भारत में सबसे ज्यादा गर्मी कहां होती है

  1. बिपरजॉय का रूट क्या है, नाम कैसे पड़ा; 10 जरूरी जवाब
  2. देश की वो जगह, जहां होती है दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश लेकिन होती है ये दिक्कत
  3. Severe Heat Then Severe Cold How The Weather Trend Changed In India In The Last 50 Years Abpp
  4. भारत का सबसे गर्म स्थान कौन सा है – hottest place in india


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बिपरजॉय का रूट क्या है, नाम कैसे पड़ा; 10 जरूरी जवाब

ये किन इलाकों में तबाही लाएगा, कितने दिनों तक रहेगा, कैसे इसका नाम पड़ा और ये चक्रवात बनते कैसे हैं; भास्कर एक्सप्लेनर में ऐसे ही 10 जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे... 1. चक्रवात बिपरजॉय कहां से उठा, रूट क्या है और ये भारत के किन इलाकों से कब टकराएगा? चक्रवात बिपरजॉय 6 जून 2023 को अरब सागर में उठा था। शुरुआती 6 दिनों तक ये कराची की तरफ बढ़ रहा था, लेकिन अब रास्ता बदलकर गुजरात की तरफ बढ़ रहा है। फिलहाल इसके बढ़ने की रफ्तार 8 किमी/घंटा है। 12 जून की दोपहर 12 बजे तक ये गुजरात के पोरबंदर से 320 किमी दूर था। मौसम विभाग का अनुमान है कि 14-15 जून को बिपरजॉय के गुजरात के तटीय इलाकों से टकराने की आशंका है। इस दौरान 150 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। 16 जून को ये चक्रवात धीमा पड़कर बेअसर हो जाएगा। 6 जून को उठे इस चक्रवात का असर 10 दिनों तक रह सकता है। यह हाल के दिनों में अब तक का सबसे लंबे समय तक रहने वाला तूफान है। समुद्र के ऊपर एक चक्रवाती तूफान जितने अधिक समय तक रहता है, उतनी ही ज्यादा ऊर्जा और नमी जमा होने की संभावना होती है। जिससे तूफान के और अधिक खतरनाक होने और जमीन से टकराने के बाद नुकसान पहुंचाने की संभावना बढ़ जाती है। 2. चक्रवात बिपरजॉय के रास्ते में पड़ने वाले इलाकों में कितनी तबाही मच सकती है? 14-15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़ और राजकोट समेत गुजरात के कई जिले चक्रवात की चपेट में आएंगे। यहां 14 और 15 जून को हैवी रेनफॉल हो सकता है। 16 जून को ये चक्रवात नॉर्थ गुजरात से सटे राजस्थान के इलाकों की तरफ बढ़ेगा। यहां भी वेरी हैवी रेनफॉल होने की संभावना है। बिपरजॉय से प्रभावित इलाकों में 15 जून तक 95 ट्रेनें कैंसिल रहेंगी। गुजरात में सौराष...

देश की वो जगह, जहां होती है दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश लेकिन होती है ये दिक्कत

दुनिया में सबसे ज्यादा नमी वाले जगह के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में मेघालय के मासिनराम का नाम दर्ज है. यहां बंगाल की खाड़ी की वजह से काफी नमी है. साथ ही यहां औसतन सालाना बारिश 11,871 मिलीमीटर होती है. ये बारिश इतनी है कि रियो डि जेनेरियो स्थित क्राइस्ट की 30 मीटर ऊंचे स्टेच्यू के घुटनों तक पानी आ जाएगा. चेरापूंजी की जगह अब उसी से लगभग 15 किलोमीटर दूर बसा मासिनराम ले चुका है. गिनीज बुक में दर्ज है कि साल 1985 में मासिनराम में 26,000 मिलीमीटर बारिश हुई थी जो अपने आप में एक रिकॉर्ड रहा. कहां है चेरापूंजी की जगह चेरापूंजी, जिसे स्थानीय लोग सोहरा के नाम से भी पुकारते हैं, वहां मासिनराम की तुलना में 100 मिलीमीटर कम बारिश होती है. इस तरह यह दुनिया का दूसरा सबसे अधिक बारिश वाला गांव है. दरअसल अगर हम इतिहास में जाकर सबसे अधिक हुई बारिश की बात करें तो उसमें अभी भी चेरापूंजी पहले नंबर पर है. साल 2014 के अगस्त महीने में चेरापूंजी में 26,470 मिलीमीटर की बारिश हुई थी जो मासिनराम से अधिक था. लेकिन अगर हम साल भर का औसत निकालें तो बहुत कम अंतर से ही सही लेकिन मासिनराम दुनिया का सबसे अधिक बारिश वाला स्थान माना जा सकता है. टक्कर देने वाली कई दूसरी जगहें भी हैं मेघालय के मासिनराम और चेरापूंजी के अलावा कोलंबिया के दो ऐसे गांव हैं जो सबसे अधिक बारिश के मामले में इन्हें टक्कर देते हैं. उत्तर पश्चिमी कोलंबिया के शहर लाइओरो और लोपेज डे मिसी ये दो शहर हैं जहां साल भर बारिश होती है. साल 1952 और 1954 के बीच में यहां सालाना 13,473 मिलीमीटर बारिश हुई थी जो मासिनराम की औसत बारिश से अधिक है. लेकिन मौसमविदों का मनाना है कि उस समय बारिश को मापने के जो पैमाने प्रयोग किए जाते थे उनको अब नकार दिया...

