Emotional story in hindi

  1. Soldier Story In Hindi Emotional Heart Touching
  2. Train Short Story in Hindi
  3. Heart Touching Story In Hindi
  4. Very Emotional And Inspirational Story In Hindi
  5. Heart Touching Story In Hindi
  6. Very Emotional And Inspirational Story In Hindi
  7. Soldier Story In Hindi Emotional Heart Touching
  8. Sad Story
  9. Train Short Story in Hindi


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Soldier Story In Hindi Emotional Heart Touching

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम एक फौजी की कहानी ( Soldier Story In Hindi Heart Touching). Fauji Ki Kahani एक दिल को छू लेने वाली कहानी है, जिसमें मानवीय स्वभाव के उस पहलू को दर्शाया गया है, जो स्वार्थ से परिपूर्ण है. ये एक सैनिक की कहानी है, जो अपनी जान पर खेलकर देश के लिए लड़ता है. मगर उसके बाद उसे जीवन और अपने करीबियों की दिल में छुपी वास्तिवकता का पता चलता है, जो उसे झकझोर देती है. पढ़िये : Soldier Story In Hindi Heart Touching • Soldier Story In Hindi Heart Touching ये कहानी एक सैनिक की है, जो वियतनाम में युद्ध के लिए गया था. युद्ध समाप्त होने के बाद जब उसके घर लौटने की बारी आई, तो उसने अपने माता-पिता को सैन फ्रांसिस्को से फ़ोन किया, “माँ और पिताजी! मैं घर आ रहा हूँ. लेकिन घर आने से पहले मुझे आपसे एक बात पूछनी है. मेरा एक दोस्त है, जिसे मैं अपने साथ घर लाना चाहता हूँ. क्या मैं उसे ला सकता हूँ?” “बिल्कुल बेटा, ये भी कोई पूछने की बात है. हमें तुम्हारे दोस्त से मिलकर बहुत ख़ुशी होगी.” माता–पिता ने जवाब दिया. “लेकिन पहले एक बात आप लोग जान लें.” सैनिक बोलता गया, “युद्ध में वह बहुत बुरी तरह घायल हो गया है. उसने एक बारूदी सुरंग पर पैर रख दिया था और उसमें उसने अपना एक हाथ और पैर गँवा दिया है. उसके पास कोई जगह नहीं है, जहाँ वो जा सके, इसलिये मैं उसे अपने साथ रहने के लिए लाना चाहता हूँ.” उसकी यह बात सुनकर उसकी माँ बोली, “बेटा! तुम्हारे दोस्त के बारे में जानकर हमें बहुत दुःख हुआ. हो सकता है, हम उसके रहने के लिये कोई जगह तलाश कर सकें.” “नहीं माँ! मैं चाहता हूँ कि वो हमारे साथ रहे.” ये भी पढ़ें : पिता बेटी की दिल को छू लेने वाली छोटी कहानी “लेकिन बेटा!” अब पिता ने कहा, “तुम समझ नहीं रहे हो क...

