2024 में कौन बनेगा प्रधानमंत्री

  1. ABP News C Voter Survey Will Arvind Kejriwal Able To Challenge Narendra Modi In Lok Sabha Elections 2024
  2. 'नीतीश कुमार PM उम्मीदवार नहीं हैं'
  3. Lok Sabha Elections 2024: पटना में विपक्ष को एकजुट कर चाणक्य और चंद्रगुप्त दोनों बनना चाहते हैं नीतीश कुमार
  4. 2023में कौन बनेगा प्रधानमंत्री ?.2024 में भारत का प्रधानमंत्री कौन होगा?
  5. Opposition leaders unity patna rally nitish kumar obstacles in 2024 lok sabha elections against bjp : Opposition Unity: '2024' की चढ़ाई के लिए विपक्ष की एकजुटता में हैं कई बाधाएं, जितने नेता उतनी राहें


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ABP News C Voter Survey Will Arvind Kejriwal Able To Challenge Narendra Modi In Lok Sabha Elections 2024

C-Voter Survey On Modi Vs Kejriwal: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) से पहले बीजेपी (BJP) समेत तमाम विपक्षी दलों ने अपनी कमर कस ली है. क्या अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री सर्वे के दौरान लोगों से पूछा गया कि 2024 में पीएम मोदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती कौन बनेगा, केजरीवाल या नीतीश? • 65 फीसदी लोग मानते हैं कि केजरीवाल पीएम मोदी के लिए चुनौती बनेंगे • 35 फीसदी लोग मानते हैं कि नीतीश कुमार पीएम मोदी के लिए चुनौती बनेंगे केजरीवाल के हौसले बुलंद दिल्ली (Delhi) से अपने सियासी करियर की शुरुआत करने वाले अरविंद केजरीवाल को लेकर आज क्षेत्रीय राजनीती से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पार्टी की साख बनाने में जुटे हुए हैं. केजरीवाल ने दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात समेत कई राज्यों में चुनाव लड़ने का फैसला किया. हांलाकि, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने दिल्ली के बाद केवल पंजाब (Punjab) में जीत हासिल हुई. पंजाब में मिली जीत से अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के हौंसले बुलंद हैं. आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने स्वयं इस साल के अंत में हिमाचल और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों की कमान संभाल रखी है. वही, लगातार गुजरात और हिमाचल का दौरा कर रहे हैं. इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है. अरविंद केजरीवाल ने अपनी रणनीती में बदलाव करते हुए बीजेपी का गढ़ कह जाने वाले गुजरात में अपनी नींव मजबूत करनी शुरू कर दी है. केजरीवाल लगातार गुजरात में रैलियां निकाल रहे हैं. गुजरात के लिए किए कई ऐलान केजरीवाल न...

'नीतीश कुमार PM उम्मीदवार नहीं हैं'

Lok Sabha Elections 2024: अगले लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सरगरमी काफी तेज हो गई है। BJP का मुकाबला करने के लिए एक और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता को एकजुट करने में जुटे हैं। इसी कड़ी में 23 जून को महागठबंधन की बैठक भी बुलाई है। मगर बैठक से पहले JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने नीतीश के PM उम्मीदवारी को लेकर ऐसा बयान दिया है कि राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। पटना में रविवार को JDU प्रदेश कार्यायल में एक मिलन समारोह का आयोजन किया था। इस मिलन समारोह में JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए मंच से कहा कि 'नीतीश कुमार PM पद के उम्मीदवार नहीं है'। दरअसल, ललन सिंह जैसे ही मंच पर संबोधन करने पहुंच तो कार्यकर्ताओं ने नारा लगाना शुरू कर दिया कि 'देश का PM कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो'। 'नीतीश प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं' इस पर कार्यकर्ताओं से ललन सिंह ने अपील करते हुए कहा कि इस तरह के नारे न लगाएं। ललन सिंह ने कहा कि आप लोग जो नारा लगाते हैं, यह विपक्षी एकता के लिए ठीक नहीं है। नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं है। वो केवल विपक्षी एकता को मजबूत कर देश के संविधान की रक्षा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 2024 में विपक्ष की ओर से पीएम पद का उम्मीदवार कौन बनेगा इस बात का फैसला BJP को केंद्र से हटाने के बाद लिया जाएगा। चुनाव के बाद सभी पार्टी मिलकर यह तय करेंगे कि देश का मुखिया कौन होगा। यह भी पढ़ें; ललन सिंह के बयान पर चर्चा अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा होने लगी है कि ललन सिंह ने आखिर ऐसा क्यों कहा? नीतीश के पीएम पद की दावेदारी से विपक्ष में किसे नाराजगी है। क्या कांग्रेस नीतीश को PM पद के उम्मीदवार न...

