Germany ke ekikaran mein mukhya bhumika kiski thi

  1. जर्मनी का एकीकरण
  2. जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें। Germany Ke Ekikaran Mein Bismarck Ki Bhumika Ka Varnan Karen
  3. जर्मनी का इतिहास और महत्वपूर्ण जानकारी


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जर्मनी का एकीकरण

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • जर्मनी के एकीकरण की पृष्‍ठभूमि | Germany ka Ekikaran इटली की तरह जर्मनी भी वियना कांग्रेस के पश्‍चात एक भौगोलिक अभिव्‍यक्ति मात्र बना रहा इससे पूर्व नेपोलियन ने सन 1806 में पवित्र रोमन साम्राज्‍य का अन्‍त करके जर्मन राष्‍ट्रयता के मार्ग को प्रशस्‍त कर दिया था। उसने जर्मनी की प्राचीन व्‍यवस्‍था को छिन्‍न-भिन्‍न कर दिया था। इसके परिणामस्‍वरूप जर्मनी के राज्‍यों मे एकीकरण की भावना जागृत हुई। मैटरनिख युग (1815-1848) में जर्मनी का एक ढीला-ढाला संघ अस्तित्‍व में आया, जिसमें 39 रियासतें सम्मिलित थीं। इस संघ की एक राज्‍य परिषद् भी थी। किन्‍तु सभी राज्‍य एक दूसरें से स्‍वतंत्र थे और आस्ट्रिया काउन पर पूर्ण प्रभाव था। जर्मनी के 39 राज्‍यों में प्रशा ही एकमात्र शक्तिशाली राज्‍य था जो आस्ट्रिया का विरोध कर सकता था। सन्‍ 1859 तक दों बातें स्‍पष्‍ट हो चुकी थी- एक जर्मन राज्‍यों के एकीकरण का नेतृत्‍व प्रशा ही कर सकता है तथा दूसरा यह कि एकीकरण के मार्ग में आस्ट्रिया सबसे अधिक बाधा पहुँचा सकता है। जर्मनी में राष्‍ट्रीयता | Germany me Rashtriyata जर्मन जनता ने नेपोलियन के विरूद्ध एक होकर युद्ध किया था। इस मुक्ति से युद्ध के कारण जर्मन जनता में राष्‍ट्रीयता की भावना का आविर्भाव हुआ। प्रगतिशील लोग इस चिन्‍ता में थे कि विविध जर्मन राज्‍यों का अन्‍त करके एक शक्तिशाली जर्मन राष्‍ट्र के निर्माण की अत्‍यन्‍त्‍ आवश्‍यकता है। जर्मनी के देशभक्‍त निरंकुश राजाओं के शासन का अन्‍त करके जनता का शासन स्‍थ‍ापित करना चाहते थे। जब तक मैट‍रनिख आस्ट्रिया का चांसलर रहा तब तक जर्मनी की राष्‍ट्रवादी भावनाएँ दबी रहीं किन्‍तु उसके पतन के पश्‍चात राष्‍ट्रीय एकता की भावना ...

जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें। Germany Ke Ekikaran Mein Bismarck Ki Bhumika Ka Varnan Karen

जर्मनी (Germany) के एकीकरण में बिस्मार्क (Bismarck) की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। उसका मानना था कि जर्मनी की समस्या का समाधान बौद्धिक भाषणों से नहीं, आदर्शवाद से नहीं, बहुमत के निर्णयों से नहीं, बल्कि प्रशा के नेतृत्व में रक्त और लौह की नीति से होगा। अपनी नीति अनुसार, उसने कार्य आरंभ किया। चांसलर के रूप में बिस्मार्क ने सबसे पहले प्रशा की आंतरिक स्थिति सुदृढ़ करने का प्रयास किया। आर्थिक और सैनिक सुधारों द्वारा प्रशा की स्थिति सुदृढ़ की गई। तत्पश्चात उसने युद्ध की नीति अपनाई। जर्मनी के एकीकरण के लिए उसने तीन युद्ध किए, जो इस प्रकार हैं : 1. डेनमार्क से युद्ध : शेल्सविग और हॉल्सटीन में जर्मन निवासी बड़ी संख्या में थे, परंतु डेनमार्क इनपर अपना प्रभाव बनाए रखना चाहता था। अतः , बिस्मार्क ने डेनमार्क से युद्ध का निर्णय लिया। सन् 1864 ई० में हुए युद्ध में डेनमार्क की पराजय हुई। शेल्सविग पर प्रशा ने अधिकार कर लिया। हॉल्सटीन पर ऑस्ट्रिया का प्रभाव स्वीकार किया गया। 2. सेडोवा का युद्ध : हॉल्सटीन के प्रश्न पर सन् 1866 ई० में ऑस्ट्रिया-प्रशा (सेडोवा का युद्ध) युद्ध हुआ। युद्ध में ऑस्ट्रिया की पराजय हुई। हॉल्सटीन पर प्रशा का अधिकार हो गया। प्राग की संधि के अनुसार, जर्मन महासंघ भंग कर 22 उत्तरी जर्मन राज्यों का उत्तरी जर्मन महासंघ प्रशा के नेतृत्व में बनाया गया। 3. सीडान का युद्ध : यह युद्ध फ्रांस के साथ सन् 1870 ई० में हुआ। इसमें फ्रांस का सम्राट नेपोलियन तृतीय पराजित हुआ। फ्रैंकफर्ट की संधि (1871) द्वारा जर्मनी के दक्षिणी राज्य उत्तरी जर्मन महासंघ में मिल गए। इस प्रकार, तीन युद्धों ने जर्मनी का एकीकरण (Unification of Germany) पूरा कर दिया। by AnjaliYadav

