दीनदयाल पतन कौन से राज्य में स्थित है

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नागार्जुन सागर परियोजना

भारत में नागार्जुन सागर बांध की स्थिति स्थान निर्देशांक 16°34′32″N 79°18′42″E / 16.57556°N 79.31167°E / 16.57556; 79.31167 16°34′32″N 79°18′42″E / 16.57556°N 79.31167°E / 16.57556; 79.31167 उद्देश्य निर्माणआरम्भ दिसम्बर 10, 1955 ( 1955-12-10) आरम्भतिथि 1967 निर्माणलागत 132.32 crore rupees बाँध एवं उत्प्लव मार्ग घेराव ~ऊँचाई 124 मीटर (407फीट) from river level लम्बाई 1,550 मीटर (5,085फीट) जलाशय बनाता है Nagarjuna Sagar Reservoir कुलक्षमता 11.56कि॰मी 3 (9 × 10 ^ 6acre⋅ft) (405 सक्रियक्षमता 5.44 × 10 ^ 9मी 3 (4,410,280acre⋅ft) जलग्रह क्षेत्र 215,000 वर्ग किलोमीटर (2.31 ×10 12वर्ग फुट) सतहक्षेत्रफ़ल 285कि॰मी 2 (3.07 ×10 9वर्ग फुट) पावर स्टेशन संचालक प्रचालनतिथि 1978–1985 टर्बाइन्स 1 x 110 MW स्थापितक्षमता 816मेगा॰वाट (1,094,000अश्वशक्ति) नागार्जुन सागर बाँध परियोजना उन्होने उस समय यह कहा था। "When I lay the foundation stone here of this Nagarjunasagar, to me it is a sacred ceremony". This is the foundation of the temple of humanity of India, i.e. symbol of the new temples that we are building all over India". नागार्जुन बाँध हैदराबाद से 150 किमी दूर, नदी [ ] उद्देश्य [ ] मुख्यत नागार्जुन बाँध बनाते समय हुई खुदाई में बाहरीकड़ियाँ [ ] •

पूर्वांचल

पूर्वांचल उत्तर-मध्य पूर्वांचल के मुख्यतः तीन भाग हैं- पश्चिम में पूर्वी अवधी क्षेत्र, पूर्व में पश्चिमी-भोजपुरी क्षेत्र और उत्तर में नेपाल क्षेत्र। यह भारतीय-गंगा मैदान पर स्थित है और पश्चिमी बिहार के साथ यह दुनिया में सबसे अधिक घनी आबादी वाला क्षेत्र है। उत्तर प्रदेश के आसपास के जिलों की तुलना में मिट्टी की समृद्ध गुणवत्ता और उच्च केंचुआ घनत्व के कारण कृषि के लिए अनुकूल है। 1991 में उत्तर प्रदेश की सरकार ने पूर्वांचल विकास निधि की स्थापना की जिसका उद्देश्य था क्षेत्रीय विकास परियोजनाओं के लिये धन इकट्ठा करना जिससे भविष्य में संतुलित विकास के जरिए स्थानीय जरूरतों को पूरा करते हुए क्षेत्रीय असमानताओं का निवारण हो सके। लेकिन आजादी के 70 सालों बाद तक भी नहीं हो सका। सिर्फ पूर्वांचल के पिछड़ेपन के नाम पर वोटों की सियासत की जा रही है। अनुक्रम • 1 परिचय • 2 पूर्वांचल के जिले • 2.1 वाराणसी • 2.2 जौनपुर • 2.3 भदोही • 2.4 मिर्ज़ापुर • 2.4.1 प्रमुख आकर्षण • 2.5 गाज़ीपुर • 2.6 गोरखपुर • 2.7 कुशीनगर • 2.8 देवरिया • 2.9 आज़मगढ़ • 2.10 मऊ • 2.11 महाराजगंज • 2.12 बस्ती • 2.13 संत कबीर नगर • 2.14 सिद्धार्थ नगर • 2.15 बलिया • 2.16 सोनभद्र • 3 शिक्षा • 3.1 पूर्वांचल के प्रमुख विश्वविद्यालय • 4 महत्वपूर्ण सड़क, रेल और हवाई अड्डे • 4.1 प्रमुख सड़कें • 4.2 रेलवे • 5 सन्दर्भ परिचय [ ] पूर्वांचल उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक है। इसकी वजह जाति आधारित राजनीति तथा एक विशाल जनसंख्या है। पूर्वांचल के प्रमुख मुद्दों मे बुनियादी सुविधाओं की कमी, उचित ग्रामीण शिक्षा और रोजगार का अभाव, कानून व्यवस्था को चिह्नित किया गया है। पूर्वांचल सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है। 1857 के प्रथम स...