Train Short Story in Hindi

साथियों नमस्कार, यह कहानी “ Train Short Story in Hindi | रेल-कहानी नौजवान की ” एक प्रयास है समाज की दकियानूसी सोच को चुनोती देने का! इस कहानी के माध्यम से हम आपको समाज के एक नए नज़रिए से रूबरू करवाने वाले हैं| Train Short Story in Hindi | रेल-कहानी नौजवान की खड़-खड़ करती राजधानी एक्सप्रेस जब पास से गुजरी तब उसका ध्यान टुटा। करीब आधा घंटा होने को आया था, उसकी गाड़ी को क्रासिंग (Crossing) पर पड़े हुए| हैडफ़ोन लगा कर लगभग २२ बरस का वो लड़का “राजेश” गाने सुनने में इतना मस्त था की उसे समय का कुछ पता ही नहीं चला। उसने झुक कर पास वाली खिड़की से देखा, रात के उस सन्नाटे में खड़-खड़ करती राजधानी एक्सप्रेस की आवाज़ और अँधेरे में चमकती ट्रेन (Train) की खिडकियों ने उस आम आदमी को इतना खास बना दिया की लगभग आधे घंटे से स्टेशन पर खड़ी उस लोकल गाड़ी का वो लोकल पेसेंजर, सोच के सागर में डूब कर खुद को राजधानी एक्सप्रेस के AC कोच में महसूस कर रहा था। खैर, जितनी तैजी से राजधानी एक्सप्रेस गुजरी उसी तेजी से वो राजेश भी वापस अपनी दुनिया में वापस आ गया, बाहर का सन्नाटा बढ़ रहा था और ट्रेन (Train) के उस लोकल डब्बे में शोर अपनी जगह बना रहा था! लोग अब व्यंगात्मक रूप से सरकार और रेलवे पर अपनी भावनाए व्यक्त कर रहे थे। लगता हे ड्राईवर(Driver) को नीदं आ गई है…(एक महाशय ने कहा ) नहीं-नहीं ये तो इंडिया (India) है… (दूसरे ने उनका समर्थन किया ) अरे इंडिया (India) तो पहले भी था, सरकार ही निक्कमी हे… (एक महिला ने बहस में हिस्सा लिया)…….. (बहस अब बढ़ गई थी, लोग अपने शिक्षित होने का प्रमाण देकर उस महिला पर अपना प्रभाव डालने की फ़िराक में थे) महाशय, जो खुद को अभी राजधानी एक्सप्रेस के AC कोच में महसूस कर रहे थे…हैडफ़ोन निकाल कर अब इ...

Heart Touching Story In Hindi

लड़के ने वो बोतल देखि और खेलने के इरादे से उस बोतल की ओर गया, बोतल के कलर ने उसे मोह लिया था इसलिए उसने उसमे की दवाई पूरी पी ली थी। उस दवाई की छोटे बच्चो को छोटी सी मात्रा भी जहरीली हो सकती थी। जब वह लड़का निचे गिरा, तब उसकी मम्मी उसे जल्द से जल्द दवाखाने ले गयी जहा उसकी मौत हो गयी। उसकी मम्मी पूरी तरह से हैरान हो गयी थी, वह भयभीत हो गयी थी, के कैसे वो अब अपने पति का सामना करेंगी? जब लड़के के परेशान पिता दवाखाने में आये तो उन्होंने अपने बेटे को मृत पाया और अपनी पत्नी और देखते हुए सिर्फ चार शब्द कहे। आपको क्या लगता है कोनसे होंगे वो चार शब्द? पति ने सिर्फ इतना ही कहा- “ I Love You Darling”. उसके पति का अनअपेक्षित व्यवहार आश्चर्यचकित करने वाला था। उसका लड़का मर चूका था। वो उसे कभी वापिस नहीं ला सकता था। और वो उसकी पत्नी में भी कोई कसूर नहीं ढूंड सकता था। इसके अलावा, आगे उसने खुद ने वह बोतल उठाके बाजू में रख दी होती तो आज उसके साथ यह सब न होता। वो किसी पर भी आरोप नहीं लगा सकता था। उसकी पत्नी ने भी उनका एकलौता बेटा खो दिया था। उस समय उसे सिर्फ अपने पति से सहानुभूति और दिलासा चाहिये थी। और यही उसके पति ने उस समय उसे दिया। कभी-कभी हम इसी में समय व्यर्थ कर देते है की परिस्थिती के लिए कोन जिम्मेदार है? या कोण आरोपी है? ये सब हमारे आपसी रिश्तो में होता है। जहा जॉब करते है वहा या जिन लोगो को हम जानते है उस सभी के साथ होता है, और परिस्थिती के आवेश में आकर हम अपने रिश्तो को भूल जाते है और एक दुसरे का सहारा बनने के बजाये एक दुसरे पर आरोप लगाते है। कुछ भी हो जाये, हम उस व्यक्ति को कभी भी नहीं भूल सकते जिसे हम प्रेम करते है, इसीलिए जीवन में जो आसान है उसे प्रेम करो। आपके पास अभी जो है उसे जम...