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[[chitr:India-China.jpg|thumb|300px| bharat-chin yuddh sima vivad bharat-chin ke is yuddh ke lie bharatiy sainikoan ki pareshaniyaan san shahid tatha giraphtar sainikoan ki sankhya is yuddh mean 1383 bharatiy sainik mare ge, jabaki 1047 ghayal hue the. itana hi nahian qarib 1700 sainik lapata ho ge aur 3968 sainikoan ko chin ne giraphtar kar liya. vahian doosari or chin ke kul 722 sainik mare ge aur 1697 ghayal hue the. is yuddh ki sabase b di bat yah bhi thi ki bharat ki parajay bharatiy sainikoan ne viratapoorvak chini sena ka samana kiya, kiantu rajanitik aur sainy netritv ki akshamata ke karan sainikoan ki bahaduri vyarth chali gee. us samay yuddh ke karan bharat-chin yuddh ke mukhy roop se do karan the- • pahala b da masala • is paristhiti mean ag mean ghi dalane jaisa kam • yuddh ka doosara karan neharoo ki alochana san 1962 ke bharat-chin yuddh ke bad bharatiy sena mean vyapak badalav aye aur isane bhavishy mean isi tarah ke sangharsh ke lie taiyar rahane ki zaroorat mahasoos ki. yuddh se bharatiy vayusena ka upayog n karana us samay upalabdh vikalpoan par gaur n karake, balki panne ki pragati avastha tika tippani aur sandarbh

जर्मनी का इतिहास और महत्वपूर्ण जानकारी

Germany / जर्मनी यूरोप महाद्वीप में स्थित एक देश है। जिसकी राजधानी बर्लिन है, जो देश का सबसे बड़ा शहर भी है। जर्मनी की उत्तरी सीमा पर उत्तरी समुद्र, डेनमार्क और बाल्टिक समुद्र, पूरब में पोलैंड और चेक गणराज्य, दक्षिण में आस्ट्रिया और स्विट्ज़रलैंड और पश्चिम में फ्रांस, लक्सेम्बर्ग, बेल्जियम और नीदरलैंड है। जर्मनी दुनिया का सबसे क्रूर तानशाह जर्मनी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी – Germany Information In Hindi प्राचीन रोमन डैन्यूब नदी के उत्तर में रहने वाले “बर्बर कबीलों” वाले देशों को गेर्मानिया (Germania) कहा करते थे, जिसके नाम पर अंग्रेज़ी शब्द ‘Germany’ पड़ा। ये कबीले ‘पुरानी जर्मन भाषा’ की बोलियाँ बोलते थे। धीरे-धीरे इनका ईसाईकरण हुआ और जर्मन देश ईसाई पवित्र रोमन साम्राज्य का केन्द्र बन गया। जर्मनी की उत्तर दिशा में उत्तर सागर और बाल्टिक है और दक्षिण में आल्पस लेक कांसटेंस और नदी दक्षिण-पश्चिम सीमा तक है। प्रमुख नदियाँ, दानुबे दि एल्बे, दि वासेर और दि मोसेल्ले हैं। जर्मनी, अधिकारिक रूप से जर्मन संघीय गणराज्य पश्चिमी यूरोप के केंद्र में स्थित संघीय संसदीय गणराज्य है। जिसमे 16 घटक राज्य का समावेश है, जो 3,57,021 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और यहाँ की जलवायु भी ज्यादातर शीतोष्ण ही रहती है। 82 मिलियन निवासियों के साथ जर्मनी यूरोपियन संघ के सदस्यों में सर्वाधिक जनसँख्या वाला देश है। यूनाइटेड स्टेट के बाद, दुनिया में यह दूसरा सबसे प्रसिद्ध आव्रजन गंतव्य है। देश के दुसरे मुख्य शहरो में हैम्बर्ग, म्युनिक, कोलोन, फ्रँकफर्ट और स्तुत्त्गर्ट शामिल हैं। जर्मनी एक अत्यंत कुशल श्रम शक्ति, एक बड़े शेयर पूंजी, भ्रष्टाचार का स्तर कम, और नवीनता के एक उच्च स्तर के साथ एक सामाजिक...