चीन और भारत की लड़ाई 2022

  1. चीन, पाकिस्तान से साइबर लड़ाई की चुनौती, भारतीय सेना तैयार कर रही नई यूनिट्स
  2. अगर चीन ताइवान पर आक्रमण करता है, तो QUAD क्या करेगा? क्या भारत होगा लड़ाई में शामिल?
  3. Opinion: वर्ष के मध्य में वैश्विक परिदृश्य
  4. चीन ने भारत को लड़ाई के लिए जिम्मेदार ठहराया, तिब्बत कब्जाने वाला देश बोला


Download: चीन और भारत की लड़ाई 2022
Size: 57.76 MB

चीन, पाकिस्तान से साइबर लड़ाई की चुनौती, भारतीय सेना तैयार कर रही नई यूनिट्स

नई दिल्ली : विरोधी चीन और पाकिस्तान की ऑनलाइन तरीके से भारत को टारगेट करने की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारतीय सेना ने इन खतरों और चुनौतियों के मुकाबले के लिए साइबर लड़ाई इनीशिएटिव्स के तहत नई स्पेशलिस्ट यूनिट्स खड़ी कर रही है. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की अध्यक्षता में इस महीने के तीसरे सप्ताह में आयोजित सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान यह निर्णय लिया गया. सरकार के सूत्रों ने बताया कि, ‘इस खास डोमेन में संचार नेटवर्क की सुरक्षा और तैयारियों के स्तर को बढ़ाने के लिए भारतीय सेना में कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स (CCOSW) को खड़ा किया जा रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘साइबरस्पेस, ग्रे जोन युद्ध के साथ-साथ पारंपरिक ऑपरेशनों दोनों में सैन्य डोमेन के एक महत्वपूर्ण घटक के तौर पर उभरा है.’ इस तरह की स्पेशलिस्ट यूनिट्स के महत्व और जरूरत को रेखांकित करते हुए सूत्र ने कहा कि हमारे विरोधियों द्वारा साइबर लड़ाई की क्षमताओं के विस्तार ने साइबर डोमेन को पहले से कहीं अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया है. अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. अभी सब्सक्राइब करें उन्होंने कहा, ‘भारतीय सेना आज तेजी से नेट सेंट्रिसिटी की ओर बढ़ रही है, जो सभी स्तरों पर आधुनिक संचार प्रणालियों पर बढ़ती निर्भरता को अहमियत देता है.’ इन नई यूनिट्स की भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा, ‘ये संगठन मैनडेटेड साइबर सिक्योरिटी कामों को करने के लिए भारतीय सेना की साइबर सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेंगे.’ पिछले कुछ सालों...

अगर चीन ताइवान पर आक्रमण करता है, तो QUAD क्या करेगा? क्या भारत होगा लड़ाई में शामिल?

नई दिल्ली, अगस्त 03: यूएस हाउस ऑफ रिप्रजेंटिव की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ताइवान के दौरे पर हैं और उनके दौरे से बौखलाए चीन ने साफ कर दिया है, कि अब वो ताइवान को चीन में मिलाने की एकीकरण प्रक्रिया को काफी तेज करेगा। यानि, अगर फिलहाल युद्ध ना भी हो, तो भी आने वाले निकट भविष्य में ताइवान पर चीन का हमला निश्चित है, लिहाजा सवाल ये उठता है, कि इंडो-पैसिफिक में जिस चीन को रोकने के लिए क्वाड का निर्माण हुआ था, वो ताइवान पर चीनी हमले की सूरत में क्या करेगा? और चूंकी भारत क्वाड का एक अहम हिस्सा है, लिहाजा सवाल ये भी हैं, कि क्या भारत इस लड़ाई में शामिल होगा? क्या ताइवान का साथ देगा QUAD? नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के साथ ही ये तय हो गया है, कि इंडो-पैसिफिक, जिसमें खुद भारत है और भारत के कमजोर पड़ोसी हैं, वहां चीन काफी आक्रामक तरीके से आगे बढ़ेगा और आने वाले वक्त में इंडो-पैसिफिक को लेकर जियो-पॉलिटिक्स तेजी से बदलेगी। क्वाड के चार सदस्य देश, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका... इन चारों देशों के ताइवान के साथ अच्छे संबंध हैं और ये चारों देश लोकतांत्रिक हैं ताइवान भी एक लोकतांत्रिक देश है, लिहाजा, ताइवान और क्वाड, दोनों के पास एक-दूसरे के साथ संबंध बढ़ाने के कारण हैं, क्योंकि चीन क्षेत्रीय आधिपत्य का पीछा कर रहा है और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए दीर्घकालिक चुनौती पेश कर सकता है। क्वाड के पास नहीं हैं कोई और विकल्प? एक्सपर्ट्स का मानना है, कि अगर ताइवान को बचाने में ये देश नाकाम रहते हैं, तो फिर इंडो-पैसिफिक में चीन की शक्ति इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी और वो इतना ज्यादा आक्रामक हो जाएगी, कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके वर्चस्व को चुनौती देना करीब करीब असंभव हो जाएगा। लेकिन...