चोल साम्राज्य

विषय सूची • 1 चोल साम्राज्य की स्थापना • 2 चोल साम्राज्य का उत्थान • 3 राजराज का काल • 4 राजेंद्र प्रथम का काल • 5 चोल प्रशासन • 5.1 प्रशासकीय इकाइयाँ • 5.2 सभा या ग्राम सभा • 5.3 आय का स्रोत • 5.4 सैन्य संगठन • 5.5 न्याय व्यवस्था • 6 चोलकालीन समाज • 6.1 धार्मिक स्थिति • 6.2 साहित्य • 6.3 सांस्कृतिक जीवन • 7 मन्दिर स्थापत्य कला • 8 चोल साम्राज्य का पतन • 9 टीका टिप्पणी और संदर्भ • 10 संबंधित लेख चोल साम्राज्य की स्थापना चोल साम्राज्य की स्थापना चोल साम्राज्य का उत्थान छठी शताब्दी के मध्य के बाद दक्षिण राजराज का काल चोल वंश के सबसे शक्तिशाली राजेंद्र प्रथम का काल राजराज तथा शैलेन्द्र प्रथम ने विभिन्न जगहों पर चोल शासकों ने अपने कई दूत चोल बारहवीं शताब्दी तक समृद्धशाली बने रहे, लेकिन तेरहवीं शताब्दी के आरम्भ में उनका पतन शुरू हो गया। बारहवीं शताब्दी तक चोल प्रशासन चोल शासक क्र.सं. शासक शासन काल 1. - 2. - 3. 850-875 ई. 4. 875-907 ई. 5. 907-953 ई. 6. 953 से 956 ई. 7. 956 से 973 ई. 8. 973-985 ई. 9. 985-1014 ई. 10. 1014-1044 ई. 11. 1044-1052 ई. 12. 1052-1064 ई. 13. 1064-1070 ई. 14. 1070 ई. 15. 1070-1120 ई. 16. 1120-1133 ई. 17. 1133-1150 ई. 18. 1150-1163 ई. 19. 1163-1178 ई. 20. 1178-1218 ई. 21. 1216-1256 ई. 22. 1246-1279 ई. चोल प्रशासन में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पद राजा का होता था। चोल कालीन शासन व्यवस्था राजतंत्रात्मक थी। राजा का पद वंशानुगत व्यवस्था पर आधारित था। राजा के लिए एक मंत्रिपरिषद की व्यवथा थी। राजकीय आदेशों का क्रियान्वयन 'ओलै' नाम के अतिविशिष्ट अधिकारी किया करते थे। राजा के प्रधान सचित को 'औलनायमकम' कहा जाता था। चोल प्रशासन में भाग लेने वाले उच्च पदाधिकारियों को 'पेरु...

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''द कश्मीर फाइल्स'' फिल्म को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों के साथ देखा, कहा सच सबको देखना चाहिए कश्मीरी पंडितों पर फिल्मायी गई हिंदी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री करने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सपत्नीक देखा। उनके साथ मंत्रिमंडल के कई अन्य सदस्यों और भाजपा... Wed, 16 Mar 2022 09:34 PM मध्य प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र: करीब 72 घंटे कार्यवाही की जगह 44 घंटे में सिमटी, फिर भी 22 घंटे ही चली मध्य प्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही एकबार फिर हंगामे और सत्ता पक्ष-विपक्ष की कथित आपसी सहमति से एक तिहाई अवधि में ही कामकाज को पूरा करना पड़ा।बजट सत्र अधिसूचना के मुताबिक 71 घंटे 50 मिनिट की... Wed, 16 Mar 2022 08:43 PM मध्य प्रदेश में कांग्रेस अपने विधायक को नोटिस पर एकजुट, विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की चेतावनी बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण का ट्वीट कर बहिष्कार करने वाले कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को विधानसभा द्वारा दिए गए नोटिस पर पार्टी के विधायक एकजुट हो गए हैं। विधायकों ने कहा कि किस नियम के तहत... Wed, 16 Mar 2022 07:42 PM मध्य प्रदेश में कांग्रेस डरी सहमी, सरकार के संग, विधानसभा कार्यवाही स्थगित कराने में भूमिका पर सवाल मध्य प्रदेश में विधानसभा का बजट बिना चर्चा के ही पारित कराकर कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने पर कांग्रेस की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन... Wed, 16 Mar 2022 06:18 PM MP विधानसभा में अभिभाषण बहिष्कार पर विधायक जीतू पटवारी को नोटिस पर कांग्रेस का हंगामा, बजट पारित कर कार्यवाही स्थगित मध्य प्रदेश विधानसभा में एकबार फिर एक और सत्र हंगामे की भेंट च...