Very Emotional And Inspirational Story In Hindi

यह कहानी एक छोटे से शहर में रहने वाले राहुल की है जो एक मध्यम परिवार से था। राहुल के पिता ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे इसलिए वह शहर के एक छोटे से कपड़ा फैक्ट्री में काम किया करते थे। लेकिन उसके पिता बहुत इमानदार और मेहनती व्यक्ति थे। राहुल की मां हाउसवाइफ थी। उसके माता-पिता राहुल को पढ़ा लिखा कर काबिल बनाना चाहते थे ताकि वह अपने जीवन में कुछ कर पाए। वह उनके तरह जीवन जीने को मजबूर न हो। इसलिए उन्होंने राहुल का एडमिशन एक प्राइवेट स्कूल में कराया था ताकि वह वहां अच्छे से पढ़ाई कर सके। राहुल भी एक समझदार लड़का था। वह अपने माता-पिता के भावनाओं को समझता था। उनके मेहनत को देखता और समझता था इसलिए वह भी अच्छे से मन लगाकर पढ़ाई करता था। जैसे-जैसे राहुल ऊंची क्लास में जाते जाता है वैसे वैसे उसके क्लास fee, किताबें और उसका खर्चा बढ़ते जा रहा था, जिसको पूरा करने के लिए उसके पिता को बहुत मेहनत करना पड़ता था। वह अपनी फैक्ट्री में ओवरटाइम भी किया करते थे ताकि वह उसके पढ़ाई का खर्चा अच्छे से चला पाए। उसके पिता का मानना था कि कुछ भी हो बेटे को पढ़ाना है इसके लिए मैं और मेहनत करूंगा। वह अपने तरफ़ से पूरी कोशिश किया करते थे कि राहुल की पढ़ाई अच्छे से चलती रहे। धीरे-धीरे बीते समय के साथ राहुल ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पास कर लेता है। राहुल दसवीं में भी अच्छे अंको से पास हो जाता है और बारहवीं में भी उसे अच्छे अंक प्राप्त होते हैं। उसके माता-पिता उसकी मेहनत और लगन को देखकर काफी खुश थे। "राहुल का कॉलेज में एडमिशन हो जाता है। इसके बाद क्या होता है चलिए आगे की कहानी पढ़ते हैं।" अब राहुल को एहसास होने लगा था कि मैंने बहुत गलत लोगों के साथ दोस्ती कर लिया है। जब तक मेरे पास पैसे थे इनका साथ मिला। वह ...

