भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को क्यों लागू हुआ

  1. गणतंत्र दिवस 2023: 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? (इतिहास और मुख्य अतिथि)
  2. गणतन्त्र दिवस (भारत)
  3. Aaj Ka Itihas: Why was the constitution adopted on 26 January 1950?
  4. डॉ. आंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता क्यों कहा जाता है?
  5. Republic Day Speech In Hindi 2023 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर बच्चों के लिए सबसे बेस्ट भाषण हिंदी में
  6. भारतीय संसद
  7. गणतन्त्र दिवस (भारत)
  8. Republic Day Speech In Hindi 2023 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर बच्चों के लिए सबसे बेस्ट भाषण हिंदी में
  9. डॉ. आंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता क्यों कहा जाता है?
  10. गणतंत्र दिवस 2023: 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? (इतिहास और मुख्य अतिथि)


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गणतंत्र दिवस 2023: 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? (इतिहास और मुख्य अतिथि)

Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है? मुख्य अतिथि और इतिहास इंडियन रिपब्लिक डे 2023: 26 जनवरी की तारीख को भारतीय इतिहास में इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी दिन सन् 1950 में भारत का संविधान (Constitution) अस्तित्व में आया और भारत को एक गणतांत्रिक देश घोषित किया गया। इस साल 2023 में हम गणतंत्र दिवस की 74वीं वर्षगांठ मना रहे है। गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है, और इस दिन सरकारी अवकाश होता है। इस मौके पर इंडिया गेट के समीप कर्तव्य पथ पर ध्वजारोहण किए जाने के बाद भारत सरकार और राज्यों की झांकियां निकलती है, झांकियों के जरिए कला, संस्कृति और विभिन्न योजनाओं को प्रदर्शित किया जाता है। भारतीय सेना द्वारा अस्त्र-शस्त्रों तथा आकाश में एयर शो का भी प्रदर्शन किया जाता है। Happy Republic Day Images 2023 Gantantra Diwas Information in Hindi नाम: गणतंत्र दिवस तिथि: 26 जनवरी (वार्षिक) क्यों: भारत का संविधान लागू हुआ पहली बार: 26 जनवरी 1950 मुख्य अतिथि: अब्देल फतेह अल सिसी (मिस्त्र के राष्ट्रपति) 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत संपूर्ण और स्वतंत्र गणतांत्रिक देश बना, इसी ख़ुशी में देशभर में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस ( Republic Day) मनाया जाता है। 26 जनवरी की तारीख को संविधान लागू करने के लिए इसलिए भी चुना गया, क्योंकि वर्ष 1929 के प्रसिद्ध लाहौर अधिवेशन में हुए फैसले के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 के दिन भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को पूरे राष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस मनाने का भी निश्चय किया गया था, ...

गणतन्त्र दिवस (भारत)

National holiday in India गणतन्त्र दिवस भारत के संविधान की प्रस्तावना का मूल पाठ। ( 1950-01-26). अनुयायी प्रकार उद्देश्य उत्सव परेड, स्कूलों में मिठाई का वितरण, भाषण और सांस्कृतिक नृत्य तिथि 26 जनवरी आवृत्ति वार्षिक गणतन्त्र दिवस एक स्वतन्त्र इस दिन हर भारतीय अपने देश के लिए प्राण देने वाले अमर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के हर कोने मे जगह जगह ध्वजवन्दन होता है और कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्व भर में फैले हुए भारतीय मूल के लोग तथा भारत के दूतावास भी गणतंत्र दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनातें हैं। भारत के हर कोने कोने में मनाया जाता है , और देश के प्रति एक नई उमंग देखने को मिलती है । अनुक्रम • 1 गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य • 2 इतिहास • 3 गणतंत्र दिवस समारोह • 4 गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि • 5 चित्रदीर्घा • 6 इन्हें भी देखें • 7 सन्दर्भ • 8 बाहरी कड़ियाँ गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य [ ] गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि 26 जनवरी 1950 को पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगा कर बनाया गया संविधान लागू किया गया था और हमारे देश भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया। इतिहास [ ] सन् 26 नवंबर दिवस को भारत में गणतंत्र दिवस समारोह [ ] 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा परेड में विभिन्न गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि [ ] भारतीय गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथियों की सूची: वर्ष पद और मुख्य अतिथि का नाम सम्बंधित देश राष्ट्रपति - अब्देल फत्ताह अल सीसी मिस्र 2022 -- कोई मुख्य अतिथि नहीं -- 2021 – कोई मुख्य अतिथि नहीं – 2020 राष्ट्रपति, जेयर बोल्सोनारो ब्राजील 2019 राष्ट्रपति, सिरिल रामाफो...

