मातृभूमि कविता का मूल भाव क्या है

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MCQ Questions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 14 अग्नि पथ with Answers

Question 1. ‘अग्निपथ’ कविता में कवि ने कैसे जीवन के बारे में बताया है? (a) वैभवपूर्ण जीवन (b) सहज जीवन (c) संघर्षमय जीवन (d) आडंबरहीन जीवन। Answer Answer: (c) संघर्षमय जीवन Question 2. कवि मनुष्य से किस बात की शपथ लेने को कहता है? (a) ईमानदारी की (b) परोपकार करने की (c) कभी झूठ न बोलने की (d) कभी न थकने व लक्ष्य से न भटकने की। Answer Answer: (d) कभी न थकने व लक्ष्य से न भटकने की। Question 3. दूसरों की सहायता लेने से कवि क्यों मना करता है? (a) यदि हम दूसरों की सहायता लेंगे तो हमारी संघर्ष करने की शक्ति कम हो जाएगी। (b) ऐसा करने से कवि के स्वाभिमान को ठेस पहुँचती है। (c) यदि हम दूसरों की सहायता लेंगे तो हमें भी उनकी सहायता करनी पड़ेगी। (d) दूसरों की सहायता असहाय लोग ही ले सकते हैं। Answer Answer: (a) यदि हम दूसरों की सहायता लेंगे तो हमारी संघर्ष करने की शक्ति कम हो जाएगी। Question 4. “एक पत्र छाँह भी माँग मत’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए (a) दूसरों से किसी भी प्रकार की सहायता की आशा न रखना (b) दूसरों के आश्रय में न रहना (c) दूसरों के बल पर आगे बढ़ना (d) इनमें से कोई नहीं। Answer Answer: (a) दूसरों से किसी भी प्रकार की सहायता की आशा न रखना Question 5. निम्नलिखित में कौन-सी रचना हरिवंशराय जी की नहीं है? (a) मधुशाला (b) निशा-निमंत्रण (c) उर्वशी (d) क्या भूलूँ क्या याद करूँ। Answer Answer: (c) उर्वशी उर्वशी रामधारी सिंह दिनकर की रचना है Question 6. श्री हरिवंशराय बच्चन को निम्नलिखित में से कौन-सा पुरस्कार नहीं मिला? (a) साहित्य अकादमी पुरस्कार (b) सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार (c) सरस्वती सम्मान (d) ज्ञान पीठ पुरस्कार। Answer Answer: (d) ज्ञान पीठ पुरस्कार। Question 7. हरिवंशराय बच्च...

[Solved] इस कविता का मूल भाव क्य�

निर्देशः इस पद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर देंः कहीं तुम्हें पर्वत लड़वा दे, कहीं लड़ा दे पानी भाषा के नारों में गुम है, मन की मीठी बानी आग लगा दो इन बाज़ारों में कब जागेंगे सोये सूरज! कब होगा उजियारा जीना हो तो मरना सीखो, गूँज उठे यह नारा सारा देश हमारा। इस कविता का मूल भाव क्या है? इसका सही उत्तर 'इस कविता का मूल भाव, आपसी भाईचारा और आपसी समझ को बढ़ावा देना है 'है। Key Points • इस कविता का मूल भाव, आपसी भाईचारा और आपसी समझ को बढ़ावा देना है। • संपूर्ण कविता राष्ट्रीय एकता के मार्ग की समस्याओं को रखांकित करती चलती है। Additional Information • पद्यांश का सार-इस कविता में मानवीय एकता का सन्देश दिया गया है। • मानव के मध्य वैर को समाप्त करके सोए सूरज को उठाकर एकता के उजियारे को फ़ैलाने का सन्देश दिया गया है।​

मातृभूमि

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