Heart Touching Story In Hindi

लड़के ने वो बोतल देखि और खेलने के इरादे से उस बोतल की ओर गया, बोतल के कलर ने उसे मोह लिया था इसलिए उसने उसमे की दवाई पूरी पी ली थी। उस दवाई की छोटे बच्चो को छोटी सी मात्रा भी जहरीली हो सकती थी। जब वह लड़का निचे गिरा, तब उसकी मम्मी उसे जल्द से जल्द दवाखाने ले गयी जहा उसकी मौत हो गयी। उसकी मम्मी पूरी तरह से हैरान हो गयी थी, वह भयभीत हो गयी थी, के कैसे वो अब अपने पति का सामना करेंगी? जब लड़के के परेशान पिता दवाखाने में आये तो उन्होंने अपने बेटे को मृत पाया और अपनी पत्नी और देखते हुए सिर्फ चार शब्द कहे। आपको क्या लगता है कोनसे होंगे वो चार शब्द? पति ने सिर्फ इतना ही कहा- “ I Love You Darling”. उसके पति का अनअपेक्षित व्यवहार आश्चर्यचकित करने वाला था। उसका लड़का मर चूका था। वो उसे कभी वापिस नहीं ला सकता था। और वो उसकी पत्नी में भी कोई कसूर नहीं ढूंड सकता था। इसके अलावा, आगे उसने खुद ने वह बोतल उठाके बाजू में रख दी होती तो आज उसके साथ यह सब न होता। वो किसी पर भी आरोप नहीं लगा सकता था। उसकी पत्नी ने भी उनका एकलौता बेटा खो दिया था। उस समय उसे सिर्फ अपने पति से सहानुभूति और दिलासा चाहिये थी। और यही उसके पति ने उस समय उसे दिया। कभी-कभी हम इसी में समय व्यर्थ कर देते है की परिस्थिती के लिए कोन जिम्मेदार है? या कोण आरोपी है? ये सब हमारे आपसी रिश्तो में होता है। जहा जॉब करते है वहा या जिन लोगो को हम जानते है उस सभी के साथ होता है, और परिस्थिती के आवेश में आकर हम अपने रिश्तो को भूल जाते है और एक दुसरे का सहारा बनने के बजाये एक दुसरे पर आरोप लगाते है। कुछ भी हो जाये, हम उस व्यक्ति को कभी भी नहीं भूल सकते जिसे हम प्रेम करते है, इसीलिए जीवन में जो आसान है उसे प्रेम करो। आपके पास अभी जो है उसे जम...

Very Emotional And Inspirational Story In Hindi

यह कहानी एक छोटे से शहर में रहने वाले राहुल की है जो एक मध्यम परिवार से था। राहुल के पिता ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे इसलिए वह शहर के एक छोटे से कपड़ा फैक्ट्री में काम किया करते थे। लेकिन उसके पिता बहुत इमानदार और मेहनती व्यक्ति थे। राहुल की मां हाउसवाइफ थी। उसके माता-पिता राहुल को पढ़ा लिखा कर काबिल बनाना चाहते थे ताकि वह अपने जीवन में कुछ कर पाए। वह उनके तरह जीवन जीने को मजबूर न हो। इसलिए उन्होंने राहुल का एडमिशन एक प्राइवेट स्कूल में कराया था ताकि वह वहां अच्छे से पढ़ाई कर सके। राहुल भी एक समझदार लड़का था। वह अपने माता-पिता के भावनाओं को समझता था। उनके मेहनत को देखता और समझता था इसलिए वह भी अच्छे से मन लगाकर पढ़ाई करता था। जैसे-जैसे राहुल ऊंची क्लास में जाते जाता है वैसे वैसे उसके क्लास fee, किताबें और उसका खर्चा बढ़ते जा रहा था, जिसको पूरा करने के लिए उसके पिता को बहुत मेहनत करना पड़ता था। वह अपनी फैक्ट्री में ओवरटाइम भी किया करते थे ताकि वह उसके पढ़ाई का खर्चा अच्छे से चला पाए। उसके पिता का मानना था कि कुछ भी हो बेटे को पढ़ाना है इसके लिए मैं और मेहनत करूंगा। वह अपने तरफ़ से पूरी कोशिश किया करते थे कि राहुल की पढ़ाई अच्छे से चलती रहे। धीरे-धीरे बीते समय के साथ राहुल ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पास कर लेता है। राहुल दसवीं में भी अच्छे अंको से पास हो जाता है और बारहवीं में भी उसे अच्छे अंक प्राप्त होते हैं। उसके माता-पिता उसकी मेहनत और लगन को देखकर काफी खुश थे। "राहुल का कॉलेज में एडमिशन हो जाता है। इसके बाद क्या होता है चलिए आगे की कहानी पढ़ते हैं।" अब राहुल को एहसास होने लगा था कि मैंने बहुत गलत लोगों के साथ दोस्ती कर लिया है। जब तक मेरे पास पैसे थे इनका साथ मिला। वह ...