Aaj Ka Itihas: Why was the constitution adopted on 26 January 1950?

आज का इतिहास: 26 जनवरी को ही क्यों लागू हुआ था भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था. संविधान विशाल देश को एकसूत्र में पिरोने वाली 'आत्मा' है. संविधान को बनने में 2 साल,11 महीने और 18 दिन का समय लगा. पहली परेड में डा. राजेन्द्र प्रसाद ने सेना की सलामी दी थी. तो वहीं उत्साह से भरे देशवासियों को नेहरू ने संबोधित किया था. देखिए, आज का इतिहास • • Jan 26, 2019, 02:01 PM IST 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था. संविधान विशाल देश को एकसूत्र में पिरोने वाली 'आत्मा' है. संविधान को बनने में 2 साल,11 महीने और 18 दिन का समय लगा. पहली परेड में डा. राजेन्द्र प्रसाद ने सेना की सलामी दी थी. तो वहीं उत्साह से भरे देशवासियों को नेहरू ने संबोधित किया था. देखिए, आज का इतिहास

डॉ. आंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता क्यों कहा जाता है?

26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान के उस प्रारूप को स्वीकार किया, जिसे डॉ. बीआर आंबेडकर की अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग कमेटी ने तैयार किया था. इसी रूप में संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ और भारत एक गणराज्य बना. इसी की याद में 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस मनाने का चलन 2015 को शुरू किया गया. यह दिलचस्प है कि ये चलन उस साल शुरू हुआ जब डॉ. आंबेडकर की 125वीं जन्म जयंती मनाई जा रही थी. यह राष्ट्र की तरफ से डॉ. आंबेडकर को दी गई श्रद्धांजलि है. सवाल उठता है कि संविधान सभा की ज्यादातर बैठकों में औसतन 300 सदस्य मौजूद रहे और सभी सदस्यों को संविधान के निर्माण में समान अधिकार प्राप्त था. तो आखिर क्यों डॉ. आंबेडकर को ही संविधान का मुख्य वास्तुकार या निर्माता कहा जाता है? यह बात सिर्फ डॉ. आंबेडकर के व्यक्तित्व और विचारों के समर्थक ही नहीं कहते, बल्कि भारतीय संविधान सभा के सदस्यों ने भी इसे स्वीकारा और विभिन्न अध्येताओं ने भी किसी न किसी रूप में इसे मान्यता दी. नेहरू के आत्मकथा लेखक संविधान सभा के समक्ष संविधान प्रस्तुत करते हुए अपने अंतिम भाषण में डॉ. आंबेडकर ने गरिमा और विनम्रता के साथ इतने कम समय में इतना मुकम्मल और विस्तृत संविधान तैयार करने का श्रेय अपने सहयोगियों को दिया. लेकिन पूरी संविधान सभा इस तथ्य से परिचित थी कि यह एक महान नेतृत्वकर्ता का अपने सहयोगियों के प्रति प्रेम और विनम्रता से भरा आभार है. अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. अभी सब्सक्राइब करें यह भी पढ़ें ...

Republic Day Speech In Hindi 2023 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर बच्चों के लिए सबसे बेस्ट भाषण हिंदी में