Lok Sabha Elections 2024: पटना में विपक्ष को एकजुट कर चाणक्य और चंद्रगुप्त दोनों बनना चाहते हैं नीतीश कुमार

Lok Sabha Election 2024: 5 जून 1974 को जयप्रकाश नारायण ने पटना से तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार को चुनौती दी थी। अब उसी पटना में 23 जून को कांग्रेस समेत विपक्ष की तमाम बड़ी पार्टियों का जमावड़ा हो रहा है। ममता बनर्जी से लेकर राहुल गांधी तक और शरद पवार से लेकर अखिलेश यादव तक इस बैठक में शिरकत कर रहे हैं। विपक्षी एकता की इस कोशिश के सूत्रधार हैं नीतीश कुमार, जो विपक्ष को एक झंडे के नीचे लाकर भारतीय राजनीति के चाणक्य और चंद्रगुप्त दोनों एक साथ बनने की फिराक में हैं। पिछले 18 सालों से बिहार के ‘चंद्रगुप्त’ यानी शासक की भूमिका निभा रहे नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अब भारत का ‘चंद्रगुप्त’ बनने के सपने को साकार करना चाहते हैं। मगर कहानी में ट्विस्ट ये है कि सुशासन बाबू ‘चंद्रगुप्त’ के साथ-साथ ‘चाणक्य’ का डबल रोल भी खुद ही करने की फिराक में हैं। ‘चंद्रगुप्त’ इसलिए ताकि भारत के पहले बिहारी प्रधानमंत्री के रूप से शपथ ले सकें और ‘चाणक्य’ इसलिए ताकि मोदी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की बरसों पुरानी प्रतिज्ञा को अमली जामा पहना सकें। मगर लाख टके का सवाल ये है कि ये सब होगा कैसे। विपक्षी एकता का सपना: लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को हराने के लिए समुचा विपक्ष एक ही छत के नीचे इकट्ठा होकर एक इरादे और एक स्वर में विरोध की आवाज उठाए, ये सुनहरा ख्वाब फिलहाल सच होता तो नहीं दिख रहा है। वजह प्रधानमंत्री पद पर एक से कहीं अधिक दावेदारी… राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल तक PM बनने के हसीन सपने देख रहे हैं। नीतीश कुमार भी इनसे जुदा नहीं हैं। पीएम बनने का स्वप्त तो उनके हृदय में 2019 के लोकसभा चुनावों से रही हिलोरे मार रहा है। मगर उसे सच करने का मौका अब तक नहीं मिल पाया। मगर ...

2023में कौन बनेगा प्रधानमंत्री ?.2024 में भारत का प्रधानमंत्री कौन होगा?

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Opposition leaders unity patna rally nitish kumar obstacles in 2024 lok sabha elections against bjp : Opposition Unity: '2024' की चढ़ाई के लिए विपक्ष की एकजुटता में हैं कई बाधाएं, जितने नेता उतनी राहें

23 जून को विपक्ष के शीर्ष नेता पटना में भाजपा के खिलाफ एक व्यापक मोर्चे के गठन पर चर्चा शुरू करने के लिए जुटेंगे। कई दलों के लिए अगले साल होने जा रहे लोकसभा के महत्वपूर्ण आम चुनावों को देखते हुए यह एक आवश्यक सियासी गठबंधन है तो कुछ के विरोधियों – जैसे कि अरविंद केजरीवाल, नीतीश कुमार और शरद पवार – के लिए यह राजनीतिक और व्यक्तिगत सुविधा की दृष्टि से उनका एक और पड़ाव है। वे केजरीवाल द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार की वापसी की ओर इशारा करते हैं, इस बार राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के लिए केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ एक रैली के लिए, जहां उनके बगल में बैठे राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल थे। कांग्रेस नेता के रूप में सिब्बल दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो की “भ्रष्ट” सूची में शीर्ष नामों में से एक रहे हैं। अन्ना हजारे के आंदोलन के शुरुआती वर्षों में, जिसमें केजरीवाल एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे, और बाद में आम आदमी पार्टी ने ऐसे कई नामों की लंबी लिस्ट तैयार की थी। यह और बात है कि मानहानि के मुकदमों से बाहर निकलने के लिए केजरीवाल उनमें से अधिकतर से “माफी” मांगते रहे, जिसमें सिब्बल और उनके बेटे अमित भी शामिल थे। केजरीवाल ने अमित सिब्बल पर हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए कहा था कि जब उनके पिता संचार मंत्री थे तब वह एक दूरसंचार कंपनी के लिए अदालत में पेश हुए थे। जिनको केजरीवाल ने भ्रष्ट कहा था, उन्हीं को बगल में बैठाया दूसरे नेताओं जिनको केजरीवाल ने भ्रष्ट बताया था, उनमें राहुल गांधी, कई यूपीए मंत्री, समाजवादी पार्टी के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव, एनसीपी चीफ शरद पवार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता फार...