Soldier Story In Hindi Emotional Heart Touching

फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम एक फौजी की कहानी ( Soldier Story In Hindi Heart Touching). Fauji Ki Kahani एक दिल को छू लेने वाली कहानी है, जिसमें मानवीय स्वभाव के उस पहलू को दर्शाया गया है, जो स्वार्थ से परिपूर्ण है. ये एक सैनिक की कहानी है, जो अपनी जान पर खेलकर देश के लिए लड़ता है. मगर उसके बाद उसे जीवन और अपने करीबियों की दिल में छुपी वास्तिवकता का पता चलता है, जो उसे झकझोर देती है. पढ़िये : Soldier Story In Hindi Heart Touching • Soldier Story In Hindi Heart Touching ये कहानी एक सैनिक की है, जो वियतनाम में युद्ध के लिए गया था. युद्ध समाप्त होने के बाद जब उसके घर लौटने की बारी आई, तो उसने अपने माता-पिता को सैन फ्रांसिस्को से फ़ोन किया, “माँ और पिताजी! मैं घर आ रहा हूँ. लेकिन घर आने से पहले मुझे आपसे एक बात पूछनी है. मेरा एक दोस्त है, जिसे मैं अपने साथ घर लाना चाहता हूँ. क्या मैं उसे ला सकता हूँ?” “बिल्कुल बेटा, ये भी कोई पूछने की बात है. हमें तुम्हारे दोस्त से मिलकर बहुत ख़ुशी होगी.” माता–पिता ने जवाब दिया. “लेकिन पहले एक बात आप लोग जान लें.” सैनिक बोलता गया, “युद्ध में वह बहुत बुरी तरह घायल हो गया है. उसने एक बारूदी सुरंग पर पैर रख दिया था और उसमें उसने अपना एक हाथ और पैर गँवा दिया है. उसके पास कोई जगह नहीं है, जहाँ वो जा सके, इसलिये मैं उसे अपने साथ रहने के लिए लाना चाहता हूँ.” उसकी यह बात सुनकर उसकी माँ बोली, “बेटा! तुम्हारे दोस्त के बारे में जानकर हमें बहुत दुःख हुआ. हो सकता है, हम उसके रहने के लिये कोई जगह तलाश कर सकें.” “नहीं माँ! मैं चाहता हूँ कि वो हमारे साथ रहे.” ये भी पढ़ें : पिता बेटी की दिल को छू लेने वाली छोटी कहानी “लेकिन बेटा!” अब पिता ने कहा, “तुम समझ नहीं रहे हो क...

