायदे और नुकसान
  3. दालचीनी के फायदे,उपयोग और नुकसान (Dalchini Benefits,Uses And Harms) » Makes Life Healthy
  4. दालचीनी के फायदे
  5. दालचीनी के फायदे


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दालचीनी के फायदे और नुकसान

आमतौर पर दालचीनी (dalchini ke fayde in hindi) भारत के सभी घरों में मिलती हैं। यह एक प्रकार का मसाला है और इसका कई तरह की सब्जियां या अन्य चीजें बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इसके अलावा भी यह कई प्रकार से मनुष्य के शरीर के लिए फायदेमंद होती है। यहां तक कि इस वजह से आज हम अपने इस लेख में आपको दालचीनी के लाभ (dalchini khane ke fayde), उपयोग और नुकसान बताने वाले हैं। दालचीनी कितने प्रकार की होती है? – Dalchini ke Prakar दालचीनी के फायदे – Dalchini Khane ke Fayde दालचीनी (dalchini benefits in hindi) को स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभकारी माना जाता है और ये कई प्रकार से आपके लिए फायदेमंद होती है। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टी होती हैं, जो आपके शरीर के लिए बहुत ही अच्छी होती हैं। यह हृदय, पेट की समस्या को दूर करने, सिर दर्द, पाचन तंत्रिका आदि के लिए बहुत ही लाभकारी होती है। तो चलिए बिना कोई देरी किए आपको इसके फायदे (दालचीनी और जीरा के फायदे) बताते हैं। वैसे तो हिचकी आना बहुत ही सामान्य सी परेशानी है और हिचकी आने के कई कारण है । हालांकि, कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें रोज किसी न किसी समय हिचकी आती है। ऐसे में वो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए दालचीनी का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए वो दालचीनी का काढ़ा बना सकते हैं और दिन में एक बार इसका सेवन कर सकते हैं। भूख बढ़ाने के लिए यदि आपको भूख नहीं लगती है या फिर बहुत ही कम भूख लगती है तो भी आप अपनी भूख को बढ़ाने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको 500 मिग्रा शुंठी चूर्ण, 500 मिग्रा इलायची और 500 मिग्रा दालचीनी को पीस लेना चाहिए और रोज सुबह-शाम खाना खाने से पहले इसका सेवन करना चाहिए। ...

जानिए दालचीनी के फायदे और नुकसान

हमारी रसोई में ऐसे कई मसाले मौजूद हैं जिनके सभी फायदों के बारे में लोगों को पता ही नहीं होता है। दालचीनी (Cinnamon) भी उन्ही मसालों में से एक है। इसका इस्तेमाल हर घर में किया जाता है लेकिन अभी भी अधिकांश लोग दालचीनी के औषधीय उपयोग से भलीभांति परिचित नहीं है। दालचीनी एक ओषधीय पौधा है जिसकी छाल मोटी और हल्के भूरे रंग की होती है। आमतौर पर इसकी छाल को ही पूरी दुनिया में मसालों के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। एक तरफ ये आपके खाने का स्वाद कई गुना बढ़ा देती है वहीं दूसरी तरफ यह स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी मदद करती है। आयुर्वेद में भी दालचीनी के गुणों का उल्लेख मिलता है और सदियों से कई बीमारियों के इलाज में इसका इस्तेमाल होता रहा है। आजकल बाज़ार में दालचीनी का पाउडर भी आसानी से उपलब्ध है। सब्जी या कोई अन्य डिश बनाते समय इसे मसाले के रुप में इस्तेमाल करना सबसे आसान तरीका माना जाता है। दालचीनी की खुशबू के कारण से इसका इस्तेमाल परफ्यूम और कई तरह के मेडिकल प्रोडक्ट में भी किया जाता है। पोषक तत्वों की मात्रा : आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दालचीनी में 80 से ज्यादा पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिसमें मैगनीज, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम मुख्य रुप से शामिल हैं। इसे एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी कैंसर यौगिक के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यह मानसिक रोगों जैसे कि पार्किन्सन रोग, अल्जाइमर आदि में भी काफी उपयोगी है। दालचीनी के फायदे ( Benefits of cinnamon in hindi ) : दालचीनी के फायदे, नुकसान और खुराक को लेकर लोगों के दिमाग में तरह तरह के सवाल हैं। इस लेख में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीपक कुमार सोनी उन सभी सवालों के जवाब दे र...