गणतंत्रदिवसहरसाल 26 जनवरीकोभारतकेनागरिकोंद्वाराबहुतधूमधामऔरउत्साहकेसाथमनायाजाताहै।दिनकोराष्ट्रीयअवकाशकेरूपमेंचिह्नितकियाजाताहै।इसवर्ष, भारतगुरुवारकोअपना 74वांगणतंत्रदिवस (गणतंत्रदिवस) मनारहाहै।इसअवसरपर, राष्ट्रपतिकर्तव्यपथपरराष्ट्रीयध्वजफहरातेहैं, जिसेपहलेराजपथकेनामसेजानाजाताथा, औरभारतकीपरंपराओं, सांस्कृतिकविरासत, प्रगतिऔरउपलब्धियोंकोप्रदर्शितकरनेवालीपरेडहोतीहै। गणतंत्रदिवस 2022 लेटेस्टन्यूजअपडेट गणतंत्रदिवससेपहलेरविवारकोनईदिल्लीकेराजपथपर 26 जनवरीकेलिएफुलड्रेसपरेडकीरिहर्सलकीगई। 26 जनवरीकोहोनेवालीपरेडकेलिएलालकिलेकीओरजानेवालेमार्गपरविजयचौकसेरिहर्सलशुरूहुई।इसवर्षगणतंत्रदिवसपरेडमेंकुल 21 मेंसेनौमंत्रालयों, राज्योंऔरकेंद्रशासितप्रदेशोंकीकेवल 12 झांकियांदिखाईदेगी।केंद्रसरकारनेकोविड 19 प्रोटोकॉलकेतहतझांकियोंकीसंख्याकमकीहै।प्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीनेरविवारदिल्लीकेइंडियागेटपरस्वतंत्रतासेनानीनेताजीसुभाषचंद्रबोसकीहोलोग्रामप्रतिमाकाअनावरणकिया।इसवर्षगणतंत्रदिवससमारोह 23 जनवरीसुभाषचंद्रबोसकीजयंतीपरशुरूहुआऔरगणतंत्रदिवससमारोह 30 जनवरीकोसमाप्तहोगा, जिसदिनमहात्मागांधीकीहत्याहुईथी। छोटेबच्चोंकेलिएगणतंत्रदिवसकाभाषण (Republic Day Speech In Hindi) सभीटीचर्सकोनमस्ते, आपसभीकोगणतंत्रदिवसकीशुभकामनाएं।आजहमअपनेदेशकेसंविधानकीवर्षगांठमनानेऔरउनलोगोंकेबलिदानकासम्मानकरनेकेलिएएकत्रितहुएहैंजिन्होंनेहमारीआजादीकेलिएलड़ाईलड़ी। 26 जनवरीकोतारीखकेरूपमेंचुनागयाथाक्योंकिइसदिन 1950 मेंभारतीयराष्ट्रीयकांग्रेसनेब्रिटिशराजसेभारतकीस्वतंत्रताकीघोषणा, पूर्णस्वराजकीघोषणाकीथी। धन्यवाद बच्चोंकेलिएगणतंत्रदिवसपरभाषण (Speech On Republic Day 2023 In Hindi) मंचपरपहुंचतेहीसबसेपहलेवंदेमातरम्, भारतमाताकीजयकहें, उसकेबादबोलें, आदरणीयप्र...

भारतीय संसद

बैठक स्थान जालस्थल .nic .in संविधान भारतीय संसद संसद के किसी भी सदन के लिए राष्ट्रपति द्वारा निर्वाचित या मनोनीत लोगों और मंत्रियों को लोक सभा में राष्ट्र की जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं जिनकी अधिकतम संख्या 550 है। राज्य सभा एक स्थायी सदन है जिसमें अधिकतम सदस्य संख्या 250 है। राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन/मनोनयन 6 वर्ष के लिए होता है। जिसके 1/3 सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होते रहते हैं। वर्तमान मे लोकसभा के सदस्यों की संख्या 543 है तथा राज्यसभा के सदस्यों की संख्या 245 है। अनुक्रम • 1 इतिहास व व्युत्पत्ति • 2 संसद की भूमिका • 2.1 राष्ट्रपति • 2.2 राज्यसभा • 2.3 लोक सभा • 2.4 मंत्रिपरिषद • 3 संसद और सरकार • 4 संसद सदस्यों का चुनाव • 4.1 पात्रता • 4.2 चुनाव संबंधी विवाद • 5 संसद के सत्र और बैठकें • 5.1 राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रण • 5.2 संसद के सत्र • 5.3 राष्ट्रपति का अभिभाषण • 5.4 अध्यक्ष/उपाध्यक्ष का चुनाव • 6 कार्यक्रम और प्रक्रिया • 6.1 संसद में प्रश्न पूछना • 6.2 शून्यकाल • 6.3 संसद में जनहित के मामले • 6.4 भाषा • 7 संसद में बजट • 7.1 लेखानुदान • 8 विधायिक प्रक्रिया • 9 संसदीय विशेषाधिकार • 10 सदस्यों के वेतन एवं भत्ते • 11 संसद परिसर • 12 इन्हें भी देखें • 13 सन्दर्भ • 14 बाहरी कड़ियाँ • 14.1 अन्य शब्दावलियाँ इतिहास व व्युत्पत्ति मध्य युग में आकर संसद सभा और समिति जैसी संस्थाएं गायब हो गईं। ऊपर के स्तर पर लोकतंत्रात्मक संस्थाओं का विकास रूक गया। सैकड़ों वर्षों तक हम आपसी लड़ाइयों में उलझे रहे। विदेशियों के आक्रमण पर आक्रमण होते रहे। सेनाएं हारती-जीतती रहीं। शासक बदलते रहे। हम विदेशी शासन की गुलामी में भी जकड़े रहे। सिंध से असम तक और कश्मीर से कन्य...

