मेरा प्रिय त्योहार

  1. मेरा प्रिय रंगों का त्‍योहार होली पर विशेष न‍िबंध
  2. मेरा प्रिय त्योहार (होली
  3. मेरा पसंदीदा त्योहार पर निबंध
  4. Devi Devtaon Ke Priye Phool:किस देवी
  5. मेरा प्रिय त्योहार पर निबंध
  6. लेख


Download: मेरा प्रिय त्योहार
Size: 45.74 MB

मेरा प्रिय रंगों का त्‍योहार होली पर विशेष न‍िबंध

होली रंगो का त्योहार जो की हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध त्योहार है, जिसका इंतजार हर भारतीय को रहता है, जो की हिन्दी महीने के फागुन महीने मे मनाया जाता है, तो इस होली के अवसर पर इस पोस्ट के जरिये होली पर हिन्दी मे निबंध, Happy Holi Essay in Hindi, मेरा प्रिय त्योहार होली निबंध हिंदी, होली पर निबंध in Hindi, होली पर निबंध, होली पर निबंध प्रस्तावना, होली पर निबंध pdf, होली के बारे में 10 लाइन इन हिंदी, होली पर निबंध बच्चों के लिए 10 line, होली पर निबंध 250, 500 और 1000 से भी ज्यादा शब्दों में बताने जा रहे है, जिसे होली के शुभ अवसर पर लोगो के बीच शेयर कर सकते है, और होली के इस निबंध के जरिये लोगो को होली के बारे मे बता सकते है, होली के त्यौहार पर सावधानिया वैसे तो हमारे देश में हर त्यौहार मनाने के पीछे कोई न कोई धार्मिक, ऐतिहासिक या पौराणिक महत्व जरुर रहता है जिन परम्पराओ का पालन हमारे देश में सदियों होता चला आ रहा है और इन परम्पराओ पर आधारित ये त्यौहार हमारे भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है जिन्हें हम बहुत ही जोश और पूरी उर्जा के साथ लोगो के साथ मिलकर अपने इन त्योहारो को मनाते है और इसी कड़ी में सबसे रंगबिरंगा रंगों का त्यौहार है होली | Holi…. सोचिये जरा अगर हमारे जीवन में रंग न हो तो ये धरती आकाश सम्पूर्ण नीरस और रंगहीन लगेगी, लोगो में जीवन तो होगा लेकिन बिना रंगों के ये धरती सुनी लगेगी न आकाश का रंग नीला होगा न ही धरती पर हरियाली की रंग हरा होंगा और न ही सूर्य में लाल रंग होगा और न ही दिन के उजाले में सूर्य की किरणों में चमकीला रंग होगा फिर भला इन रंगो के बिना सबकुछ फीका फीका लगेगा और इसी रंगो पर आधारित है हम सभी का सबसे प्यारा त्यौहार रं गों की होली जो की इस रंगों के त्यौहार में...

मेरा प्रिय त्योहार (होली

My Favourite Festival Diwali-Holi-Raksha Bandhan Essay in Hindi सभी त्योहार बच्चो का प्रिय त्योहार होता है, चाहे वो दिवाली के पटाखे हो या होली के गुलाल, बच्चे हर त्योहार को बडे धूम-धाम से मनाते है। हर त्योहार का इंतजार बेसब्री से करते है, मुख्य रुप से बच्चो को ऐसे त्योहार पसंद आते है, जहाँ वो अधिक खेल सके, जैसे- होली पर गुलाल के संग, दीवाली मे पटाखो के संग, और मकर संक्रांति पर पतंग उडाकर। इत्यादि। विषय सूची • • • • My Favourite Festival Diwali Essay in Hindi मेरा प्रिय त्योहार दिवाली है, इस त्योहार की शुरुआत गणेश और लक्ष्मी जी के पूजन के होता है, इस दिन सभी परिवार के लोग मिलकर गणेश जी और आरती जी की पूजा आरती करते है। दिवाली हमारा प्रिय त्योहार इसलिये ह, क्युकी इस दिन हम ढेर सारे पटाखे बजाकर दिवाली मनाते है। दिवाली का त्योहार अमवस्या के दिन होता है, इस दिन लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा की जाती है, और सब के घरो मे कई प्रकार के पकवान बनाये जाते है। दिवाली कैसे मनाते है: दिवाली त्योहार की शुरुआत कई दिनो पहले से ही दिखने लगता है, यह हिंदुयो का प्रमुख त्योहार है, दिवाली आने के पहले ही लोग अपने घरो को साफ करके, नये रंगो व झालर मोतियो से सजा देते है। दिवाली त्योहार को लोग दीपो का त्योहार भी कहते है, क्युकी दिवाली के दिन लोग भारी मात्रा मे दीपक जलाते है, और अपने घरो को दीपो के रोशनी से उजागर कर देते है। दिपावली का इतिहास: दिवाली का त्योहार भगवान श्री राम पर आधारित है, मान्यता है की इसी दिन भगवान राम, भाई लक्ष्मण और पत्नि सीता के साथ, 14 वर्षो के वनवास के पश्चात अयोध्या वापिस आये थे, जिसके खुसी मे अयोध्या वाशियो ने सारे अयोध्या नगरी को दिपको से प्रकाशित कर दिया। इसलिये इसे दिपो का त्योहार...