दालचीनी के फायदे,उपयोग और नुकसान (Dalchini Benefits,Uses And Harms) » Makes Life Healthy

Dalchini kya hai:-दालचीनी(dalchini) एक मसाला होता है जो गर्म मौसम में खाने के साथ-साथ दवाई के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह स्वाद में मीठा और खट्टा होता है और इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं। दालचीनी की पत्तियों को सुखा कर और फिर पीस कर उसके छोटे-छोटे टुकड़ों को दालचीनी के नाम से जाना जाता है। इसे खाने के अलावा दालचीनी के तेल, पाउडर और कप्सूल भी उपलब्ध होते हैं। dalchini ko english me kya kahate hain? dalchini meaning in english or dalchini in english called Cinnamon. अन्य भाषाओं में दालचीनी के नाम:- Cinnamon in hindi – दालचीनी, दारुचीनी, दारचीनी Dalchini in English– ट्रु सिनैमोन (True Cinnamon), सीलोन सिनामोन (Ceylon Cinnamon) Cinnamon in Sanskrit– त्वक्, स्वाद्वी, तनुत्वक्, दारुसिता, चोचम, वराङ्ग, भृङ्ग, उत्कट दालचीनी(dalchini) का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसे दुनिया के अनेक भागों में स्वादिष्ट मसालों के रूप में उपयोग किया जाता है। इसे मध्य पूर्व से मशहूर माना जाता है जहां इसे लंबे समय से उपयोग किया जाता है। दालचीनी की खोज का श्रेय चीन को जाता है जहां यह मसाला बहुत प्राचीन समय से उपयोग किया जाता है। चीन में दालचीनी(dalchini) के पेड़ों का उल्लेख बहुत पुरानी लेखों में मिलता है। चीनी आयुर्वेद में दालचीनी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग किया जाता है। अरब महाद्वीप में भी दालचीनी(dalchini) का उपयोग बहुत पुरानी लेखों में मिलता है। इसे आमतौर पर वहां इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता था। अरबों ने दालचीनी की खोज की और यहां से उसे यूरोप में लाया गया। यूरोप में दालचीनी(dalchini) को एक महत्वपूर्ण मसाला माना...

दालचीनी के फायदे

दालचीनी के फायदे और इससे जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी | Benefits of Cinnamon... • • दालचीनी के फायदे और इससे जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी | Benefits of Cinnamon in Hindi About Cinnamon in Hindi: भारतीय सभ्यता की शुरुआत आयुर्वेद से हई है और आयुर्वेद में ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जो हमारे घर में ही होती हैं लेकिन हमें उनका ज्ञान नहीं होता है। ऐसी ही चीजों में से एक cinnamon है। Cinnamon को हिंदी में दालचीनी कहते हैं। दालचीन के नाम से लगभग आप सभी परिचित होंगे क्योंकि दालचीन एक ऐसा मसाला है जिसका उपयोग हर भारतीय घर में किया जाता है। हर भारतीय घर में दालचीन को प्रमुख मसाला माना जाता है। इसलिए दालचीनी को मसालों की रानी भी कहा गया है। इस मसाले का उपयोग केव...

दालचीनी के फायदे

दालचीनी खाने में इस्तेमाल होने वाला बहुत ही गुणकारी मसाला है। यह खाने का जायका तो बढ़ाती ही है और बिमारियों को ठीक करने में भी मदद करती है। अधिकतर घरों में मसालों के रूप में ही इसे उपयोग किया जाता है। लेकिन यह एक फायदेमंद औषधि भी है। दालचीनी क्या होती है (What Is Cinnamon) यह एक मसाला है जो लगभग भारत की हर रसोई में इस्तेमाल की जाती है। खाने में अलग - अलग तरह से दालचीनी का प्रयोग किया जाता है। यह एक लकड़ी होती है जिसमें कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते है। दालचीनी के फूल छोटे और हरे रंग के होते है। यह पेड़ की छाल से प्राप्त होता है। दालचीनी कहां पाया या उगाया जाता है? (Where Is Dalchini Found or Grown?) दक्षिण-पश्चिमी भारत के निचले पहाड़ी क्षेत्रों और समुद्र-तटीय जैसे- कर्नाटक, तमिलनाडु एवं केरल में दालचीनी की खेती की जाती है। जुलाई से दिसम्बर माह तक इसकी खेती की जाती है। क्या आपको पता है दालचीनी का पेड़ कैसा होता है? दालचीनी के पेड़ ६ से १६ मीटर ऊँचे होते है। इसके पत्तों का रंग गुलाबी और चमकीला हरा होता है। अन्य भाषाओं में दालचीनी के नाम (Name of Dalchini in Different Languages) विश्व में अलग - अलग जगहों पर दालचीनी को इन नामों से जाना जाता है। हिंदी – दालचीनी, दारुचीनी, दारचीनी संस्कृत – त्वक्, स्वाद्वी, तनुत्वक्, दारुसिता, चोचम, वराङ्ग, भृङ्ग, उत्कट अंग्रेजी – ट्रु सिनैमोन, सीलोन सिनामोन मराठी – दालचीनी मलयालम – एरिकोलम, वरनम उड़िया – दालोचीनी, दारूचीनी तेलुगु – लवंगमु कन्नड़ – लवङ्ग चक्के , तेजदालचीनी बंगाली – दारुचीनी पारसी – दारचीनी, दारचीनीसेइलनीयाह , तालीखाहे अरेबिक – दारसीनी , किर्फा , र्क्फाहेसेलेनीयाह उर्दू – दारचीनी दालचीनी के फायदे (Cinnamon Benefits and Uses) रसोई में अग...