Opinion: वर्ष के मध्य में वैश्विक परिदृश्य

June 15, 2023सुप्रीम कोर्ट का आदेश, प्रतिस्पर्धा कानून में आएगी Coal India June 15, 2023बैंकिंग साख: बरकरार रहेगा बैंकों का बेहतरीन प्रदर्शन? June 15, 2023Opinion: चुनावों की तैयारी में सरकार June 15, 2023Editorial: रोजगार और दासता के दरमियान June 15, 2023Nifty-50 की आय वृद्धि 20 प्रतिशत रहने का अनुमान, एशिया के कई प्रतिस्पर्धियों से ज्यादा June 15, 2023JP Morgan ने देसी आईटी सेक्टर की रेटिंग घटाकर की ‘अंडरवेट’ June 15, 2023व्यापक बाजारों में अच्छी तेजी, नई ऊंचाई पर पंहुचा भारत का Mcap June 15, 2023ZEEL Vs SEBI: ज़ी के प्रोमोटर्स को सैट से नहीं मिली तात्कालिक राहत, अगली सुनवाई 19 जून को June 15, 2023सेना को मजबूत करने के लिए सरकार ने साइन किया 500 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट June 15, 2023पिछले साल के मुकाबले इस साल कोयले की कोई कमी नहीं, 44% बढ़ा स्टॉक • होम • बजट 2023 • अर्थव्यवस्था • बाजार • शेयर बाजार • म्युचुअल फंड • आईपीओ • समाचार • कंपनियां • स्टार्ट-अप • रियल एस्टेट • टेलीकॉम • तेल-गैस • एफएमसीजी • उद्योग • समाचार • पॉलिटिक्स • लेख • संपादकीय • आपका पैसा • भारत • उत्तर प्रदेश • महाराष्ट्र • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ • बिहार व झारखण्ड • राजस्थान • अन्य • मल्टीमीडिया • वीडियो • टेक-ऑटो • विविध • मनोरंजन • ट्रैवल-टूरिज्म • शिक्षा • स्वास्थ्य • अन्य • विशेष • आज का अखबार • ताजा खबरें • अंतरराष्ट्रीय • वित्त-बीमा • फिनटेक • बीमा • बैंक • बॉन्ड • समाचार • कमोडिटी • खेल • BS E-Paper तेजी से बदलती परिस्थितियों के बीच दुनिया में आर्थिक एवं सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। बता रहे हैं शंकर आचार्य दिसंबर में इस समाचार पत्र में मैंने अपने स्तंभ में अनुमान जताया था क...

चीन ने भारत को लड़ाई के लिए जिम्मेदार ठहराया, तिब्बत कब्जाने वाला देश बोला

गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ बर्बरता करने वाला चीन अब भारत पर ही इस झड़प का आरोप लगा रहा है। एक पूरे देश तिब्बत को कब्जा चुके चीन ने जून 2020 में हुई गलवान झड़प के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने शुक्रवार को कहा कि चीन और भारत के बीच शांति बनाए रखने के लिए कई संधियां की गई हैं। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि पिछले साल गलवान घाटी में हुई घटना भारत की वजह से हुई, क्योंकि उसने समझौतों का उल्लंघन करते हुए चीन की जमीन पर अतिक्रमण किया और अवैध रूप से LAC को पार किया। हम उम्मीद करते हैं कि भारत आगे से सभी समझौतों का पालन करेगा। भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे। चीन ने अपने 4 सैनिकों के मारे जाने की बात कबूल की थी। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि मरने वाले चीनी सैनिकों की असल संख्या कहीं ज्यादा थी। 1975 के बाद LAC पर टकराव में सैनिकों के मारे जाने की यह पहली घटना थी। 15 जून 2020 को भिड़े थे सैनिक गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिक बॉर्डर में ग्राउंड पर तैनात थे। चीन की सेना भारत की तरफ मौजूद थी। भारतीय सेना ने उनसे वापस जाने को कहा। चीनी सैनिक मान तो गए पर विवाद शुरू हुआ उनकी हरकत से। चीन ने दो टेंट लगाए, जो कि ऑब्जर्वेशन पोस्ट की तरह थीं। तर्क दिया कि अगर हम वापस चले गए तो आपकी गतिविधियों पर नजर नहीं रख पाएंगे। भारतीय सेना ने इसी का विरोध किया और झड़प शुरू हो गई। चीनी हथियार से लैस थे और भारतीय सेना पुरानी प्रैक्टिस के तहत वहां पहुंची थी। इस झड़प के बाद 30 जून के आसपास दोनों पक्षों में बात हुई और चीन वहां से एक किलोमीटर पीछे हट गया। भारत अपनी पोस्ट पर वापस आ गया था। पैंगॉन्ग म...