मेरा पसंदीदा त्योहार पर निबंध

भारत विविधताओं में एकता प्रदर्शित करने वाला देश है। यहां कई धर्म के लोग एक साथ मिलजुलकर रहते हैं, और प्रेम पूर्वक त्योहारों को भी एक साथ मनाते है। हम सब एक साथ मिलकर पूरे जोश और हर्ष के साथ त्योहार को मनाते है और आपसी प्रेम और खुशी को सब में बांटते है। सभी त्योहार हमारे लिए खास होते है पर इनमें से हमारे कुछ पसंदीदा त्योहार होते है, जो हमको सबसे अधिक पसंद होते है। हम इस त्योहार का भरपूर आनंद लेते है। मैंने नीचे अपनी पसंदीदा त्योहारों की चर्चा की है, जो आपको भी रोमांचित करेगी। मेरा पसंदीदा त्योहार पर छोटे और बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Favourite Festival in Hindi, Mera Pasandida Tyohar par Nibandh Hindi mein) निबंध – 1 मेरा पसंदीदा त्योहार – ईद-उल-फितर (250 शब्द) परिचय त्योहार हम सभी के लिए एक रिफ्रेशमेंट की तरह हैं। हम सभी पूरे दिन अपने-अपने कामों में व्यस्त रहते हैं और यही त्योहार हमें अपने कामों के बोझ से थोड़ा आराम दिलाते हैं। त्योहारों के माध्यम से हमें अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ समय बिताने का मौका मिलता हैं। बच्चों के लिए यह समय आनंद से भरा होता हैं। मेरा प्रिय त्योहार सभी त्योहारों में से जो त्योहार मुझे सबसे ज्यादा पसंद है, वो है “ईद-उल-फितर”। यह दुनिया भर में मनाये जाने वाले इस्लाम धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। इस त्योहार की शुरुआत एक महीने पहले ही रमजान के रोजे के साथ हो जाती है। रमजान के आखिरी में जब आकाश में चाँद और तारा एक सीध में दिखाई दे देता है तो उसके अगले दिन ईद-उल-फितर या ईद का त्योहार मनाया जाता है। लोग मस्जिदों में इस दिन एक साथ नमाज़ अदा करते हैं और एक दूसरे से गले मिल ईद की मुबारकबाद और शुभकामनाएं देते हैं। सभी इस त्योहार को बहुत ही उ...

Devi Devtaon Ke Priye Phool:किस देवी

Devi devta ko Chadhaein ye Pushp: सनातन धर्म को मानने वाले लोग अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। उनको प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग फूल अर्पित किए जाते हैं। भगवान को बिना पुष्प चढ़ाए बिना कोई भी पूजा या अनुष्ठान पूरा नहीं होता है। वैसे तो आप किसी भी भगवान को कोई भी पुष्प अर्पित कर सकते हैं। लेकिन भगवान को उनके पसंद के फूल चढ़ाए जाए तो व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। फूलों के संबंध में शारदा तिलक नामक पुस्तक में कहा गया है। दैवस्य मस्तकं कुर्यात्कुसुमोपहितं सदा। अर्थात- देवता का मस्तक सदैव पुष्प से सुशोभित रहना चाहिए। भगवान श्री गणेश ग्रंथों में वर्णित है कि भगवान श्री गणेश को तुलसीदल को छोड़कर सभी प्रकार के फूल चढाएं जा सकते हैं। पद्मपुराण आचाररत्न में भी लिखा है कि ‘न तुलस्या गणाधिपम’ अर्थात् तुलसी से गणेश जी की पूजा कभी न करें। गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा है। गणेश जी को दूर्वा बहुत ही प्रिय है। दूर्वा के ऊपरी हिस्से पर तीन या पांच पत्तियां हों तो बहुत ही उत्तम है। भगवान शिव भगवान शंकर को धतूरे के फूल, हरसिंगार, व नागकेसर के सफेद पुष्प, सूखे कमल गट्टे, कनेर, कुसुम, आक, कुश आदि के फूल चढ़ाने का विधान है। भगवान शिव को केवड़े का पुष्प नहीं चढ़ाया जाता है। भगवान विष्णु इन्हें कमल, मौलसिरी, जूही, कदम्ब, केवड़ा, चमेली, अशोक, मालती, वासंती, चंपा, वैजयंती के पुष्प विशेष प्रिय हैं। विष्णु भगवान तुलसी दल चढ़ाने से अति शीघ्र प्रसन्न होते है। कार्तिक मास में भगवान नारायण केतकी के फूलों से पूजा करने से विशेष रूप से प्रसन्न होते है । लेकिन विष्णुजी पर आक, धतूरा, शिरीष, सहजन, सेमल, कचनार और गूलर आदि नहीं अर्पित करना चाहिए। सूर्य नारायण इनकी उपासना कुटज के पुष्पों से की जाती...