Sad Story

आपको पता चल ही गया होगा की यह कहानी है एक बूढ़े मजबूर पिता कि हैं. एक गांव में एक आदमी रहता था जो बहुत बूढ़ा हो चुका था. जिस वजह से उसे कम दिखाई देता था और बहुत कमजोर हो गया था. इसलिए अपनी बची कुची जिंदगी अपने बेटे के साथ बिता सके इसलिए शहर में रह रहे उसके बेटे के घर रहने चला गया. बेटा एक शहर के छोटे मकान में रहता था. मकान तो उसका छोटा था लेकिन उसके अंदर जो चीजे थी वह मेहगी थी. उस मकान में बेटा उसकी पत्नी और उनका एक 5 साल का बच्चा यह छोटा सा परिवार साथ मिलकर रहता था. बूढ़े पिता के आने से उनके परिवार का एक सदस्य और बढ़ गया. यह पूरा परिवार रोज सुबह, शाम डाइनिंग टेबल पर साथ में खाना खाया करता. बूढ़ा पिता अपनी कमजोरी के चलते हमेशा खाने की चीजें नीचे गिराता रहता और कई बार कांच के बर्तन भी टूट जाया करते थे. कुछ दिनों तक तो बहू और बेटे ने यह सब सहन किया लेकिन बाद में वे दोनों बूढ़े की ऐसी हरकतों से चिढ़ने लगे. 1 दिन बेटे ने कहा कि," ऐसा कब तक चलेगा हमें कुछ करना पड़ेगा." उसकी पत्नी भी इस बात से सहमत हुई.अगले दिन बेटा कहीं से एक पुराना मेज लेकर आया और घर के एक कोने में उसे लगा दिया और अपने पिताजी से कहा कि," आप यहीं पर बैठ कर खाना खा लिया कीजिएगा!" उन्होंने एक लकड़ी का बर्तन भी बनवाया जिसमें वे अपने बूढ़े बाप को खाना देने लगे. अपने कांच के कीमती बर्तन बचाने के लिए अपने पूरे बाप को लकड़ी का बर्तन देने में उन्हें जरा भी शर्म नहीं आई! अब खाने का समय जब जब होता तो बूढ़ा बाप एक कोने में बैठ कर खाता और बाकी का परिवार डाइनिंग टेबल पर खाना खाया करता.डाइनिंग टेबल पर बैठे-बैठे दोनों पति-पत्नी कभी-कभी अपने बूढ़े बात की तरफ देख लिया करते, बूढ़े बाप की आंखों में उन्हें आंसू भी नजर आते मगर अनपर...

Train Short Story in Hindi

साथियों नमस्कार, यह कहानी “ Train Short Story in Hindi | रेल-कहानी नौजवान की ” एक प्रयास है समाज की दकियानूसी सोच को चुनोती देने का! इस कहानी के माध्यम से हम आपको समाज के एक नए नज़रिए से रूबरू करवाने वाले हैं| Train Short Story in Hindi | रेल-कहानी नौजवान की खड़-खड़ करती राजधानी एक्सप्रेस जब पास से गुजरी तब उसका ध्यान टुटा। करीब आधा घंटा होने को आया था, उसकी गाड़ी को क्रासिंग (Crossing) पर पड़े हुए| हैडफ़ोन लगा कर लगभग २२ बरस का वो लड़का “राजेश” गाने सुनने में इतना मस्त था की उसे समय का कुछ पता ही नहीं चला। उसने झुक कर पास वाली खिड़की से देखा, रात के उस सन्नाटे में खड़-खड़ करती राजधानी एक्सप्रेस की आवाज़ और अँधेरे में चमकती ट्रेन (Train) की खिडकियों ने उस आम आदमी को इतना खास बना दिया की लगभग आधे घंटे से स्टेशन पर खड़ी उस लोकल गाड़ी का वो लोकल पेसेंजर, सोच के सागर में डूब कर खुद को राजधानी एक्सप्रेस के AC कोच में महसूस कर रहा था। खैर, जितनी तैजी से राजधानी एक्सप्रेस गुजरी उसी तेजी से वो राजेश भी वापस अपनी दुनिया में वापस आ गया, बाहर का सन्नाटा बढ़ रहा था और ट्रेन (Train) के उस लोकल डब्बे में शोर अपनी जगह बना रहा था! लोग अब व्यंगात्मक रूप से सरकार और रेलवे पर अपनी भावनाए व्यक्त कर रहे थे। लगता हे ड्राईवर(Driver) को नीदं आ गई है…(एक महाशय ने कहा ) नहीं-नहीं ये तो इंडिया (India) है… (दूसरे ने उनका समर्थन किया ) अरे इंडिया (India) तो पहले भी था, सरकार ही निक्कमी हे… (एक महिला ने बहस में हिस्सा लिया)…….. (बहस अब बढ़ गई थी, लोग अपने शिक्षित होने का प्रमाण देकर उस महिला पर अपना प्रभाव डालने की फ़िराक में थे) महाशय, जो खुद को अभी राजधानी एक्सप्रेस के AC कोच में महसूस कर रहे थे…हैडफ़ोन निकाल कर अब इ...