Severe Heat Then Severe Cold How The Weather Trend Changed In India In The Last 50 Years Abpp

उत्तर भारत इस वक्त कड़ाके की ठंड झेल रहा है. राजधानी दिल्ली में तो सर्दी ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. मौसम विभाग की मानें तो अभी सर्दी का सितम जारी रहेगा. पिछले कुछ सालों में भारत ने मौसम के अलग अलग अंदाज को देखा है. कभी भयंकर गर्मी, तो कभी लगातार बारिश और अब एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ ठंड ने मौसम के बदलते ट्रेंड का संकेत दिया है. साल 2022 के मौसम को देखें तो पाएंगे की इस एक साल कई बदलाव हुए हैं. साल के पहले महीने से लेकर दिसंबर तक मौसम का अंदाज पूरी तरह अलग रहा. मानसून और गर्मी के आगमन में भी बदलाव देखा गया. बीते साल मौसम में बदलाव जाड़े के समय भी कायम रहा. कई मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 50 सालों में मौसम का ट्रेंड बदल गया है. क्या है मौसम बदलने का कारण अध्ययनों के अनुसार पिछले भूगर्भीय रिकॉर्ड की तुलना में अब मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है. मौसम में ये बदलाव जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे हैं. वर्तमान जलवायु परिवर्तन का असर ग्लोबल वार्मिंग और मौसम के पैटर्न दोनों पर पड़ रहा है. आसान भाषा में समझे तो जलवायु परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग और मानसून में अस्थिरता को बढ़ा रही है, जिसके चलते गर्मी के मौसम की अवधि बढ़ रही है और बारिश की अवधि कम हो रही है. साल 2022 में साल 1902 के बाद से दूसरी सबसे बड़ी चरम घटनाएं देखी गई हैं. बाढ़ और सूखे जैसी खतरनाक घटनाएं बढ़ गई है. जलवायु परिवर्तन क्या है? जलवायु एक लंबे समय में या कुछ सालों में किसी स्थान का औसत मौसम है और जलवायु परिवर्तन उन्हीं परिस्थितियों में हुए बदलाव के कारण होता है. पिछले 50 सालों में मौसम के ट्रेंड में हुए बदलाव का एक कारण जलवायु परिवर्तन जिसके सबसे बड़े...

भारत का सबसे गर्म स्थान कौन सा है – hottest place in india

hottest place in india – भारत एक गर्म देश है. इसका कारण यह भी कहा जा सकता है कि भारत के बिल्कुल मध्य से कर्क रेखा गुजरती है. और भारत भूमध्य रेखा से बहुत ज्यादा दूर भी नहीं. भारत भूमध्य रेखा से मात्र 8 डिग्री दूर है. भारत पृथ्वी के जिस भाग पर मौजूद है. उस भाग पर सूर्य की रोशनी काफी अच्छी खासी पड़ती है. भारत में ऊंची नीची पठारी पथरीली भूमि भी मौजूद है. जो सूर्य की रोशनी में तपने की वजह से आसपास के वातावरण को और भी ज्यादा गर्म बनाती है. जो शायद हम भारतवासियों को सबसे ज्यादा परेशान करती है. लेकिन भारत में सबसे गर्म जगह कौन सा हैं (hottest place in india) ? सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि जिसे आप गर्मी कहते हैं. उसका मतलब क्या है ? आखिर यह गर्मी का कारण क्या है ? और दरअसल गर्मी कहते किसे हैं ? इसके लिए हमें इसे विज्ञान के रूप से समझना जरूरी है. और यह उष्मा ही है, जो हमें ठंडा या गर्म महसूस करवाती है. धरती के जिस जगह पर सूर्य की किरणें ज्यादा पड़ती है. उस जगह की वायु में ऊष्मा की मात्रा ज्यादा होती है. और धरती के जिस जगह पर सूर्य की किरणें कम पड़ती हैं, उस जगह के वायु में ऊष्मा की मात्रा कम होती है और वहां ठंड सा लगता है. उत्तर में ठण्ड मध्य और दक्षिण में ज्यादा गर्मी अब देखिए आप जैसे जैसे भूमध्य रेखा के पास जाते जाएंगे. वहां पर सूर्य की रोशनी ज्यादा पड़ने की वजह से, वहां का तापमान ज्यादा रहेगा. और जैसे-जैसे आप भूमध्य रेखा से दूर ध्रुवों की तरफ जाते जाएंगे, वहां पर सूर्य की रोशनी कम पड़ने की वजह से, तापमान कम रहेगा. और वहां ठंड ज्यादा रहेगी. अब भारत में भी ठीक ऐसा ही है. भारत में आप जितना उत्तर की तरफ जाएंगे, जम्मू कश्मीर पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड वहां पर तापमान में उतना ज्या...