जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज

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कबीर परमेश्वर, आज से लगभग 625 वर्ष पूर्व भारत की पवित्र भूमि में आध्यात्मिक शिक्षा का केंद्र कहे जाने वाले काशी शहर से बाहर बने लहरतारा तालाब में ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णिमा विक्रम संवत् 1455, सन् 1398 को ब्रह्ममुहूर्त में नवजात शिशु के रुप में कमल के फूल पर प्रकट हुए थे। जिसके बाद उन्होंने लीलामय छोटी आयु से ही सत्यज्ञान का प्रचार करना प्रारंभ [...] Everyone in this world is well aware of Sant Kabir: The Great Indian Mystical Poet. According to the documented history, Kabir was "born" in 1398. Kabir Saheb is well known for His open criticism of all the ways of worship and rituals as opposed to the holy scriptures. He propagated the worship of one Supreme Almighty and that we all are children [...] Around the globe, people are struggling and discontent. Poverty, illness, and other issues are rampant, and the cause of this suffering is the misguided veneration of false gods. Misleading spiritual leaders have misguided humanity, separating them from the ultimate power of the divine. With true spiritual knowledge, people will be able to [...] सतयुग से लेकर अब कलयुग तक प्रत्येक मानव भगवान को प्राप्त करने, जन्म-मृत्यु, वृद्धावस्था के कष्ठ से छुटकारा पाने और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील है। इस प्रयत्न में ऋषि, मुनियों और तपस्वियों ने हजारों, लाखों वर्षों तक घोर तप भी किया, कई प्रकार की क्रियाएँ कीं, अपने शरीर को हठयोग करके गलाया भी जिससे की उन्हें परमात्मा प्राप्ति हो जाये। [...] Since inception man has been trying hard to attain God (or attain salvation) because...

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रामपाल (हरियाणा)

संत रामपाल जी महाराज संत रामपाल दास जन्म रामपाल दास 8 सितम्बर 1951 ( 1951-09-08) (आयु 71) राष्ट्रीयता भारतीय अन्यनाम संत रामपाल दास, व्यवसाय लोगों को सतभक्ति करवाकर मोक्ष दिलाना प्रसिद्धिकारण सतलोक, कबीर पंथ वेबसाइट .jagatgururampalji .org संत रामपाल दास ( Sant Rampal Das) एक भारतीय [आध्यात्मिक] [[कबीर पंथ|कबीर पंथी] गुरु हैं तथा कबीर साहेब जी को भगवान (परमात्मा) बताते हैं। ये अनुक्रम • 1 जीवन • 2 शिक्षा और नियम • 3 भविष्यवाणीयां • 4 विवाद • 5 सन्दर्भ जीवन [ ] रामपाल का जन्म भारतीय राज्य पंजाब के सोनीपत जिले की गोहाना तहसील के धनाना गाँव में हुआ। उनके पिता भक्त नंदलाल एक किसान थे और उनकी माँ इन्द्रो देवी गृहिणी थीं। उन्होंने करणाल के निलोखेड़ी में इंड्सट्रियल ट्रैनिंग इंस्टीट्यूट से सिविल इंजिनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया। इसके बाद हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में 18 वर्ष तक कनिष्ट अभियन्ता के रूप में काम किया। रामपाल ने अनारो देवी के साथ विवाह किया जिससे दो पुत्र और दो पुत्रियाँ हैं। शिक्षा और नियम [ ] रामपाल दास सभी धर्म के ग्रंथों का हवाला देते हुए 1. किसी नशीली वस्तु जैसे बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, 2. जुआ, ताश, चोरी, ठगी आदि नहीं करना। 3. 4. एक कबीर परमात्मा के अलावा अन्य देवी देवताओं की पूजा नहीं करना, सम्मान सबका करना। 5. अश्लील गाने गाना, नाचना, रामपाल दास के अनुयाई विशेष तौर पर उनके ज्ञान से आकर्षित होते हैं, जो सर्व धर्मो के ग्रंथों के अनुकूल होने का दावा किया है। उनके अधिकतर अनुयाइयों का कहना है कि हमने संत द्वारा बताए ज्ञान को सद्ग्रंथों में मिलाया, तब हूबहू अपने धार्मिक ग्रंथों में पाया, उसके बाद हम उनसे जुड़े। हालांकि ज्ञान ही ऐसा विषय है जिसके कारण अधिकतर स...