मेरा प्रिय त्योहार पर निबंध

मेरा प्रिय त्योहार पर हिंदी निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, और 9 के विद्यार्थियों के लिए। - My Favourite Festival Essay in hindi for class 5, 6, 7, 8 and 9 Students. Essay on My Favourite Festival Raksha Bandhan in Hindi for Class 5, 6, 7, 8 and 9 Students and Teachers. रूपरेखा : प्रस्तावना - मेरा प्रिय त्योहार - प्रिय त्योहार का परिचय - कब मनाया जाता यह त्यौहार - मनाने की विधि - प्रिय त्यौहार का महत्व - ऐतिहासिक महत्व - यह त्यौहार इतना प्रिय क्यों है - उपसंहार। प्रस्तावना- हमारा देश विभिन्नताओं के समूह का एक ऐसा देश है, जहाँ पूरे साल अलग अलग त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। त्योहारों से हमारे जीवन में परिवर्तन और उल्लास का संचार होता है। त्यौहार अथवा पर्व सामाजिक मान्यताओं, परंपराओं व पूर्व संस्कारों पर आधारित होते हैं । यहाँ आये दिन कोई-न-कोई त्यौहार पड़ता ही रहता है। मेरा प्रिय त्योहार- त्यौहार जैसे होली, दीवाली, रक्षाबंधन, दशहरा आदि हमारे देश के मुख्य त्योहार हैं। इन सभी त्योहारों में रक्षाबंधन का त्योहार मुझे सबसे अधिक प्रिय है। साल में एक बार आने वाला यह त्यौहार मेरे जीवन में खुशियां भर देती है। प्रिय त्योहार का परिचय- यह त्योहार भाई-बहन के शुद्ध और नि:स्वार्थ प्रेम का प्रतीक है। भाई-बहन के पवित्र प्रेम के साथ ही इसमें जो सादगी है, वह दूसरे किसी त्योहार में नहीं है। दीवाली में दीयों की रोशनी होती है। होली में रंग और गुलाल की धूम मच जाती है। दशहरे के दिन भी बड़ी धूमधाम होती है, लेकिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए पवित्र हार्दिक प्रेम के सिवा अन्य किसी भी चीज की जरूरत नही पड़ती । कब मनाया जाता यह त्यौहार- राखी का त्योहार श्रावणी पूर्णिमा को मनाया जाता है। उस समय मौस...

लेख

मैं आपको अपने प्रिय त्योहार का नाम नहीं बताऊँगा हालाँकि यह मेरा प्रिय त्योहार है फिर भी मैं इसका नाम नहीं बताऊँगा लेकिन मैं आपको बताता हूँ इस दिन सुबह उठकर हम नए कपड़े पहनते हैं और मीठी सेवइयाँ खाते हैं शायद आपको पता चल रहा होगा कि मेरा प्रिय त्योहार क्या है फिर भी मैं इसका नाम नहीं लूँगा अगर आपको कठिनाई हो तो मैं बता दूँ कि उस दिन सुबह हम एक जगह इकट्ठे होते हैं अब तो आप जान ही गए होंगे कि मेरा प्रिय त्योहार कौन-सा है फिर भी अगर दिक़्क़त हो तो मैं बता दूँ कि उस दिन हमें ईदी भी मिलती है और अगर अब भी आपको समझ नहीं आया हो तो आप जान लें कि इसका नाम है ईद-उल-फ़ितर। यह एक बारह साल के बच्चे का निबंध है जो छठी कक्षा में पढ़ता है जिसका नाम है मुहम्मद फ़ुरक़ान उसके कोमल मन पर चुभी हुई हैं कितनी शहतीरें मुल्क की बदलती सोच से ख़ौफ़ज़दा वह जो बता रहा है दरअस्ल, उसे वह छिपाना चाहता है।