गणतन्त्र दिवस (भारत)

National holiday in India गणतन्त्र दिवस भारत के संविधान की प्रस्तावना का मूल पाठ। ( 1950-01-26). अनुयायी प्रकार उद्देश्य उत्सव परेड, स्कूलों में मिठाई का वितरण, भाषण और सांस्कृतिक नृत्य तिथि 26 जनवरी आवृत्ति वार्षिक गणतन्त्र दिवस एक स्वतन्त्र इस दिन हर भारतीय अपने देश के लिए प्राण देने वाले अमर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के हर कोने मे जगह जगह ध्वजवन्दन होता है और कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्व भर में फैले हुए भारतीय मूल के लोग तथा भारत के दूतावास भी गणतंत्र दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनातें हैं। भारत के हर कोने कोने में मनाया जाता है , और देश के प्रति एक नई उमंग देखने को मिलती है । अनुक्रम • 1 गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य • 2 इतिहास • 3 गणतंत्र दिवस समारोह • 4 गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि • 5 चित्रदीर्घा • 6 इन्हें भी देखें • 7 सन्दर्भ • 8 बाहरी कड़ियाँ गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य [ ] गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि 26 जनवरी 1950 को पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगा कर बनाया गया संविधान लागू किया गया था और हमारे देश भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया। इतिहास [ ] सन् 26 नवंबर दिवस को भारत में गणतंत्र दिवस समारोह [ ] 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा परेड में विभिन्न गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि [ ] भारतीय गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथियों की सूची: वर्ष पद और मुख्य अतिथि का नाम सम्बंधित देश राष्ट्रपति - अब्देल फत्ताह अल सीसी मिस्र 2022 -- कोई मुख्य अतिथि नहीं -- 2021 – कोई मुख्य अतिथि नहीं – 2020 राष्ट्रपति, जेयर बोल्सोनारो ब्राजील 2019 राष्ट्रपति, सिरिल रामाफो...

Republic Day Speech In Hindi 2023 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर बच्चों के लिए सबसे बेस्ट भाषण हिंदी में

गणतंत्रदिवसहरसाल 26 जनवरीकोभारतकेनागरिकोंद्वाराबहुतधूमधामऔरउत्साहकेसाथमनायाजाताहै।दिनकोराष्ट्रीयअवकाशकेरूपमेंचिह्नितकियाजाताहै।इसवर्ष, भारतगुरुवारकोअपना 74वांगणतंत्रदिवस (गणतंत्रदिवस) मनारहाहै।इसअवसरपर, राष्ट्रपतिकर्तव्यपथपरराष्ट्रीयध्वजफहरातेहैं, जिसेपहलेराजपथकेनामसेजानाजाताथा, औरभारतकीपरंपराओं, सांस्कृतिकविरासत, प्रगतिऔरउपलब्धियोंकोप्रदर्शितकरनेवालीपरेडहोतीहै। गणतंत्रदिवस 2022 लेटेस्टन्यूजअपडेट गणतंत्रदिवससेपहलेरविवारकोनईदिल्लीकेराजपथपर 26 जनवरीकेलिएफुलड्रेसपरेडकीरिहर्सलकीगई। 26 जनवरीकोहोनेवालीपरेडकेलिएलालकिलेकीओरजानेवालेमार्गपरविजयचौकसेरिहर्सलशुरूहुई।इसवर्षगणतंत्रदिवसपरेडमेंकुल 21 मेंसेनौमंत्रालयों, राज्योंऔरकेंद्रशासितप्रदेशोंकीकेवल 12 झांकियांदिखाईदेगी।केंद्रसरकारनेकोविड 19 प्रोटोकॉलकेतहतझांकियोंकीसंख्याकमकीहै।प्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीनेरविवारदिल्लीकेइंडियागेटपरस्वतंत्रतासेनानीनेताजीसुभाषचंद्रबोसकीहोलोग्रामप्रतिमाकाअनावरणकिया।इसवर्षगणतंत्रदिवससमारोह 23 जनवरीसुभाषचंद्रबोसकीजयंतीपरशुरूहुआऔरगणतंत्रदिवससमारोह 30 जनवरीकोसमाप्तहोगा, जिसदिनमहात्मागांधीकीहत्याहुईथी। छोटेबच्चोंकेलिएगणतंत्रदिवसकाभाषण (Republic Day Speech In Hindi) सभीटीचर्सकोनमस्ते, आपसभीकोगणतंत्रदिवसकीशुभकामनाएं।आजहमअपनेदेशकेसंविधानकीवर्षगांठमनानेऔरउनलोगोंकेबलिदानकासम्मानकरनेकेलिएएकत्रितहुएहैंजिन्होंनेहमारीआजादीकेलिएलड़ाईलड़ी। 26 जनवरीकोतारीखकेरूपमेंचुनागयाथाक्योंकिइसदिन 1950 मेंभारतीयराष्ट्रीयकांग्रेसनेब्रिटिशराजसेभारतकीस्वतंत्रताकीघोषणा, पूर्णस्वराजकीघोषणाकीथी। धन्यवाद बच्चोंकेलिएगणतंत्रदिवसपरभाषण (Speech On Republic Day 2023 In Hindi) मंचपरपहुंचतेहीसबसेपहलेवंदेमातरम्, भारतमाताकीजयकहें, उसकेबादबोलें, आदरणीयप्र...

डॉ. आंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता क्यों कहा जाता है?

26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान के उस प्रारूप को स्वीकार किया, जिसे डॉ. बीआर आंबेडकर की अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग कमेटी ने तैयार किया था. इसी रूप में संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ और भारत एक गणराज्य बना. इसी की याद में 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस मनाने का चलन 2015 को शुरू किया गया. यह दिलचस्प है कि ये चलन उस साल शुरू हुआ जब डॉ. आंबेडकर की 125वीं जन्म जयंती मनाई जा रही थी. यह राष्ट्र की तरफ से डॉ. आंबेडकर को दी गई श्रद्धांजलि है. सवाल उठता है कि संविधान सभा की ज्यादातर बैठकों में औसतन 300 सदस्य मौजूद रहे और सभी सदस्यों को संविधान के निर्माण में समान अधिकार प्राप्त था. तो आखिर क्यों डॉ. आंबेडकर को ही संविधान का मुख्य वास्तुकार या निर्माता कहा जाता है? यह बात सिर्फ डॉ. आंबेडकर के व्यक्तित्व और विचारों के समर्थक ही नहीं कहते, बल्कि भारतीय संविधान सभा के सदस्यों ने भी इसे स्वीकारा और विभिन्न अध्येताओं ने भी किसी न किसी रूप में इसे मान्यता दी. नेहरू के आत्मकथा लेखक संविधान सभा के समक्ष संविधान प्रस्तुत करते हुए अपने अंतिम भाषण में डॉ. आंबेडकर ने गरिमा और विनम्रता के साथ इतने कम समय में इतना मुकम्मल और विस्तृत संविधान तैयार करने का श्रेय अपने सहयोगियों को दिया. लेकिन पूरी संविधान सभा इस तथ्य से परिचित थी कि यह एक महान नेतृत्वकर्ता का अपने सहयोगियों के प्रति प्रेम और विनम्रता से भरा आभार है. अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. अभी सब्सक्राइब करें यह भी पढ़ें ...

गणतंत्र दिवस 2023: 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? (इतिहास और मुख्य अतिथि)

Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है? मुख्य अतिथि और इतिहास इंडियन रिपब्लिक डे 2023: 26 जनवरी की तारीख को भारतीय इतिहास में इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी दिन सन् 1950 में भारत का संविधान (Constitution) अस्तित्व में आया और भारत को एक गणतांत्रिक देश घोषित किया गया। इस साल 2023 में हम गणतंत्र दिवस की 74वीं वर्षगांठ मना रहे है। गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है, और इस दिन सरकारी अवकाश होता है। इस मौके पर इंडिया गेट के समीप कर्तव्य पथ पर ध्वजारोहण किए जाने के बाद भारत सरकार और राज्यों की झांकियां निकलती है, झांकियों के जरिए कला, संस्कृति और विभिन्न योजनाओं को प्रदर्शित किया जाता है। भारतीय सेना द्वारा अस्त्र-शस्त्रों तथा आकाश में एयर शो का भी प्रदर्शन किया जाता है। Happy Republic Day Images 2023 Gantantra Diwas Information in Hindi नाम: गणतंत्र दिवस तिथि: 26 जनवरी (वार्षिक) क्यों: भारत का संविधान लागू हुआ पहली बार: 26 जनवरी 1950 मुख्य अतिथि: अब्देल फतेह अल सिसी (मिस्त्र के राष्ट्रपति) 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत संपूर्ण और स्वतंत्र गणतांत्रिक देश बना, इसी ख़ुशी में देशभर में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस ( Republic Day) मनाया जाता है। 26 जनवरी की तारीख को संविधान लागू करने के लिए इसलिए भी चुना गया, क्योंकि वर्ष 1929 के प्रसिद्ध लाहौर अधिवेशन में हुए फैसले के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 के दिन भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। इसी अधिवेशन में 26 जनवरी 1930 को पूरे राष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस मनाने का भी निश्चय किया गया था, ...